जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी अनय द्विवेदी, सीजीएम नीता राठौर, सीई कांतिलाल वर्मा व अन्य पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई है. जस्टिस एमएस भट्टी की एकलपीठ ने अनावेदकों को 30 दिन के भीतर जुर्माने की राशि याचिकाकर्ता को अदा करने के निर्देश दिये हैं.
एक साल में तीन तबादले : यह मामला टीकमगढ़ निवासी जितेन्द्र तंतुवाय की ओर से दायर किया गया था. जिनकी ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने पक्ष रखा. उन्होंने न्यायालय को बताया कि याचिकाकर्ता प्रोग्रामर के पद पर है. उसका तबादला टीकमगढ़ से रीवा कर दिया गया था. एक साल में तीसरा तबादला किया गया. इसलिए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. हाईकोर्ट ने 9 फरवरी 2023 को अनावेदकों को निर्देशित किया था कि याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर निर्णय लें. साथ ही निर्देशित किया था कि अभ्यावेदन के निराकरण तक याचिकाकर्ता को वर्तमान पदस्थापना में ही कार्य करने दें.
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माफी भी काम नहीं आई : जब याचिकाकर्ता ने टीकमगढ़ में ज्वाइनिंग दी तो चीफ इंजीनियर ने एक आदेश जारी कर ज्वाइनिंग देने से इंकार कर दिया. आवेदक की ओर से कहा गया कि उक्त रवैया न्यायालय के आदेश की अवहेलना है. वहीं मामले की सुनवाई दौरान विद्युत कंपनी के अधिकारियों की ओर से जवाब प्रस्तुत कर माफी मांगी गई और कहा गया कि उनसे अनजाने में चूक हुई है. उनका इरादा कोर्ट की अवहेलना करना नहीं था. जिसके बाद न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने पक्ष रखा.