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सीवर लाइन को लेकर कोर्ट में सुनवाई, कोरोना होने से अधिकारी नहीं रहे मौजूद - Jabalpur mp

शहर में करीब 15 वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सीवर लाइन का काम पूरा न होने पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को तलब किया है. हालांकि कोरोना संक्रमित होने के कारण संबंधित अधिकारी कोर्ट में उपस्थित नहीं रहे.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाई कोर्ट
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Published : Apr 9, 2021, 5:42 AM IST

जबलपुर। शहर में करीब 15 वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सीवर लाइन का काम पूरा न होने पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को तलब किया है. हालांकि कोरोना संक्रमित होने के कारण संबंधित अधिकारी कोर्ट में उपस्थित नहीं रहे. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी अब इस मामले पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को करेंगे.

  • कछुए की चाल से चल रहा सीवर लाईन कार्य

दरअसल, शहर में सीवर लाइन का काम बहुत धीमे चल रहा है. इस काम के दौरान सड़कों को खोदे जाने को लेकर भी हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर निर्देश दिए गए हैं. यह जनहित याचिका सौरभ शर्मा नाम के शख्स ने दायर की गई थी. अब कोर्ट दोनों ही मामलों की संयुक्त रूप से सुनवाई कर रहा है. दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में बताया गया कि सीवर लाईन पर 400 करोड़ रुपए से अधिक का व्यय किया गया है, लेकिन 15 वर्ष बीत जाने के बावजूद अभी भी निर्माण कार्य अधूरा है.

फास्टैग की अनिवार्यता पर हाईकोर्ट ने केंद्र-राज्य सरकार से मांगा जवाब

  • अभी महज 30 प्रतिशत काम पूरा

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि शहर में सीवर लाइन का अभी केवल 30 प्रतिशत काम पूरा हुआ है. ऐसी गति से कार्य जारी रहा तो सीवर लाईन बनने में कई दशक लग जाएंगे. वहीं, कोर्ट ने इससे पहले इस प्रोजेक्ट के मुख्य तकनीकी परीक्षक को जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे और रिपोर्ट में कहा गया था कि नगर निगम ने 533 करोड़ रुपए की मांग की गयी है.

जबलपुर। शहर में करीब 15 वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सीवर लाइन का काम पूरा न होने पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को तलब किया है. हालांकि कोरोना संक्रमित होने के कारण संबंधित अधिकारी कोर्ट में उपस्थित नहीं रहे. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी अब इस मामले पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को करेंगे.

  • कछुए की चाल से चल रहा सीवर लाईन कार्य

दरअसल, शहर में सीवर लाइन का काम बहुत धीमे चल रहा है. इस काम के दौरान सड़कों को खोदे जाने को लेकर भी हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर निर्देश दिए गए हैं. यह जनहित याचिका सौरभ शर्मा नाम के शख्स ने दायर की गई थी. अब कोर्ट दोनों ही मामलों की संयुक्त रूप से सुनवाई कर रहा है. दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में बताया गया कि सीवर लाईन पर 400 करोड़ रुपए से अधिक का व्यय किया गया है, लेकिन 15 वर्ष बीत जाने के बावजूद अभी भी निर्माण कार्य अधूरा है.

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  • अभी महज 30 प्रतिशत काम पूरा

याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि शहर में सीवर लाइन का अभी केवल 30 प्रतिशत काम पूरा हुआ है. ऐसी गति से कार्य जारी रहा तो सीवर लाईन बनने में कई दशक लग जाएंगे. वहीं, कोर्ट ने इससे पहले इस प्रोजेक्ट के मुख्य तकनीकी परीक्षक को जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे और रिपोर्ट में कहा गया था कि नगर निगम ने 533 करोड़ रुपए की मांग की गयी है.

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