खंडवा। सिर में कुल्हाड़ी मारकर गुलाब सिंह की हत्या करने वाले निर्भय सिंह को शुक्रवार उम्रकैद की सजा दी गई. फैसला जिला एवं सत्र न्यायाधीश एलडी बौरासी ने दिया. इसके साथ ही निर्भय सिंह पर पांच सौ रुपये का जुर्माना लगाया गया. मामले की पैरवी जिला लोक अभियोजन अधिकारी राजेंद्र सिंह भदौरिया ने की. दरअसल 19 जून 2020 को गुलाब सिंह, पामाखेड़ी जंगल में तेंदू पत्ता तोड़ने गया था और वह जंगल में ही वह झोपड़ी बनाकर रहता था. गांव के अन्य लोग भी उसी की तरह से जंगल में झोपड़ी बनाकर रह रहे थे. इस दिन शाम में करीब छह बजे खाना बना रहा था. इस बीच गांव में रहने वाला निर्भय सिंह, अपने भाई राजा और पिता चैन सिंह के साथ वहां आ गया. अपराधी ने गुलाब सिंह से कहा कि वह बार-बार उनसे बारिश में काम आने वाली त्रिरपाल के रुपये क्यों मांगता है.
अस्पताल लेते वक्त मौत
इस बात पर तीनों ने गुलाब सिंह से विवाद किया. विवाद बढ़ने पर निर्भय सिंह ने गुलाब सिंह के सिर पर कुल्हाड़ी मार दी. हादसे को अंजाम देकर सभी आरोपी वहां से भाग गए. इस बीच गांव के कुछ लोग गुलाबसिंह को उठाकर पामाखेड़ी ले आए. यहां से पुनासा अस्पताल ले जाने के दौरान गुलाब सिंह की मौत हो गई. इस मामले में गुलाब सिंह के नाती राहुल सिंह की शिकायत पर पुलिस ने निर्भय सिंह, राजा और चैन सिंह पर प्रकरण दर्ज किया था. इस मामले में राजा और चैन सिंह को कोर्ट ने दोष मुक्त करते हुए सिर्फ निर्भय सिंह को उम्र कैद की सजा दी.
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त्रिरपाल मांगने पर विवाद
ग्राम पामाखेड़ी में रहने वाले 70 वर्षीय वृद्ध गुलाब सिंह ने अपने घर के पास रहने वाले निर्भय सिंह को पिछले साल बारिश में टप्पर ढाकने के लिए बरसाती दी थी. निर्भय सिंह के टपर की छत से बारिश का पानी टपक रहा था. इसके लिए गुलाब सिंह ने अपने पास की करीब 100 रुपए की पन्नी उसे छत ढाकने के लिए यह कहते हुए दे दी, कि वह जब उसे जरूरत होगी वह वापस कर देगा. एक साल हो जाने के बाद भी निर्भय सिंह ने बरसाती वापस नहीं की. गुलाब सिंह बरसाती के लिए निर्भय सिंह के तकाजा लगाता रहा लेकिन उसने उसे त्रिरपाल देने से मना कर दिया.