जबलपुर। देश में सबसे ज्यादा हरी मटर का उत्पादन मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में किया जाता है. बावजूद इसके हरी मटर को खादान्न की श्रेणी में नहीं रखा गया है. जिसको लेकर नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने देश के राष्ट्रीय कृषि आयोग में याचिका दायर की है. जिसमें सवाल किया गया है कि अत्यधिक पैदावार होने के बावजूद भी जबलपुर में हरी मटर को लेकर फूड प्रोसेसिंग प्लांट क्यों स्थापित नहीं हो पा रहे हैं. जिसके लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन कर जांच की मांग की गई है.
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15 सितंबर 2020 को उपभोक्ता मंच द्वारा दायर याचिका में राष्ट्रीय कृषि आयोग एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की मांग की गई थी. साथ ही सचिव कृषि मंत्रालय भोपाल और कलेक्टर जबलपुर को अनावेदक भी बनाया था. राष्ट्रीय कृषि आयोग में दायर की गई याचिका पर राष्ट्रीय कृषि आयोग ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश के कृषि निदेशक को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. उपभोक्ता मंच को उम्मीद है कि राष्ट्रीय कृषि आयोग द्वारा जारी किए गए निर्देश के बाद जबलपुर की वह मटर जो प्रदेश सहित देश में अपनी अलग पहचान रखती है, उसे सही स्थान और सम्मान मिल सकेगा.
जबलपुर का हरा मटर
हरा मटर जबलपुर की एक लोकप्रिय सब्जी और प्रमुख रबी फसल है. वे काफी पौष्टिक भी होते हैं और इसमें उचित मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. देश में सबसे ज्यादा हरे मटर का उत्पादन जबलपुर में किया जाता है. इसकी खपत और मांग दूसरे शहर और राज्यों में खूब रहती है. खेतों से मंडी आने के कुछ घंटों पहले ही इसकी सप्लाई दूसरे राज्यों में हो जाती है. शहर की मंडी से 70 से 80 फीसदी हरा मटर बाहर जाता है. जिले में मटर की पैदावार खूब होती है, लेकिन इसकी प्रोसेसिंग नहीं हो पाती. इसलिए किसान इसे ज्यादा समय तक नहीं रख सकते.