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दिव्यांगों के लिए बनाते हैं कृत्रिम अंग, इस केंद्र में मिलता है दिव्यांगों को सहारा - katni latest news

कटनी के जिला अस्पताल में भगवान महावीर विकलांग पुनर्स्थापना केंद्र में 1993 से दिव्यांगों के लिए काम कर रही है. इसमें कई लोंगों को कृत्रिम अंग के माध्यम से नई जिंदगी दी है.

Two Divyang artisans associated with service at Bhagwan Mahaveer Restoration Center
दिव्यांगों का सहारा बना ये केंद्र
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Published : Dec 10, 2019, 10:59 PM IST

कटनी। जिला अस्पताल परिसर में भगवान महावीर पुनर्स्थापना केंद्र में सेवा भाव से जुड़े दो दिव्यांग कारीगर मानवता की मिसाल बने हुए हैं. राजस्थान के कोटा निवासी दिव्यांग जगन लाल ने बताया कि पोलियो जैसी बीमारी का शिकार होने के बाद मन में विचार आया कि वो दिव्यांग लोगों की सेवा करेंगे. तभी से फोटो फ्रेमिंग के माध्यम से वो हर सप्ताह केंद्र में पहुंचकर दिव्यांगों के लिए कृतिम उपकरण तैयार कर दिव्यांगों की सेवा करते हैं.

दिव्यांगों का सहारा बना ये केंद्र

संस्था बना दिव्यांगों का सहारा
डॉक्टर संदीप ने बताया कि कटनी जिले की संस्था भगवान महावीर विकलांग पुनर्स्थापना केंद्र में 1993 से दिव्यांगों के लिए काम कर रही है. जिसमें अब तक हजारों लोगों को कृतिम उपकरणों से लाभांवित किया जा चुका है. यहां पर दिव्यांग कारीगर ऑर्थोपेडिक शूज, आर्टिफिशियल हैंड, मिडिल एज गार्ड आदि का निर्माण कर दिव्यांगों के लिए सहारा बने हुए हैं. डॉक्टर संदीप ने बताया कि इस संस्था में हर सप्ताह शिविर का आयोजन होता है, जिसमें जिले सहित अन्य जिलों के दिव्यांग यहां पहुंचते हैं जिनका इलाज किया जाता है.

1993 में केंद्र की स्थापना के समय तत्कालीन कलेक्टर संजयबंद उपाध्याय के सौजन्य से विशाखापट्टनम की टीम ने 156 बच्चों का पोलियो के ऑपरेशन किया गया था. उसके बाद उनको कैलिपर्स लगाए गए, दिव्यांगों के लिए पैर बनाए गए, वहीं अन्य जिलों में भी शिविर लगाकर जरूरतमंदों की मदद की गई.

दिव्यांगों के लिए बनाते हैं कृत्रिम अंग, इस केंद्र में मिलता है दिव्यांगों को सहारा

कटनी। जिला अस्पताल परिसर में भगवान महावीर पुनर्स्थापना केंद्र में सेवा भाव से जुड़े दो दिव्यांग कारीगर मानवता की मिसाल बने हुए हैं. राजस्थान के कोटा निवासी दिव्यांग जगन लाल ने बताया कि पोलियो जैसी बीमारी का शिकार होने के बाद मन में विचार आया कि वो दिव्यांग लोगों की सेवा करेंगे. तभी से फोटो फ्रेमिंग के माध्यम से वो हर सप्ताह केंद्र में पहुंचकर दिव्यांगों के लिए कृतिम उपकरण तैयार कर दिव्यांगों की सेवा करते हैं.

दिव्यांगों का सहारा बना ये केंद्र

संस्था बना दिव्यांगों का सहारा
डॉक्टर संदीप ने बताया कि कटनी जिले की संस्था भगवान महावीर विकलांग पुनर्स्थापना केंद्र में 1993 से दिव्यांगों के लिए काम कर रही है. जिसमें अब तक हजारों लोगों को कृतिम उपकरणों से लाभांवित किया जा चुका है. यहां पर दिव्यांग कारीगर ऑर्थोपेडिक शूज, आर्टिफिशियल हैंड, मिडिल एज गार्ड आदि का निर्माण कर दिव्यांगों के लिए सहारा बने हुए हैं. डॉक्टर संदीप ने बताया कि इस संस्था में हर सप्ताह शिविर का आयोजन होता है, जिसमें जिले सहित अन्य जिलों के दिव्यांग यहां पहुंचते हैं जिनका इलाज किया जाता है.

