खंडवा। कहते हैं कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मुश्किलें खुद ब खुद मंजिल को रास्ता दे देती हैं. भंडारिया गांव के युवा किसान सौरभ राठौर के इसी जज्बे ने उन्हें कामयाबी की बुलंदी पर पहुंचा दिया है. जिस खेती से लोग दूर होते जा रहे हैं, उसी खेती को करने के लिए सौरभ ने बैंक की नौकरी तक छोड़ दी और आज उनकी गिनती प्रदेश के अग्रणी किसानों में होती है.
सौरभ ने सहायक कृषि अभियांत्रिकी विभाग की कस्टम हायरिंग सेंटर योजना के तहत 19 लाख रुपए ऋण लेकर आधुनिक कृषि सयंत्र खरीदे. जिस पर उन्हें 40 फीसदी अनुदान भी मिला. इन यंत्रों की मदद से सौरभ ने परंपरागत खेती से इतर आधुनिक खेती शुरू कर उत्पादन तो बढ़ाया ही, साथ ही यंत्रों को किराये पर देकर उससे भी कमाई की. 20 एकड़ में खेती करने वाला ये युवा किसान अब खेती से सालाना 10 से 15 लाख रुपये की आमदनी कर रहा है. वहीं कृषि अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी बताते हैं कि कस्टमर हायरिंग सेंटर योजना के तहत युवा किसानों को ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराता है.
देश के युवाओं में प्रतिभ की कमी नहीं है. जरुरत है तो बस सही दिशा मिलने की क्योंकि सरकारी योजनाएं कागजों में तो अच्छी लगती हैं, लेकिन उनका लाभ पाने के लिए आवाम को चप्पलें तक घिसनी पड़ जाती हैं. लिहाजा, जरूरत है तो सरकारी योजनाओं को सुगम बनाने की, ताकि आसानी से इसकी पहुंच लाभार्थी तक हो सके. ताकि सौरभ जैसे और भी किसान अपने साथ-साथ देश के विकास में भी अपना योगदान दे सकें.