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एग्रो फॉस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर कृषि विभाग की कार्रवाई, सैंपल लेकर खाद्य विक्रय पर लगाया प्रतिबंध

मेघनगर के औद्योगिक क्षेत्र में संचालित सिंगल सुपर फास्फेट कारखाना एग्रो फॉस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर कृषि विभाग ने कार्रवाई कर सैंपल लिए हैं. जिसके बाद 238 मैट्रिक टन खाद्य के विक्रय पर विभाग ने जांच रिपोर्ट आने तक प्रतिबंध लगाया है. पढ़िए पूरी खबर...

Action on Agro Foss India Private Limited
एग्रो फॉस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर कार्रवाई
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Published : Sep 25, 2020, 3:39 PM IST

झाबुआ। मेघनगर के औद्योगिक क्षेत्र में संचालित सिंगल सुपर फास्फेट कारखाना एग्रोफॉस पर कृषि विभाग ने कार्रवाई की है. इस कारखाने में सिंगल सुपर फास्फेट की तीन श्रेणियों (प्रकार की एसएसपी) का निर्माण किया जाता है. लंबे समय से अधिकारियों के पास कारखानों में अमानक स्तर का उर्वरक बनाए जाने की शिकायतें आ रही थीं, जिसके बाद कृषि उपसंचालक के निर्देश के बाद कृषि अधिकारियों ने एग्रो फॉस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में दबिश देकर उत्पादित उर्वरकों के सैंपल लिये हैं.

एग्रो फॉस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर कृषि विभाग की कार्रवाई
कृषि अधिकारी सुरसिंह रावत ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर इस कारखाने में उत्पादित और उएवरकों के सैंपल लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा. जो सेम्पल लिए गए हैं उस बैच के 238 मैट्रिक टन खाद्य के विक्रय पर विभाग ने जांच रिपोर्ट आने तक प्रतिबंध लगाया है.

एग्रो फॉस इंडिया लिमिटेड पर 4 सितंबर 2019 में भी बड़ी कार्रवाई हो चुकी है. ये वही कारखाना है, जिसकी सबसे ज्यादा शिकायत 2019 में कृषि मंत्री सचिन यादव के पास पहुंची थीं और उन्हीं के निर्देश पर इस कारखाने पर संभागीय कृषि अधिकारियों ने कार्रवाई की थी.

एग्रो फॉस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बनने वाले उर्वरकों की गुणवत्ता को लेकर कई बार किसान आशंका जता चुके हैं. 2019 में कई तरह की खामियों के चलते कारखाना कई लंबे समय तक विभागीय कार्रवाई के चलते बंद रहा था.

कृषि विभाग द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद मेघनगर में संचालित एसएसपी कारखानों के साथ भूमि सुधारक के नाम से चलने वाले कई इकाइयों में दहशत है, क्योंकि 2019 में ऐसे ही आधा दर्जन से ज्यादा कारखानों पर सील बंदी की कार्रवाई हुई थी.

झाबुआ। मेघनगर के औद्योगिक क्षेत्र में संचालित सिंगल सुपर फास्फेट कारखाना एग्रोफॉस पर कृषि विभाग ने कार्रवाई की है. इस कारखाने में सिंगल सुपर फास्फेट की तीन श्रेणियों (प्रकार की एसएसपी) का निर्माण किया जाता है. लंबे समय से अधिकारियों के पास कारखानों में अमानक स्तर का उर्वरक बनाए जाने की शिकायतें आ रही थीं, जिसके बाद कृषि उपसंचालक के निर्देश के बाद कृषि अधिकारियों ने एग्रो फॉस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में दबिश देकर उत्पादित उर्वरकों के सैंपल लिये हैं.

एग्रो फॉस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर कृषि विभाग की कार्रवाई
कृषि अधिकारी सुरसिंह रावत ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर इस कारखाने में उत्पादित और उएवरकों के सैंपल लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जाएगा. जो सेम्पल लिए गए हैं उस बैच के 238 मैट्रिक टन खाद्य के विक्रय पर विभाग ने जांच रिपोर्ट आने तक प्रतिबंध लगाया है.

एग्रो फॉस इंडिया लिमिटेड पर 4 सितंबर 2019 में भी बड़ी कार्रवाई हो चुकी है. ये वही कारखाना है, जिसकी सबसे ज्यादा शिकायत 2019 में कृषि मंत्री सचिन यादव के पास पहुंची थीं और उन्हीं के निर्देश पर इस कारखाने पर संभागीय कृषि अधिकारियों ने कार्रवाई की थी.

एग्रो फॉस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में बनने वाले उर्वरकों की गुणवत्ता को लेकर कई बार किसान आशंका जता चुके हैं. 2019 में कई तरह की खामियों के चलते कारखाना कई लंबे समय तक विभागीय कार्रवाई के चलते बंद रहा था.

कृषि विभाग द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद मेघनगर में संचालित एसएसपी कारखानों के साथ भूमि सुधारक के नाम से चलने वाले कई इकाइयों में दहशत है, क्योंकि 2019 में ऐसे ही आधा दर्जन से ज्यादा कारखानों पर सील बंदी की कार्रवाई हुई थी.

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