1993 में केंद्र की स्थापना के समय तत्कालीन कलेक्टर संजयबंद उपाध्याय के सौजन्य से विशाखापट्टनम की टीम ने 156 बच्चों का पोलियो के ऑपरेशन किया गया था. उसके बाद उनको कैलिपर्स लगाए गए, दिव्यांगों के लिए पैर बनाए गए, वहीं अन्य जिलों में भी शिविर लगाकर जरूरतमंदों की मदद की गई.

Intro:कटनी । शरीर के एक अंग में यदि कांटा भी चुभ जाता है तो वह इंसान के लिए असहनीय दर्द हो जाता है, लेकिन यदि किसी के हाथ व पैर कट जाए ओर चलने लायक ना हो तो लाचारी सिर्फ पीड़ित ही समझ सकते हैं । दिव्यांगों को खुद दिव्यांगों ने समझा और दिव्यांगों को उनके पैरों पर खड़ा करने के लिए कई वर्षों से कृत्रिम पैर हाथ आदि तैयार कर दिव्यांगों की सेवा करने में जुटे हुए है । जी हां हम बात कर रहे हैं जिला अस्पताल परिसर में भगवान महावीर पुनर्स्थापना केंद्र में सेवा भाव से जुड़े दो दिव्यांग कारीगरों की जिन्होंने हादसे और कुदरत की मार से दिव्यांगता का दंश झेल कर दिव्यांगों की पीड़ा हारने का काम कर समाज में मिसाल बने हुए हैं । राजस्थान के कोटा निवासी जगन लाल ने बताया कि पोलियो जैसी बीमारी का शिकार हो गया था । तब मन में विचार आया कि वह पीड़ित मानवता की सेवा करेंगे तभी से फोटो फ्रेमिंग के माध्यम से वह हर सप्ताह केंद्र में पहुंचकर दिव्यांगों के लिए कृतिम उपकरण तैयार कर दिव्यांगों की सेवा में जुटे हुए हैं ।


Body:वीओ - डॉक्टर संदीप ने बताया कि कटनी जिले की संस्था भगवान महावीर विकलांग पुनर्स्थापना केंद्र में 1993 से दिव्यांगों के लिए काम कर रहे हैं । जिसमें अब तक 4870 पीड़ितों के ऑपरेशन 1770 पोलियो से ग्रसित बच्चों के ऑपरेशन सहित हजारों लोगों को कृतिम उपकरणों से लाभांवित किया जा चुका है। यहां पर दिव्यांग कारीगर कैलिपर्स लिक्स वैशाखी ऑर्थोपेडिक शूज, आर्टिफिशल हैंड ,मिडिल आज निगार्ड आदि का निर्माण कर दिव्यांगों के लिए सहारा बने हुए हैं ।


Conclusion:फाईनल - 1993 में केंद्र की स्थापना हुई तत्कालीन कलेक्टर संजयबंद उपाध्याय के सौजन्य से विशाखापटनम की टीम के द्वारा 156 बच्चों की पोलियो के ऑपरेशन कराए गए। उसके बाद कोटा वालों को बुलाकर उनको कैलिपर्स लगाए गए, दिव्यांगों के लिए पैर बनाए गए ,अन्य जिलों में भी शिविर लगाकर जरूरतमंदों की मदद की गई । समाजसेवी द्वारा के जन सहयोग से केंद्र बनाया गया। डॉक्टर संदीप ने यह भी बताया कि इस संस्था केंद्र में हर सप्ताह शिविर का आयोजन होता है जिसमें जिले सहित अन्य जिलों के दिव्यांग यहां पहुंचते हैं जिनका इलाज किया जाता है ।

बाईट - जगन लाल - कोटा निवासी सेवा धारी
बाईट - डॉक्टर संदीप
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