झाबुआ। अनलॉक 1.0 की शुरूआत के बाद प्रदेश सरकार ने तमाम पब्लिक ट्रांसपोर्ट को वाहन सेवाएं जिलों में शर्तों के साथ शुरू करने और अंतरराज्यीय बसों के परिवहन पर रोक लगाने के आदेश दिए थे. जबकि इस आदेश के उलट झाबुआ जिले में स्थानीय स्तर पर बसों की शुरूआत तो नहीं हुई, लेकिन अंतरराज्यीय बसों का परिवहन धड़ल्ले से जारी है. एक तरफ यात्रियों को जिले में एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए साधन नहीं मिल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ दूसरे राज्यों में जाने वाले यात्रियों से बस संचालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं. कुल मिलाकर आम आदमी ही इस चक्की में पिस रहा है.
पुलिस पर हमला
बस संचालकों का साफ कहना है कि प्रदेश सरकार की शर्तों के मुताबिक बसों का संचालन करना संभव नहीं है. 50 फीसदी यात्री संख्या के साथ बस चलाएंगे तो इसमें भारी नुकसान होगा. उनकी मांग है कि सरकार टैक्स कम करे. बस संचालक जिले में कमीशन खोरी का जाल फैलाकर युवाओं को फंसा रहे हैं. अंतरराज्यीय सवारी लाने पर इन युवकों को कमीशन दिया जा रहा है. साथ ही इनसे प्रोटेक्शन भी लिया जा रहा है. अब हालात ये हो गए हैं कि इस तरह के ग्रुप पुलिस पर भी हावी होने लगे हैं. हालात ये हैं इसी तरह के एक ग्रुप ने पुलिस पर हमला तक कर दिया था.
दो गुना किराए की वसूली
झाबुआ से गुजरात जाने वाले मजदूरों का खूब शोषण हो रहा है. इनसे 3 गुना ज्यादा किराए की वसूली हो रही है. साथ ही कोविड-19 से बचाव के कोई इंतजाम भी नहीं हैं. करोना काल से पहले झाबुआ से राजकोट का किराया 400 से 500 रूपए प्रति व्यक्ति था, मगर इन दिनों ये बढ़कर एक हजार से 12 सौ रूपए तक हो गया है. इसी तरह झाबुआ से सूरत, वापी ,वलसाड ,मोरबी जाने वाले यात्रियों का हाल है.
सरकारी आदेश की उड़ाई जा रहीं धज्जियां
बता दें 3 जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्रालय के अवर सचिव ने प्रदेश के सभी कलेक्टर को एक पत्र जारी किया था, जिसमें अंतरराज्यीय बसों के परिवहन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश थे. इस आदेश को सर्वोच्च प्राथमिकता से लागू करने के निर्देश जिला अधिकारियों को दिए गए थे. लेकिन जिले में इस आदेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रहीं हैं.
पुलिस कप्तान बेखबर
जिले के इन हालातों के बारे में जब एसपी आशुतोष गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय बस सेवाओं पर पूरी तरह पाबंदी है. अगर कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हैरानी की बात है कि ये गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है. पुलिस पर हमला होता है. फिर भी कप्तान को इसकी कोई खबर नहीं है.