जबलपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले अपने संबोधन में 'एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण' का संकल्प लिया है, लोगों से अपील की गई है कि वो आत्मनिर्भर भारत बनाने में सहयोग करें. इसी से प्रेरित होकर उपनगरीय क्षेत्र गढ़ा में रहने वाली छात्रा श्रद्धा ने अपनी आत्मनिर्भरता का श्री गणेश अपने परिवार के कामों में हाथ बंटाकर किया है.
श्रद्धा चक्रवर्ती रानी दुर्गावती स्कूल में कक्षा 9वीं की छात्रा हैं. कम उम्र में श्रद्धा गणेश प्रतिमा बनाने की कला की बारीकियों को सीख चुकी हैं. छात्रा श्रद्धा अन्य बच्चों की तरह सिर्फ पढ़ाई करना चाहती थीं, लेकिन गरीबी ने उसे पढ़ाई के साथ प्रतिमा बनाने के व्यापार में धकेल दिया. मजबूरी ही सही पर श्रद्धा पूरी ईमानदारी से गणेश प्रतिमाओं को बना रही हैं. श्रद्धा और उसकी मां मीना का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रशासन ने बड़ी प्रतिमाओं के स्थापित होने पर रोक लगा दी है, इससे बड़ा नुकसान हुआ है. छात्रा श्रद्धा ने अपने परिवार के साथ मिलकर गणेश प्रतिमाएं तैयार कर रही हैं, लेकिन अचानक से लॉकडाउन लगाए जाने से बड़ा घाटा हुआ है.
श्रद्धा ने बताया कि कोरोना के कारण स्कूल बंद हैं पर ऑनलाइन पढ़ाई जारी है, लेकिन वो इस पढ़ाई से वंचित है. पढ़ाई जारी रखने के लिए एक मोबाइल की जरूरत थी, उसी जरूरत को पूरा करने के लिए वो प्रतिमा बनाने लगी. प्रतिमा बिक्री से जो आमदनी होगी उससे थोड़ा पैसा निकालकर वो एंड्रॉय मोबाइल खरीदेगी और पढ़ाई शुरू करेगी.
श्रद्धा का कहना है उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, पूरा परिवार प्रतिमा बनाने के व्यापार से जुड़ा है. इसी के दम पर साल भर का घर खर्च चलता है, लेकिन इस बार बड़ी प्रतिमाओं पर रोक लगने से बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.