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बैंक की नौकरी छोड़ बना किसान, आधुनिक खेती से हर साल कमा रहा 12 लाख

खंडवा जिले के भंडारिया गांव के युवा किसान सौरभ राठौर ने बैंक की सरकारी नौकरी छोड़कर खेती करना शुरु किया और खेती को लाभ का धंधा बनाकर साल भर में 10 से 15 लाख की आमदनी कर रहा है.

बैंक की नौकरी छोड़ युवक बना किसान
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Published : Oct 24, 2019, 11:45 PM IST

Updated : Oct 25, 2019, 10:06 AM IST

खंडवा। कहते हैं कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मुश्किलें खुद ब खुद मंजिल को रास्ता दे देती हैं. भंडारिया गांव के युवा किसान सौरभ राठौर के इसी जज्बे ने उन्हें कामयाबी की बुलंदी पर पहुंचा दिया है. जिस खेती से लोग दूर होते जा रहे हैं, उसी खेती को करने के लिए सौरभ ने बैंक की नौकरी तक छोड़ दी और आज उनकी गिनती प्रदेश के अग्रणी किसानों में होती है.

बैंक की नौकरी छोड़ युवक बना किसान

सौरभ ने सहायक कृषि अभियांत्रिकी विभाग की कस्टम हायरिंग सेंटर योजना के तहत 19 लाख रुपए ऋण लेकर आधुनिक कृषि सयंत्र खरीदे. जिस पर उन्हें 40 फीसदी अनुदान भी मिला. इन यंत्रों की मदद से सौरभ ने परंपरागत खेती से इतर आधुनिक खेती शुरू कर उत्पादन तो बढ़ाया ही, साथ ही यंत्रों को किराये पर देकर उससे भी कमाई की. 20 एकड़ में खेती करने वाला ये युवा किसान अब खेती से सालाना 10 से 15 लाख रुपये की आमदनी कर रहा है. वहीं कृषि अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी बताते हैं कि कस्टमर हायरिंग सेंटर योजना के तहत युवा किसानों को ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराता है.

देश के युवाओं में प्रतिभ की कमी नहीं है. जरुरत है तो बस सही दिशा मिलने की क्योंकि सरकारी योजनाएं कागजों में तो अच्छी लगती हैं, लेकिन उनका लाभ पाने के लिए आवाम को चप्पलें तक घिसनी पड़ जाती हैं. लिहाजा, जरूरत है तो सरकारी योजनाओं को सुगम बनाने की, ताकि आसानी से इसकी पहुंच लाभार्थी तक हो सके. ताकि सौरभ जैसे और भी किसान अपने साथ-साथ देश के विकास में भी अपना योगदान दे सकें.

खंडवा। कहते हैं कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मुश्किलें खुद ब खुद मंजिल को रास्ता दे देती हैं. भंडारिया गांव के युवा किसान सौरभ राठौर के इसी जज्बे ने उन्हें कामयाबी की बुलंदी पर पहुंचा दिया है. जिस खेती से लोग दूर होते जा रहे हैं, उसी खेती को करने के लिए सौरभ ने बैंक की नौकरी तक छोड़ दी और आज उनकी गिनती प्रदेश के अग्रणी किसानों में होती है.

बैंक की नौकरी छोड़ युवक बना किसान

सौरभ ने सहायक कृषि अभियांत्रिकी विभाग की कस्टम हायरिंग सेंटर योजना के तहत 19 लाख रुपए ऋण लेकर आधुनिक कृषि सयंत्र खरीदे. जिस पर उन्हें 40 फीसदी अनुदान भी मिला. इन यंत्रों की मदद से सौरभ ने परंपरागत खेती से इतर आधुनिक खेती शुरू कर उत्पादन तो बढ़ाया ही, साथ ही यंत्रों को किराये पर देकर उससे भी कमाई की. 20 एकड़ में खेती करने वाला ये युवा किसान अब खेती से सालाना 10 से 15 लाख रुपये की आमदनी कर रहा है. वहीं कृषि अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी बताते हैं कि कस्टमर हायरिंग सेंटर योजना के तहत युवा किसानों को ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराता है.

देश के युवाओं में प्रतिभ की कमी नहीं है. जरुरत है तो बस सही दिशा मिलने की क्योंकि सरकारी योजनाएं कागजों में तो अच्छी लगती हैं, लेकिन उनका लाभ पाने के लिए आवाम को चप्पलें तक घिसनी पड़ जाती हैं. लिहाजा, जरूरत है तो सरकारी योजनाओं को सुगम बनाने की, ताकि आसानी से इसकी पहुंच लाभार्थी तक हो सके. ताकि सौरभ जैसे और भी किसान अपने साथ-साथ देश के विकास में भी अपना योगदान दे सकें.

