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कीचड़ में कट रही लोगों की जिंदगी, ना बन रही सड़क, ना मिल रही बुनियादी सुविधाएं - Chief Engineer of Jabalpur Municipal Corporation

जबलपुर जैसे स्मार्ट सिटी में भी कई इलाके ऐसे हैं, जहां अब तक सड़कों का हाल बेहाल है. ऐसा ही एक मामला जिले के खजरी खिरिया रोड का है, जहां आसपास रहने वाले लोग नरक की जिंदगी जीने को मजबूर हैं.

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सड़क के नाम पर कीचड़ ही कीचड़
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Published : Jul 24, 2020, 1:01 PM IST

जबलपुर। शहर स्मार्ट सिटी के नाम से जाना जाता है, जहां एक ओर लोगों को सभी तरह की सुविधाएं मिल रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर शहर की एक बड़ी आबादी नरक की जिंदगी जीने को मजबूर है. जबलपुर के अमखेरा खजरी खिरिया रोड शहर को हाईवे से जोड़ती है, इस सड़क पर 24 से ज्यादा बस्तियां है, कई कॉलोनियां हैं और आगे ये सड़क कई गांव के लिए जाती है, लेकिन इस सड़क की हालत देखकर नहीं लगता कि, यहां के लोग एक स्मार्ट सिटी में रह रहे हैं.

worst road in smart city
सड़क के नाम पर कीचड़

यहां है सड़क नाम पर कीचड़

जब ईटीवी भारत की टीम ने खजरी खिरिया रोड का जायजा लिया, तो पाया कि कोदवारी बस्ती के लिए एक रोड बनी हुई है, जिस पर सड़क के नाम पर कीचड़ ही कीचड़ है. जहां देखो वहां सिर्फ गड्ढे ही नजर आएंगे. इसी बस्ती में जबलपुर के पूर्व विधायक ओमकार तिवारी के नाम पर एक कॉलोनी बनी हुई है, जिसमें बच्चे और महिलाएं सड़क बनाते दिखाई दे रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में फावड़े हैं और कुछ बच्चे हाथ से ही कीचड़ में पत्थर डाल रहे हैं. वहीं काम कर रही महिलाओं का कहना है कि, बीते 17 सालों से वे इसी कॉलोनी में रह रही हैं, लेकिन अब तक सड़क नहीं बन पाई है. हर साल घर के सामने कीचड़ हो जाता है, इसलिए कुछ मलवा मंगाकर आसपास के लोग इसे फैला रहे हैं, जिससे गड्ढों को भरा जाए और कम से कम सड़क पर आवागमन कर सके.

worst road in smart city
जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

इस सड़क के जिम्मेदार अधिकारी जबलपुर नगर निगम के चीफ इंजीनियर हैं. जो अपने ऑफिस से नदारद मिले, ऑफिस में एक कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद वे ऑफिस नहीं आ रहे हैं. जानकारी के अनुसार अमखेरा खजरी खिरिया रोड के निर्माण कार्य के लिए 14 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है, लेकिन अभी तक नगर निगम के पास पैसे नहीं हैं.

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हर साल मलबा बिछाने को मजबूर

नगर निगम का सौतेला व्यवहार

जानकारी के अनुसार बस्ती के अंदर की सड़क नहीं बनाई जा सकती, क्योंकि ये कॉलोनी अवैध है. जबकि इन अवैध कॉलोनी से प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाता है. इसके बावजूद इन्हें नगर निगम की बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है.

यहां है सड़क के नाम पर कीचड़

कॉलोनी वासियों ने किए ये सवाल

कॉलोनी वासियों का कहना है कि, कोई अधिकारी उनकी बस्ती में नहीं आता है. विधायक, सांसद और पार्षद केवल वोट लेने आते हैं. उनकी बस्ती में कोई प्रभावशाली व्यक्ति नहीं रहता है. जिसके चलते यहां सड़क नहीं बनाई जा रही है. वहीं उन्होंने सवाल किया है कि, जब टैक्स वसूला जाता है, तो फिर सुविधाएं क्यों नहीं दी जाती हैं.

जबलपुर। शहर स्मार्ट सिटी के नाम से जाना जाता है, जहां एक ओर लोगों को सभी तरह की सुविधाएं मिल रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर शहर की एक बड़ी आबादी नरक की जिंदगी जीने को मजबूर है. जबलपुर के अमखेरा खजरी खिरिया रोड शहर को हाईवे से जोड़ती है, इस सड़क पर 24 से ज्यादा बस्तियां है, कई कॉलोनियां हैं और आगे ये सड़क कई गांव के लिए जाती है, लेकिन इस सड़क की हालत देखकर नहीं लगता कि, यहां के लोग एक स्मार्ट सिटी में रह रहे हैं.

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सड़क के नाम पर कीचड़

यहां है सड़क नाम पर कीचड़

जब ईटीवी भारत की टीम ने खजरी खिरिया रोड का जायजा लिया, तो पाया कि कोदवारी बस्ती के लिए एक रोड बनी हुई है, जिस पर सड़क के नाम पर कीचड़ ही कीचड़ है. जहां देखो वहां सिर्फ गड्ढे ही नजर आएंगे. इसी बस्ती में जबलपुर के पूर्व विधायक ओमकार तिवारी के नाम पर एक कॉलोनी बनी हुई है, जिसमें बच्चे और महिलाएं सड़क बनाते दिखाई दे रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चों के हाथ में फावड़े हैं और कुछ बच्चे हाथ से ही कीचड़ में पत्थर डाल रहे हैं. वहीं काम कर रही महिलाओं का कहना है कि, बीते 17 सालों से वे इसी कॉलोनी में रह रही हैं, लेकिन अब तक सड़क नहीं बन पाई है. हर साल घर के सामने कीचड़ हो जाता है, इसलिए कुछ मलवा मंगाकर आसपास के लोग इसे फैला रहे हैं, जिससे गड्ढों को भरा जाए और कम से कम सड़क पर आवागमन कर सके.

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जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान

इस सड़क के जिम्मेदार अधिकारी जबलपुर नगर निगम के चीफ इंजीनियर हैं. जो अपने ऑफिस से नदारद मिले, ऑफिस में एक कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद वे ऑफिस नहीं आ रहे हैं. जानकारी के अनुसार अमखेरा खजरी खिरिया रोड के निर्माण कार्य के लिए 14 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिली है, लेकिन अभी तक नगर निगम के पास पैसे नहीं हैं.

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हर साल मलबा बिछाने को मजबूर

नगर निगम का सौतेला व्यवहार

जानकारी के अनुसार बस्ती के अंदर की सड़क नहीं बनाई जा सकती, क्योंकि ये कॉलोनी अवैध है. जबकि इन अवैध कॉलोनी से प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाता है. इसके बावजूद इन्हें नगर निगम की बुनियादी सुविधाओं से वंचित रखा गया है.

यहां है सड़क के नाम पर कीचड़

कॉलोनी वासियों ने किए ये सवाल

कॉलोनी वासियों का कहना है कि, कोई अधिकारी उनकी बस्ती में नहीं आता है. विधायक, सांसद और पार्षद केवल वोट लेने आते हैं. उनकी बस्ती में कोई प्रभावशाली व्यक्ति नहीं रहता है. जिसके चलते यहां सड़क नहीं बनाई जा रही है. वहीं उन्होंने सवाल किया है कि, जब टैक्स वसूला जाता है, तो फिर सुविधाएं क्यों नहीं दी जाती हैं.

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