जबलपुर। राज्य सरकार द्वारा सिंधी खत्री को ओबीसी की सूची में शामिल नहीं किये जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. याचिका में कहा गया था कि केन्द्र सरकार की ओबीसी सूची में सिंधी खत्री शामिल है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधिश मोहम्मद रफीक और जस्टिस वीके शुक्ला की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
राज्य सरकार ने नहीं किया OBC सूची में शामिल
सागर निवासी डॉ. कोमल सिंधी खत्री की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि केन्द्र सरकार की ओबीसी सूची में सिंधी खत्री को छिपा और रंगरेज माना गया है. केन्द्र सरकार द्वारा उन्हें साल 2000 में ओबीसी की सूची में शामिल गया था. नेशनल कमीशन ऑफ ओबीसी ने साल 2014 में अनुमोदित किया था कि राज्य सरकार अपनी ओबीसी सूची में सिंधी खत्री को शामिल करें. इसके बावजूद भी अभी तक राज्य सरकार द्वारा सिंधी खत्री को ओबीसी की सूची में शामिल नहीं किया गया है.
4 हफ्तों बाद होगी सुनवाई
इस याचिका में केन्द्र और राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को अनावेदक बनाया गया था. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद निर्धारित की गयी है. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अशोक लालवानी ने पैरवी की.