Intro:खंडवा - जब सरकारी योजनाएं कागज़ों से धरातल पर आती है तब मेहनती और लगनशील व्यक्ति की जिंदगी बदल सकती हैं. ऐसा ही कुछ खंडवा के ग्राम भंडरिया के युवा कृषक सौरभ राठौर के साथ हुआ है. सौरभ ने बैंक की नौकरी छोड़कर खेती को चुना. उन्होंने कृषि अभियांत्रिकी विभाग की कस्टम हायरिंग सेंटर योजना ने जीवन बदलकर रख दिया. सौरभ ने आधुनिक कृषि यंत्रों से खेती कर अपनी पैदावार बढ़ाई पैदावार बढ़ने से उन्हें 8-10 लाख सालाना आमदनी हो रही है. साथ ही वे इन यंत्रो को किराए पर देकर 2 लाख सलाना कमा रहे हैं. इस तरह वे 12 लाख सालाना तक मुनाफा ले रहे हैं. खास बात यह हैं कि सौरभ को 2017 - 18 में कृषि विभाग से राज्यस्तरीय पुरुस्कार प्राप्त हुआ था.

Body:कहते हैं कुछ कर दिखाने का जज़्बा हो तो हर मुश्किल खुद ब खुद दूर हो जाती हैं और मेहनत रंग लाती हैं. खंडवा के भंडारिया गाँव के युवा सौरभ राठौर ने अपनी मेहनत और लगन से वो किया. जो आज के दौर में किसी भी युवा के लिए प्रेरणा बन सकती हैं. खंडवा जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर भंडारिया गाँव युवा कृषक सौरभ राठौर ने अपनी मेहनत और कृषि यांत्रिकी विभाग की मदद से वो कारनामा कर दिखाया जिसे देखकर आप भी प्रेरणा ले सकते है. सौरभ बैंक की नौकरी करते थे लेकिन नौकरी में समय की पाबंदी की वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ खेती को चुना और आज वे लाखों कमा रहे हैं. सहायक कृषि अभियांत्रिकी विभाग की कस्टम हायरिंग सेंटर योजना से 19 लाख ऋण लेकर आधुनिक कृषि सयंत्र खरीदे जिस पर 40 प्रतिशत अनुदान मिला. और परम्परागत खेती से इतर आधुनिक तरीके के प्रयोग से खेती में उत्पादन बढ़ाया इससे उनकी आय भी बढ़ गई है. सौरभ 20 एकड़ में खेती कर रहे हैं. रबी के सीजन में गेहूं, चना और बागवानी फसलों की पैदावार लेते हैं. खरीफ़ के सीजन में सोयाबीन, ज्वार और मक्का लगाते हैं. सौरभ इन यंत्रो को किराए पर देकर तकरीबन 2 लाख तक सालाना कमाई भी कर लेते हैं. यंत्रो के प्रयोग से खेती की लागत भी कम हुई और आमदनी बढ़ी हैं. सौरभ के मुताबिक वे खेती के उत्पादन और यंत्रो से कुल 12 लाख सालाना कमा लेते हैं. कृषि में उत्पादन बढाने के लिए उन्हें 2017-18 में राज्य स्तरीय किसान का पुरुस्कार मिला है.
Byte - सौरभ राठौर युवा किसान

कृषि अभियांत्रिकी विभाग खेती में उपयोग करने वाले यंत्र कस्टमर हायरिंग सेंटर योजना के तहत युवा किसानों को ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराता है. इसमें कस्टमर हायरिंग सेंटर के माध्यम से किसान अपने खेत मे पैदावार बढ़ाता है. और आसपास के क्षेत्र के किसानों रियायत पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराते है. जिससे उस क्षेत्र के किसानों की पैदावार बढ़ जाती है.
Byte - अमित सोलंकी, सहायक कृषि अभियांत्रिकी विभाग

कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से ऋण पर खेती उपयोगी यंत्र युवा किसानों उपलब्ध कराने का काम करता है. युवा किसानो को सेंटर खुलवाकर देते है. जिससे वह अपने खेत मे पैदावार बढ़ा रहे और अपने आसपास के किसानों को कम किराए पर कृषि यह यंत्र देते है.
Byte - अमित सोलंकी, सहायक कृषि अभियांत्रिकी विभाग

युवा किसान इस योजना से लाभ लेकर अपने खेत को ट्रेक्टर के माध्यम से उत्पादन बढ़ा सकते है. कृषि यंत्रो के उपयोग से जीवन बदलने का काम कर रहे हैं. आसपास के किसान भी सेंटर से यंत्रो के माध्यम से अपने खेतों में उत्पादन बढ़ा कर खुशहाल जीवन जी रहे है.
Byte - सौरभ राठौर, युवा कृषक Conclusion:कस्टम हायरिंग योजना के माध्यम से युवा किसानों को खेती संयंत्र उपलब्ध कराने का काम कृषि अभियांत्रिकी विभाग करता है. विभाग गांव के 10 वी 12 वी पास युवा जो खेती का कार्य करते है. उनको सेंटर खुलवाकर देते है. युवा इस योजना में 7 कृषि उपयोगी संयन्त्र खरीदना अनिवार्य होता है , ट्रेक्टर , कल्टीवेटर , रोटावेटर , ड्रिप फर्टिलाइजर , रेजवेज प्लांटर जैसे यंत्र लिया जाना जरूरी है.
Byte - अमित सोलंकी, सहायक कृषि अभियांत्रिकी विभाग
Note - कृषक की बाईट सौरभ राठौर मोजो से भेजी हैं
Last Updated : Oct 25, 2019, 10:06 AM IST
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