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'जनता कर्फ्यू पास' के लिए बार एसोसिएशन के माध्यम से वकील कर सकते हैं आवेदन - हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य की जनहित याचिका का पटाक्षेप किया है. याचिका में जनता कर्फ्यू के दौरान वकील और उनके जूनियर्स को आवाजाही में परेशानी होने की बात का जिक्र था. जिसके जरिए उन्होंने थोड़ी राहत मांगी थी.

petition submitted by state lawyer council member in jabalpur hc
कर्फ्यू पास के लिए बार एसोसिएशन के माध्यम से वकील कर सकते हैं आवेदन
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Published : May 4, 2021, 9:13 AM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य की जनहित याचिका का पटाक्षेप कर दिया है. याचिका में जनता कर्फ्यू के दौरान वकील और उनके जूनियर्स को आवाजाही में परेशानी होने की बात का जिक्र था. सुनवाई में जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर के जरूरतमंद वकील संबंधित बार एसोसिएशन के माध्यम से जिला अधिकारी के समक्ष ऑफिस आने-जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस संबंध में चीफ जस्टिस मोहम्द रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने सरकार के जवाब के बाद यह बात कही.

वकील, जूनियर्स को आवाजाही में होती थी परेशानी

बता दें, यह जनहित याचिका इंदौर निवासी वकील और मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य सुनील गुप्ता की ओर से दायर की गई थी. जिसमें उन्होंने लिखा था कि जनता कर्फ्यू के कारण वकील और जूनियर्स को ऑफिस आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. याचिका में ये भी लिखा था कि भले ही कोर्ट में वर्चुअल मोड से सुनवाई हो रही हो, लेकिन अधिवक्ता और जूनियर्स को ऑफिस जाना होता है. जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में वकील सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं. याचिका में थोड़ी राहत की मांग की गई थी.

प्रकरणों की हॉर्ड कॉपी जमा करना अनिवार्य नहीं, 10 मई से 4 जून तक ढील

मामले में मप्र शासन के मुख्य सचिव, पीएस गृह विभाग सहित जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर के कलेक्टर को पक्षकार बनाया गया था. वहीं सरकार की तरफ से जवाब पेश करने के बाद न्यायालय ने मामले का पटाक्षेप कर दिया. अब वकील और उनके जूनियर्स बार एसोसिएशन के माध्यम से जिला अधिकारी के समक्ष ऑफिस आने-जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं.

जबलपुर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य की जनहित याचिका का पटाक्षेप कर दिया है. याचिका में जनता कर्फ्यू के दौरान वकील और उनके जूनियर्स को आवाजाही में परेशानी होने की बात का जिक्र था. सुनवाई में जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर के जरूरतमंद वकील संबंधित बार एसोसिएशन के माध्यम से जिला अधिकारी के समक्ष ऑफिस आने-जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस संबंध में चीफ जस्टिस मोहम्द रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ ने सरकार के जवाब के बाद यह बात कही.

वकील, जूनियर्स को आवाजाही में होती थी परेशानी

बता दें, यह जनहित याचिका इंदौर निवासी वकील और मप्र राज्य अधिवक्ता परिषद के सदस्य सुनील गुप्ता की ओर से दायर की गई थी. जिसमें उन्होंने लिखा था कि जनता कर्फ्यू के कारण वकील और जूनियर्स को ऑफिस आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. याचिका में ये भी लिखा था कि भले ही कोर्ट में वर्चुअल मोड से सुनवाई हो रही हो, लेकिन अधिवक्ता और जूनियर्स को ऑफिस जाना होता है. जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में वकील सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं. याचिका में थोड़ी राहत की मांग की गई थी.

प्रकरणों की हॉर्ड कॉपी जमा करना अनिवार्य नहीं, 10 मई से 4 जून तक ढील

मामले में मप्र शासन के मुख्य सचिव, पीएस गृह विभाग सहित जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर के कलेक्टर को पक्षकार बनाया गया था. वहीं सरकार की तरफ से जवाब पेश करने के बाद न्यायालय ने मामले का पटाक्षेप कर दिया. अब वकील और उनके जूनियर्स बार एसोसिएशन के माध्यम से जिला अधिकारी के समक्ष ऑफिस आने-जाने के लिए आवेदन कर सकते हैं.

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