झाबुआ। जनजाति समुदाय के लोक पर्व और लोक संस्कृति के रूप में पहचाने जाने वाले भगोरिया पर्व की इन दिनों झाबुआ जिले में खूब धूम मची हुई है. जिले के अलग-अलग स्थानों पर लगने वाले हाट बाजारों के वृहद स्वरूप को भगोरिया पर्व कहा जाता है, जो होलिका दहन के पूर्व जिले के साथ प्रमुख स्थानों में रहता है. जिले में सात दिनों तक भगोरिया पर्व धूमधाम से मनाया जाता है, इस दौरान हाट बाजारों में लोग सामूहिक रूप से लोक नृत्य की प्रस्तुति देते हैं. साथ ही लोक गायन गाकर आने वाले त्योहार की शुभकामनाएं भी एक दूसरे को देते हैं.
भगोरिया पर्व के दौरान लगने वाले हाट बाजारों में प्रमुख रूप से खाने-पीने की दुकानों के साथ मनोरंजन के साधनों के रूप में झूले, चकरी, काकू, क्रेज रहता है. आसपास के ग्रामीण अंचल से आने वाले लोग इन झूलों में झूल कर उत्साहित महसूस करते हैं. साथ ही बाजार में भारी भीड़ के साथ जुलूस निकाली जाती है. स्थानीय लोक वाद्य यंत्रों पर लोग सामूहिक रूप से आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति देते हैं. इन बाजारों में हुल्लड़ बाजी और शोर-शराबा इसके आनंद को और बढ़ा देता है.
भगोरिया पर्व के दौरान लोग सजधज कर आदिवासी परिधान पहनकर इन हाट बाजारों में पहुंचते हैं. हाट बाजार में आने वाली भारी भीड़ के चलते राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी इन हाट बाजारों में राजनीतिक गैर निकालते हैं. इस दौरान क्षेत्रीय सांसद गुमान सिंह डामोर भाजपा की ओर से तो झाबुआ विधायक कांतिलाल भूरिया कांग्रेस की ओर से भगोरिया हाट बाजारों में ढोल मांदर बजाते दिखाई दे रहे हैं. शनिवार को मेघनगर में आयोजित भगोरिया हाट में भी राजनीतिक रंग खूब चढ़ा. इस दौरान लोग पूरे उत्साह और उल्लास के साथ इसमें शामिल हुए और लोगों ने आने वाले पर्व होली की बधाई भी दी.