जबलपुर। दयोदय सेवा केंद्र द्वारा नर्मदा नदी के तीन सौ मीटर दायरे में अवैध रूप से निर्माण कार्य किए जाने का आरोप लगाते हुए नर्मदा मिशन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. वहीं पूर्व मंत्री व भाजपा नेता ओमप्रकाश धुर्वे द्वारा डिंडौरी में बिना अनुमति नर्मदा नदी के लगभग पचास मीटर के दायरे में बहुमंजिला मकान बनाये जाने को भी चुनौती दी गयी थी. इसके अलावा एक अवमानना याचिका सहित तीन अन्य संबंधित मामले को लेकर याचिकाएं दायर की गयी थीं.
हाई कोर्ट ने निर्माण हटाने के दिए थे आदेश : मामले की पूर्व सुनवाई के दौरान नगर निगम की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि जबलपुर में साल 2008 के बाद नर्मदा नदी के तीस सौ मीटर दायरे में तिलवाराघाट, ग्वारीघाट, जिलहेरीघाट, रमनगरा, गोपालपुर, दलपतपुर, भेड़ाघाट में कुल 75 अतिक्रमण पाये गये हैं. जिसमें से 41 निजी भूमि, 31 शासकीय भूमि तथा 3 आबादी भूमि में पाये गये हैं. हाईकोर्ट ने 1 अक्टूबर 2008 के बाद नर्मदा नदी के तीन सौ मीटर दायरे हुए निर्माण को हटाने के आदेश दिये थे. युगलपीठ ने अवैध निर्माण के हटाने की वीडियोग्राफी करने के आदेश जारी करते हुए कार्रवाई के लिए अधिवक्ता मनोज शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था.
कोर्ट ने कमिश्नर ने दी थी डिटेल्स : पूर्व में हुई सुनवाई दौरान कोर्ट कमिश्नर ने न्यायालय को बताया कि व्यक्तिगत सर्वे कर तैयार की गई रिपोर्ट हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करा दी गई है. जिसके बाद युगलपीठ ने सभी पक्षकारों को उसकी कॉपी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये थे. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से बताया गया कि नदी के अधिकत्म जलभराव क्षेत्र से तीन सौ मीटर दूरी निर्धारित है. सरकार की तरफ से टाउन एंड कंट्री के नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए कहा गया कि रिवर बेल्ट से तीन सौ मीटर निर्धारित है. युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से पेश जवाब की प्रति पक्षकारों को प्रदान करने के निर्देश जारी करते हुए उक्त आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सौरभ कुमार तिवारी तथा अधिवक्ता काशी पटैल ने पैरवी की.
बढ़ी फीस वापस करेगा सागर पब्लिक स्कूल : सागर पब्लिक स्कूल प्रबंधन द्वारा कोरोना काल में छात्रों से ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों की फीस वसूलने तथा फीस में वृध्दि किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष स्कूल प्रबंधन ने 118 छात्रों की बढ़ी हुई फीस लौटाने की बात कही. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद याचिका का निराकरण कर दिया. मॉय पेरेंट्स एसोसिएषन की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि उच्च न्यायालय ने कोरोना काल में स्कूल प्रबंधन को छात्रों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के आदेष जारी किये थे. सागर पब्लिग स्कूल प्रबंधन की षाखाओं द्वारा कोरोना काल में ट्यूशन फीस के अलावा अन्य मदों की फीस भी छात्रों के अभिभावकों से वसूल की. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्त हितेन्द्र गोल्हानी ने पैरवी की. (Illegal construction on banks of Narmada) (MP High Court Order) (Guidelines regarding illegal construction)