झाबुआ। आदिवासी समुदाय के मजदूर हर साल रोजी-रोटी के लिए भारत के अलग-अलग राज्यों में पलायन करते हैं. कोरोना संकट के चलते लगे लॉकडाउन में ये श्रमिक अब देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं, जिसे लेकर दोनों ही राजनीतिक दलों के नेता सियासत कर रहे हैं.
गुजरात में मजदूरी करने गए हजारों श्रमिकों की घर वापसी के बाद विधायक कांतिलाल भूरिया ने सीएम शिवराज से मिलकर देश के अन्य भागों में फंसे रतलाम झाबुआ और अलीराजपुर जिले के श्रमिकों को भी सकुशल घर लाने की मांग की है.
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माननीय प्रधानमंत्री जी @narendramodi माननीय रेल मंत्री जी @PiyushGoyal आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारी लोकसभा के हमारे बहुत से भाई-बहन, प्रदेश से दुरस्त राज्यों में फंसे हुए हैं और इन्हें रेल के माध्यम से लाने में सुविधा होगी। अतः आपसे रेल का संचालन शुरू करने का निवेदन है।
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— Guman Singh Damor (@DamoreGuman) April 28, 2020माननीय प्रधानमंत्री जी @narendramodi माननीय रेल मंत्री जी @PiyushGoyal आपसे विनम्र निवेदन है कि हमारी लोकसभा के हमारे बहुत से भाई-बहन, प्रदेश से दुरस्त राज्यों में फंसे हुए हैं और इन्हें रेल के माध्यम से लाने में सुविधा होगी। अतः आपसे रेल का संचालन शुरू करने का निवेदन है।
— Guman Singh Damor (@DamoreGuman) April 28, 2020
इसी बात को लेकर रतलाम से बीजेपी सांसद गुमान सिंह डामोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री को ट्वीट किया है. संसद में मजदूरों की घर वापसी के लिए रेल सुविधा शुरू करने की मांग भी की है. दोनों ही दलों के नेताओं को अब श्रमिक वर्ग की याद सताने लगी है. इन नेताओं ने कभी इन हजारों श्रमिकों के रोजगार की चिंता नहीं की और अब इनकी घर वापसी के नाम पर अपना चेहरा चमकाने निकले हैं.
सालों तक जिले में रोजगार ना मिलने का दंश झेलने वाले मजदूरों पर अब सियासत होने लगी है. दोनों ही दलों को मालूम है कि 3 मई तक देश में संपूर्ण लॉकडाउन है. बावजूद प्रधानमंत्री ने मंशा के उल्टे ये नेता श्रमिकों के नाम पर राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं.