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शिक्षक भर्ती में पास हुए अभ्यर्थियों ने की इच्छामृत्यु की मांग, अब तक नौकरी नहीं मिलने से हैं परेशान - जबलपुर न्यूज

जबलपुर में शिक्षक अभ्यर्थियों ने मध्य प्रदेश राज्यपाल के नाम एक पत्र लिखकर मांग की है कि या तो उन्हें सरकार नौकरी दें या फिर इच्छा मृत्यु. अपने पत्र में अभ्यर्थियों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर नौकरी नहीं मिली तो सभी अभ्यर्थी मिलकर आगामी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन सामूहिक रूप से आत्मदाह करने को मजबूर हो जाएंगे.

Teacher candidate upset
शिक्षक अभ्यर्थी परेशान
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Published : Aug 15, 2020, 5:21 PM IST

जबलपुर। कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार ने शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ ऐसा मजाक किया कि वह राज्य सरकार से नौकरी के बदले अब इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं. जबलपुर सहित पूरे प्रदेश में परीक्षा देने के बाद पास हुए अभ्यर्थियों ने राज्यपाल के नाम एक पत्र जिला प्रशासन को सौंपा है, जिसमें कहा है कि आगामी 5 सितंबर तक अगर उन्हें नौकरी नहीं दी जाती है तो वह सामूहिक रूप से इच्छा मृत्यु मांगते हुए आत्मदाह कर लेंगे.

शिक्षक अभ्यर्थियों ने की सरकार से नौकरी की मांग

मध्य प्रदेश सरकार ने 30 हजार अभ्यार्थियों के लिए निकाली थी वैकेंसी

पूरे प्रदेश में राज्य सरकार ने करीब 30 हजार अभ्यर्थियों के लिए वैकेंसी निकाली थी और बाद फिर मेरिट लिस्ट के आधार पर चयन भी किया था. नौकरी में भर्ती के लिए करीब 90% काम हो चुका था पर सिर्फ 10% काम सरकार के द्वारा वेरिफिकेशन का बचा हुआ था, लेकिन उस पर सरकार ने कोरोना वायरस का हवाला देते हुए नौकरी देने को तैयार नहीं हुई.

Following the social distancing, the doctors have submitted a letter to the deputy collector to the governor.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए डॉक्टर्स ने राज्यपाल के नाम एक पत्र डिप्टी कलेक्टर को सौंपा है

ऐसे में 2018 में चयनित अभ्यर्थियों ने सरकार के द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करने वालों की लिस्ट भी बनाई थी, अब इन अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट के आधार पर नौकरी भी दी जानी थी. अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी के लिए प्राइवेट जॉब तो पहले ही छोड़ दी थी. अब हालात यह है कि कोरोना काल में बीते 6 महीने से अभ्यर्थियों के पास न सरकारी नौकरी है और ना ही प्राइवेट.

सरकार ने वर्ग 1 में 19000 तो वर्ग 2 में 11000 वैकेंसी निकाली थी

राज्य सरकार ने 2018 में करीब 30000 वैकेंसी निकाली थी जिसमें कि मध्य प्रदेश सहित दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी शामिल हुए थे, प्रदेश सरकार ने वर्ग 1 के लिए करीब 19000 वैकेंसी निकाली थी जिसे बाद घटाकर 17000 कर दी गई वहीं. वर्ग 2 में 11000 वैकेंसी के स्थान पर 560 वैकेंसी दी गई.

अब या तो नौकरी या फिर इच्छा मृत्यु

राज्य सरकार के द्वारा आयोजित की गई शिक्षकों की भर्ती पर परीक्षा पास कर मेरिट लिस्ट में आने वाले अभ्यर्थियों ने सरकार से अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. जबलपुर में अभ्यर्थियों ने मध्य प्रदेश राज्यपाल के नाम एक पत्र लिखकर मांग की है कि या तो उन्हें सरकार नौकरी दे या फिर इच्छा मृत्यु.

जबलपुर। कोरोना काल के दौरान राज्य सरकार ने शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ ऐसा मजाक किया कि वह राज्य सरकार से नौकरी के बदले अब इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं. जबलपुर सहित पूरे प्रदेश में परीक्षा देने के बाद पास हुए अभ्यर्थियों ने राज्यपाल के नाम एक पत्र जिला प्रशासन को सौंपा है, जिसमें कहा है कि आगामी 5 सितंबर तक अगर उन्हें नौकरी नहीं दी जाती है तो वह सामूहिक रूप से इच्छा मृत्यु मांगते हुए आत्मदाह कर लेंगे.

शिक्षक अभ्यर्थियों ने की सरकार से नौकरी की मांग

मध्य प्रदेश सरकार ने 30 हजार अभ्यार्थियों के लिए निकाली थी वैकेंसी

पूरे प्रदेश में राज्य सरकार ने करीब 30 हजार अभ्यर्थियों के लिए वैकेंसी निकाली थी और बाद फिर मेरिट लिस्ट के आधार पर चयन भी किया था. नौकरी में भर्ती के लिए करीब 90% काम हो चुका था पर सिर्फ 10% काम सरकार के द्वारा वेरिफिकेशन का बचा हुआ था, लेकिन उस पर सरकार ने कोरोना वायरस का हवाला देते हुए नौकरी देने को तैयार नहीं हुई.

Following the social distancing, the doctors have submitted a letter to the deputy collector to the governor.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए डॉक्टर्स ने राज्यपाल के नाम एक पत्र डिप्टी कलेक्टर को सौंपा है

ऐसे में 2018 में चयनित अभ्यर्थियों ने सरकार के द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करने वालों की लिस्ट भी बनाई थी, अब इन अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट के आधार पर नौकरी भी दी जानी थी. अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी के लिए प्राइवेट जॉब तो पहले ही छोड़ दी थी. अब हालात यह है कि कोरोना काल में बीते 6 महीने से अभ्यर्थियों के पास न सरकारी नौकरी है और ना ही प्राइवेट.

सरकार ने वर्ग 1 में 19000 तो वर्ग 2 में 11000 वैकेंसी निकाली थी

राज्य सरकार ने 2018 में करीब 30000 वैकेंसी निकाली थी जिसमें कि मध्य प्रदेश सहित दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी शामिल हुए थे, प्रदेश सरकार ने वर्ग 1 के लिए करीब 19000 वैकेंसी निकाली थी जिसे बाद घटाकर 17000 कर दी गई वहीं. वर्ग 2 में 11000 वैकेंसी के स्थान पर 560 वैकेंसी दी गई.

अब या तो नौकरी या फिर इच्छा मृत्यु

राज्य सरकार के द्वारा आयोजित की गई शिक्षकों की भर्ती पर परीक्षा पास कर मेरिट लिस्ट में आने वाले अभ्यर्थियों ने सरकार से अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. जबलपुर में अभ्यर्थियों ने मध्य प्रदेश राज्यपाल के नाम एक पत्र लिखकर मांग की है कि या तो उन्हें सरकार नौकरी दे या फिर इच्छा मृत्यु.

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