झाबुआ। 22 अगस्त से गणेश उत्सव देशभर में मनाया जा रहा है. लेकिन गणेशोत्सव भी इस बार कोरोना वायरस की चपेट में आ गया है. इस साल कोरोना संक्रमण के चलते प्रशासन ने पंडाल और भव्य रूप से पूजा-पाठ पर प्रतिबंध लगाया है, जिस वजह से मूर्तिकार और गणेश उत्सव के दौरान कमाई करने वाले अन्य लोग मायूस हैं, वहीं झाबुआ में 3 दिनों से जारी बारिश ने मुसीबत और बढ़ा दी है.
कोरोना के चलते कई लोगों ने अपने व्यापार बदल लिए, तो कई बेरोजगार हो गए हैं. विश्वव्यापी कोरोना के बढ़ते प्रभाव से आर्थिक गतिविधियां ठप सी हो गई हैं, सरकार जैसे-तैसे बाजारों को फिर से रफ्तार देने की कोशिश कर रही हैं. त्योहारों के दौरान बाजारों के खुलने के बाद भी बारिश ने अड़चन डालना शुरू कर दिया है.
मूर्ति विक्रेताओं को अनुमान था कि हर साल की तरह इस साल भी लोग अपने घरों में गणेश प्रतिमाओं की स्थापना करेंगे, मगर जिले में हो रही मूसलाधार बारिश ने ग्राहकों को दुकानदारों तक पहुंचने का समय ही नहीं दिया, जिसके चलते दुकानदारों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. मूर्ति विक्रेताओं से लेकर गणेश प्रतिमा और पंडालों में डेकोरेशन का कारोबार और मिठाइयों की दुकानें भी इस बार मंदी की भेंट चढ़ गईं.
मूर्तिकारों ने गणेश प्रतिमाओं के विक्रय से दो पैसे कमाने की सोची थी, मगर 48 घंटों से जारी की बारिश के कारण न तो प्रतिमाये बिकी ओर ना लाभ हुआ, उल्टा नुकसान झेलना पड़ा. अब जो प्रतिमाएं बची हुई है, उन्हें भी साल भर तक सुरक्षित रखना चुनौती साबित होगा.