झाबुआ। पेटलावद क्षेत्र में माही परियोजना के अंतर्गत करोड़ों की लागत से बनाई गई नहर ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. नहर का पानी तालाब बड़ा गांव के किसानों के खेतों में घुस जाता है, जिससे उनकी लाखों की फसल बर्बाद हो गई है, लिहाजा किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं.
करोड़ों रुपए की लागत से बनी नहर से किसानों के खेत बने तालाब, लाखों की फसल बर्बाद - MP News
झाबुआ जिले में नहर निर्माण एजेंसी की लापरवाही का खामियाजा तालाब बड़ा गांव के किसानों को भुगतना पड़ रहा है. बारिश के चलते नहर का पानी किसानों के खेतों में पहुंच गया, जिससे किसानों की लाखों रुपए की फसल बर्बाद हो गई है.
किसानों की फसल पानी से बर्बाद
झाबुआ। पेटलावद क्षेत्र में माही परियोजना के अंतर्गत करोड़ों की लागत से बनाई गई नहर ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. नहर का पानी तालाब बड़ा गांव के किसानों के खेतों में घुस जाता है, जिससे उनकी लाखों की फसल बर्बाद हो गई है, लिहाजा किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं.
Intro:झाबुआ: जिले के पेटलावद क्षेत्र में माही परियोजना के अंतर्गत बनी नैहरे रायपुरिया के तालाब बड़ा गांव के किसानों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है । नहर निर्माण के दौरान रास्ते में आ रहे हैं नाले पर किसानों ने पुलिया बनाने की मांग निर्माण एजेंसी से की थी किंतु डब्ल्यू आर डी ने किसानों की बातों पर ध्यान नहीं दिया और नाले में पाइप डाल दिए जो किसानों की रोजी-रोटी छीन रहे।
Body: जिले में कल हुई बारिश के चलते नाले का पानी ओवरफ्लो हो गया और पाइप के ऊपर से बहने लगा नाले के दूसरी तरफ तालाबपाड़ा के 50 से अधिक किसानों के खेत है, जिनमें पानी भर गया। खेतों में पानी भर जाने से उनमें लगी फसल बर्बाद हो गई। आज सुबह जब किसानों ने अपने खेतों पर पहुचे तो उनके खेत तालाब का रूप ले चुके थे ।
Conclusion:. माही परियोजना में करोड़ों की लागत से नहर बनाई गई किंतु कहीं जगह किसानों की मांग के अनुसार नाले और पुलियाओं का काम नहीं किया गया । जिसके चलते हर बरसात में नहर के आसपास के खेतों में पानी भर जाने की समस्या आ रही है ओर किसानों को हर साल लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है । तालाब पाड़ा के दर्जनों किसानों ने खेतों में पानी भर जाने की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी थी बावजूद मौके पर किसी भी अधिकारी ने मौका मुआयना करना भी मुनासिब नहीं समझा जिससे किसान चिंतित है ।
बाइट रणजी, पीड़ित किसान
Body: जिले में कल हुई बारिश के चलते नाले का पानी ओवरफ्लो हो गया और पाइप के ऊपर से बहने लगा नाले के दूसरी तरफ तालाबपाड़ा के 50 से अधिक किसानों के खेत है, जिनमें पानी भर गया। खेतों में पानी भर जाने से उनमें लगी फसल बर्बाद हो गई। आज सुबह जब किसानों ने अपने खेतों पर पहुचे तो उनके खेत तालाब का रूप ले चुके थे ।
Conclusion:. माही परियोजना में करोड़ों की लागत से नहर बनाई गई किंतु कहीं जगह किसानों की मांग के अनुसार नाले और पुलियाओं का काम नहीं किया गया । जिसके चलते हर बरसात में नहर के आसपास के खेतों में पानी भर जाने की समस्या आ रही है ओर किसानों को हर साल लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है । तालाब पाड़ा के दर्जनों किसानों ने खेतों में पानी भर जाने की जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी थी बावजूद मौके पर किसी भी अधिकारी ने मौका मुआयना करना भी मुनासिब नहीं समझा जिससे किसान चिंतित है ।
बाइट रणजी, पीड़ित किसान