जबलपुर। शासन ने क्रिश्चियन मिशनरी को रहवासी मद में बेशकीमती जमीनों का आवंटन किया था. लेकिन ईओडब्ल्यू के चंगुल में फंसे पूर्व बिशप पीसी सिंह इन जमीनों का व्यवसायिक इस्तेमाल करते हुए लाखों रुपयों का किराया भी वसूलने लगा था. द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के चेयरमैन रहे बिशप पीसी सिंह की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन ने क्रिश्चियन मिशनरी को आवंटित जमीनों की पड़ताल की तो इस बात का खुलासा हुआ कि तैयब अली चौक इलाके में आवंटित 170358 वर्ग फुट की जमीन की लीज़ साल 1999 में ही खत्म हो चुकी थी.
खाली करने का नोटिस दिया था : इस आधार पर अपर कलेक्टर न्यायालय ने बेदखली का नोटिस जारी किया था. सद्भावना भवन की तालाबंदी के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों ने क्रिश्चियन मिशनरी के अधीन संचालित विकास आशा केंद्र इंडियन ओवरसीज बैंक के एटीएम और भारतीय खाद्य निगम के कार्यालय को खाली कराने के लिए समय दिया है.
ईसाई समुदाय में आक्रोश : इधर, प्रशासन की इस कार्रवाई से शहर का मसीही समुदाय आक्रोश में है. कार्रवाई करने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करते हुए मसीही समुदाय से जुड़े लोगों ने प्रशासन पर समय न देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि बेदखली का नोटिस ऐसे समय पर दिया गया, जब त्योहार के मौके पर सरकारी दफ्तरों में छुट्टियां थीं. इसके साथ ही उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए भी समय नहीं दिया गया है. (Jabalpur Administration Action) (Lockout on commercial buildings) (land allotted to Christian missionaries)