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झाबुआः गेहूं खरीदी का काम हुआ शुरु, पहले दिन कम किसान पहुंचे उपार्जन केंद्र

मध्यप्रदेश में किसानों की उपज को समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का काम शुरू कर दिया गया है. आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में किसानों की उपज को खरीदने के लिए जिले में 20 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन पहले दिन उपार्जन केंद्र में किसानों की संख्या बहुत कम रही.

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Published : Apr 15, 2020, 4:09 PM IST

Wheat procurement has started, fewer farmers reach the earning center on the first day
पहले दिन कम किसान पहुंचे उपार्जन केंद्र

झाबुआ। लॉकडाउन के बीच मध्यप्रदेश में किसानों की उपज को समर्थन मूल्य पर खरीदी का काम शुरू हो गया है. आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में किसानों की उपज को खरीदने के लिए जिले में 20 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर 10 हजार पंजीकृत किसान अपनी फसल समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे. गेहूं खरीदी के पहले दिन, जिले में सवा सौ के लगभग किसानों को एसएमएस के माध्यम से अपनी उपज बेचने के लिए बुलाया गया.

जिले में इस बार अच्छी बारिश के चलते गेहूं का रकबा भी बढ़ा है, लिहाजा पैदावार भी अच्छी हुई है. लॉकडाउन के चलते पिछले 20 दिनों से किसान गेहूं की फसल को ना तो बाजार में बेच पा रहे थे और ना ही समितियों को तुलवा पा रहे थे. जिसके चलते किसानों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा था. प्रदेश सरकार किसानों से 1925 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीद रही है. किसान अपनी उपज अपने नजदीकी व्यापारी को भी विक्रय कर सकता है.

केंद और राज्य सरकार द्वारा कृषि खाद्यान्न की बिक्री को लेकर बनाए गए नियमों और निर्देशों के तहत आज से झाबुआ में गेहूं की खरीदी शुरू हो गई. जिले में खरीदी के पहले दिन गेहूं उपार्जन केंद्रों पर उम्मीद से कम किसान अपनी उपज ले कर आए. जिले के मेघनगर उपार्जन केंद्र पर 6 किसानों को अपनी उपज लेकर बुलाया गया था, लेकिन दोपहर तक केवल एक ही किसान अपनी फसल लेकर पहुंचा था. निर्देश के अनुसार कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए खरीदी केंद्रों पर किसानों और कर्मचारियों के हाथ धोने के लिए साबुन और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई. मजदूर भी यहां पर अपना मुंह ढके नजर आए, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन यहां नहीं हो सका.

झाबुआ। लॉकडाउन के बीच मध्यप्रदेश में किसानों की उपज को समर्थन मूल्य पर खरीदी का काम शुरू हो गया है. आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में किसानों की उपज को खरीदने के लिए जिले में 20 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं, जहां पर 10 हजार पंजीकृत किसान अपनी फसल समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे. गेहूं खरीदी के पहले दिन, जिले में सवा सौ के लगभग किसानों को एसएमएस के माध्यम से अपनी उपज बेचने के लिए बुलाया गया.

जिले में इस बार अच्छी बारिश के चलते गेहूं का रकबा भी बढ़ा है, लिहाजा पैदावार भी अच्छी हुई है. लॉकडाउन के चलते पिछले 20 दिनों से किसान गेहूं की फसल को ना तो बाजार में बेच पा रहे थे और ना ही समितियों को तुलवा पा रहे थे. जिसके चलते किसानों को परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा था. प्रदेश सरकार किसानों से 1925 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीद रही है. किसान अपनी उपज अपने नजदीकी व्यापारी को भी विक्रय कर सकता है.

केंद और राज्य सरकार द्वारा कृषि खाद्यान्न की बिक्री को लेकर बनाए गए नियमों और निर्देशों के तहत आज से झाबुआ में गेहूं की खरीदी शुरू हो गई. जिले में खरीदी के पहले दिन गेहूं उपार्जन केंद्रों पर उम्मीद से कम किसान अपनी उपज ले कर आए. जिले के मेघनगर उपार्जन केंद्र पर 6 किसानों को अपनी उपज लेकर बुलाया गया था, लेकिन दोपहर तक केवल एक ही किसान अपनी फसल लेकर पहुंचा था. निर्देश के अनुसार कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए खरीदी केंद्रों पर किसानों और कर्मचारियों के हाथ धोने के लिए साबुन और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई. मजदूर भी यहां पर अपना मुंह ढके नजर आए, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन यहां नहीं हो सका.

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