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हेक्सी साइकिल शेयरिंग योजना की रफ्तार हुई धीमी, 6 महीने में ही बंद होने की कगार पर पहुंची - जबलपुर पीपीपी मॉडल

पर्यावरण सुरक्षा को सुधारने कि दिशा में स्मार्ट सिटी ने साइकिल सेवा की शुरूआत की गयी थी. लेकिन अब वह प्रचार प्रशार के अभाव मे बंद होने के कगार पर पहुंच गया है.

बंद पड़ी हेक्सी साइकिल शेयरिंग योजना
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Published : Aug 2, 2019, 7:36 PM IST

जबलपुर। नॉन मोटराइज्ड परिवहन को बढ़ावा देने के मकसद से जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शुरू की गई हेक्सी साइकिल शेयरिंग योजना की रफ्तार बंद होते दिखाई दे रही है. पीपीपी मॉडल पर चालू की गई इस योजना में प्राइवेट कंपनियों से टाइअप कर साइकिलों को लाया गया था, लेकिन जिनके लिए इस योजना की शुरुआत की गयी थी उन्होंने इसका इस्तेमाल नही किया.

हेक्सी साइकिल शेयरिंग योजना बंद होने के कगार पर

6 महीने पहले शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य पर्यावरण को सहेजने और आम नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया गया था. योजना का लाभ शहरवासी नहीं उठा सके. साइकिल सड़कों पर तो नही चली लेकिन चोरी जरुर हो गई. साइकिल स्टेशन पर खड़ी साइकिलों को आज भी सड़क पर दौड़ने का इंतजार है. नॉन मोटराइज व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा चालू की गई हेक्सी साइकिल शेयरिंग योजना 6 महीने में ही ठप होने की कगार पर पहुंच गई है.

शहर भर में हेक्सी साइकिल शेयरिंग के लिए 100 स्टेशन बनाए जाने थे लेकिन अब तक महज 45 स्टेशन ही तैयार हो पाये हैं. साइकिल स्टेशन को बनाने का जिम्मा स्मार्ट सिटी का था. प्रत्येक स्टेशन को बनाने के लिए 45 हजार से लेकर 90 हजार तक खर्च किए गए हैं. साथ ही स्मार्ट सिटी से 6 करोड़ का नॉन मोटराइज्ड ट्रैक भी बनाया गया है.

जबलपुर। नॉन मोटराइज्ड परिवहन को बढ़ावा देने के मकसद से जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शुरू की गई हेक्सी साइकिल शेयरिंग योजना की रफ्तार बंद होते दिखाई दे रही है. पीपीपी मॉडल पर चालू की गई इस योजना में प्राइवेट कंपनियों से टाइअप कर साइकिलों को लाया गया था, लेकिन जिनके लिए इस योजना की शुरुआत की गयी थी उन्होंने इसका इस्तेमाल नही किया.

हेक्सी साइकिल शेयरिंग योजना बंद होने के कगार पर

6 महीने पहले शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य पर्यावरण को सहेजने और आम नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर किया गया था. योजना का लाभ शहरवासी नहीं उठा सके. साइकिल सड़कों पर तो नही चली लेकिन चोरी जरुर हो गई. साइकिल स्टेशन पर खड़ी साइकिलों को आज भी सड़क पर दौड़ने का इंतजार है. नॉन मोटराइज व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा चालू की गई हेक्सी साइकिल शेयरिंग योजना 6 महीने में ही ठप होने की कगार पर पहुंच गई है.

शहर भर में हेक्सी साइकिल शेयरिंग के लिए 100 स्टेशन बनाए जाने थे लेकिन अब तक महज 45 स्टेशन ही तैयार हो पाये हैं. साइकिल स्टेशन को बनाने का जिम्मा स्मार्ट सिटी का था. प्रत्येक स्टेशन को बनाने के लिए 45 हजार से लेकर 90 हजार तक खर्च किए गए हैं. साथ ही स्मार्ट सिटी से 6 करोड़ का नॉन मोटराइज्ड ट्रैक भी बनाया गया है.

Intro:जबलपुर
नॉन मोटराइज्ड परिवहन को बढ़ावा देने के मकसद से जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शुरू की गई हेक्सी साइकिल शेयरिंग योजना की रफ्तार बंद होने के कगार पर पहुंचती दिख रही है।


Body:6 महीने पहले शुरू की गई इस योजना को पर्यावरण को सहेजने और आम नागरिकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर शुरू तो किया गया लेकिन योजना का लाभ शहरवासी नहीं उठा सके।ऊपर से साइकिल सड़को में चली हो या नहीं लेकिन चोरी जरूर हो गई। साइकिल स्टेशन पर खड़ी साइकिलों को आज भी सड़क पर दौड़ने का इंतजार है। नॉन मोटराइज व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा चालू की गई हेक्सी साइकिल शेयरिंग योजना 6 महीने में ही बंद होने की कगार पर पहुंच चुकी है।


Conclusion:पीपीपी मॉडल पर चालू की गई इस योजना में प्राइवेट कंपनियों से टाइअप कर साइकिलों को लाया गया था लेकिन जिनके लिए इस योजना को शुरू किया गया उन्होंने इसके महत्व को भी नहीं समझा।शहर भर में हेक्सी साइकिल शेयरिंग के लिए 100 स्टेशन बनने थे अब तक कुल 45 स्टेशन बनकर तैयार हो गए हैं। साइकिल स्टेशन को बनाने का जिम्मा स्मार्ट सिटी का था। प्रत्येक स्टेशन पर 45 हजार से लेकर 90 हजार तक खर्च किए गए हैं। स्मार्ट सिटी से 6 करोड़ का नॉन मोटराइज्ड ट्रेक भी बनाया गया है।
बाईट.1-जीएस नागेश.....अपर आयुक्त,नगर निगम जबलपुर
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