जबलपुर। कोरोना काल में तुरन्त एंबुलेंस उपलब्ध होने की समस्या हमेशा से बनी रही है. गांव की सकरी गलियों में बड़ी एम्बुलेंस कैसे जाएं यह भी स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी का सबब रहा है, जिसे दूर किया है राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने. विवेक ने मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में बैटरी चलित एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाई है, इस एम्बुलेंस में खास बात यह है कि यह सकरी गली- मोहल्लों में आसानी से जा सकती है और यह ऑक्सीजन सिलेंडर से भी लैस है.
Corona में खर्च को लेकर पत्नी को पति ने पीटा, ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पहुंची थाने
ग्रामीण क्षेत्रों में आ रही थी एम्बुलेंस की समस्या
जबलपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इस कोरोना संक्रमण के समय एम्बुलेंस की बड़ी समस्या आ रही थी. अगर किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम हो और उसे एंबुलेंस की जरूरत पड़ जाए तो वह एम्बुलेंस मरीज के घर जहां सकरी गलियां होती हैं वहां तक नहीं पहुंच पाती थी. लिहाजा इस परेशानी को देखते हुए राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने जबलपुर सहित प्रदेश के कई जिलों में बैटरी चलित एम्बुलेंस प्रदान की. पूर्व विधायक नीलेश अवस्थी और पूर्व शासकीय अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने बीएमओ को मिनी एम्बुलेंस की चाबी सौंपी.
गांवों की समस्याओं का होगा समाधान
हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी ने बताया कि कोरोना काल के पहले से ही राज्यसभा सांसद विवेक तंखा प्रदेश की जनता की मदद और समस्या का समाधान करने में लगे हुए हैं. कोरोना संक्रमण के बीच जब छोटी गलियों में एम्बुलेंस नहीं पहुंच पा रही थी और मरीज को अपने साधन से ही एम्बुलेंस के लिए बीमार हालत में मुख्य सड़क मार्ग पर जाना पड़ रहा था तो ऐसे में अब विवेक तंखा की मिनी एम्बुलेंस काफी कारगर साबित हो रही है. पूर्व विधायक नीलेश अवस्थी की मानें तो ऑक्सीजन सिलेंडर से लैस यह मिनी एम्बुलेंस आसानी से सकरी गलियों में जाकर मरीज को लेगी और फिर उसे अस्पताल तक पहुंचाने का काम करेगी. इसके अलावा इस एम्बुलेंस में डीजल पेट्रोल भरवाने की झंझट भी नहीं है क्योंकि यह बिजली से चार्ज होकर चलने वाली बैटरी चलित एम्बुलेंस है.
अभी तक इन जिलों को मिली है एम्बुलेंस की सौगात
राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने अभी तक जबलपुर सहित मंडला, नरसिंहपुर, सतना और कुछ अन्य जिलों में मिनी एम्बुलेंस स्वास्थ्य विभाग को प्रदान की हैं. बताया जा रहा है कि बैटरी चलित इस मिनी एम्बुलेंस का कॉन्सेप्ट बिल्कुल नया है और इसकी कीमत भी करीब ढाई लाख रुपए के आसपास है, ग्रामीण क्षेत्र में इस मिनी एम्बुलेंस के आ जाने से अब मरीजों को अस्पताल तक ले जाने की समस्या का काफी हद तक समाधान भी हुआ है.