झाबुआ। जिले की सभी जनपदों पंचायतों में 5 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक आधार कैंप लगाए जा रहे हैं, जिसमें तय फीस के साथ आधार कार्ड बनाने और बने हुए आधार कार्ड में संशोधन का काम चल रहा है. लेकिन मेघनगर में शुक्रवार को अचानक सभी आधार ऑपरेटर शिविर छोड़कर गायब हो गए, जिससे दूर के गांव से आए ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
मेघनगर जनपद पंचायत द्वारा स्थानीय कम्युनिटी हॉल में ग्रामीणों के आधार संशोधन और आधार कार्ड बनाने के लिए तीन ऑपरेटरों को बिठाया गया था. जो बिना अधिकारियों को सूचना दिए बीच कैंप से ही गायब हो गए. विकासखंड के दूर के गांवों से आए ग्रामीणों को इस दौरान भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए आधार शिविर में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे अपने आधार कार्ड बनवाने के और संशोधन के लिए पहुंचे थे, जहां घंटों इंतजार के बाद भी उन्हें आधार कार्ड नहीं मिला.
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आधार शिविर स्थल से ऑपरेटर द्वारा बिना बताए गायब होने की जानकारी मिलने के बाद जनपद पंचायत के सीईओ वीरेंद्र सिंह रावत मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं है कि ऑपरेटर शिविर छोड़कर क्यों चले गए. इस मामले की जानकारी सब-डिविजनल अधिकारी को होने के बावजूद उन्होंने इस मामले में कोई तत्परता नहीं दिखाई. कोरोना संकट के बावजूद ग्रामीण दूर-दराज के गांव से किराया खर्च कर यहां पहुचे थे, ताकि सरकारी कामों में लगने वाले आधार कार्ड बनाया जा सकें.