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जबलपुर: सालों से पेंडिंग पड़े मामलों की समर वेकेशन में सुनवाई करेगा मध्य प्रदेश हाई कोर्ट - जबलपुर

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट सालों से लंबित पड़े मामलों की समर वेकेशन में सुनवाई करेगा. पुराने मुकदमों पर सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच गठित की जा रही है.

पेंडिंग पड़े मामलों की समर वेकेशन में सुनवाई करेगा हाई कोर्ट
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Published : May 18, 2019, 11:18 PM IST

जबलपुर| मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सालों से लंबित पड़े मुकदमों की पेंडेंसी घटाने का फैसला लिया है. हाई कोर्ट 20 मई से करीब 1 माहिने के लिए शुरू हो रहे समर वेकेशन को वर्किंग वेकेशन बनाने जा रहा है. जबलपुर हाईकोर्ट की तीन बेंच गर्मी की छुट्टियों में जेल में सालों से बंद कैदियों की अपीलों पर सुनवाई करेंगी, इसके लिए विधिवत आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. जेल में बंद कैदियों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी.

पेंडिंग पड़े मामलों की समर वेकेशन में सुनवाई करेगा हाई कोर्ट

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में करीब 3 लाख 30 हजार मामले पेंडिंग हैं. जिसमे से दो लाख से ज्यादा सिविल मामले और 1लाख 25 हजार आपराधिक मामले हैं. इनमें से करीब डेढ़ लाख मामले 5 साल से ज्यादा वक्त से पेंडिंग हैं. जिन पर हाई कोर्ट के आगामी समर वेकेशन के दौरान सुनवाई की जाएगी. मुकदमों की पेंडेंसी घटाने के मकसद से हाईकोर्ट में पुराने मामलों को चिन्हित कर सूचीबद्ध किया जा रहा है. समर वेकेशन के दौरान मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच के सामने रोस्टर बनाया जा रहा है.

हाई कोर्ट ने अदालतों में सालों से लंबित मामलों को निपटाने के लिए 1 जुलाई 2015 से मुहिम शुरू की थी. इसके तहत फाइनल हियरिंग की सप्ताहिक सूची में हर जज के सामने 5 साल से 20 साल पुराने मामले सुनवाई के लिए रखे जाते हैं. जुलाई 2015 से साल 2018 तक हाई कोर्ट अपनी इस मुहिम से 30 हजार से ज्यादा पुराने मुकदमें निपटा चुका है. जबकि आगामी समर वेकेशन में भी पुराने मुकदमों पर सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच गठित की जा रही है.

जबलपुर| मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सालों से लंबित पड़े मुकदमों की पेंडेंसी घटाने का फैसला लिया है. हाई कोर्ट 20 मई से करीब 1 माहिने के लिए शुरू हो रहे समर वेकेशन को वर्किंग वेकेशन बनाने जा रहा है. जबलपुर हाईकोर्ट की तीन बेंच गर्मी की छुट्टियों में जेल में सालों से बंद कैदियों की अपीलों पर सुनवाई करेंगी, इसके लिए विधिवत आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. जेल में बंद कैदियों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी.

पेंडिंग पड़े मामलों की समर वेकेशन में सुनवाई करेगा हाई कोर्ट

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में करीब 3 लाख 30 हजार मामले पेंडिंग हैं. जिसमे से दो लाख से ज्यादा सिविल मामले और 1लाख 25 हजार आपराधिक मामले हैं. इनमें से करीब डेढ़ लाख मामले 5 साल से ज्यादा वक्त से पेंडिंग हैं. जिन पर हाई कोर्ट के आगामी समर वेकेशन के दौरान सुनवाई की जाएगी. मुकदमों की पेंडेंसी घटाने के मकसद से हाईकोर्ट में पुराने मामलों को चिन्हित कर सूचीबद्ध किया जा रहा है. समर वेकेशन के दौरान मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच के सामने रोस्टर बनाया जा रहा है.

हाई कोर्ट ने अदालतों में सालों से लंबित मामलों को निपटाने के लिए 1 जुलाई 2015 से मुहिम शुरू की थी. इसके तहत फाइनल हियरिंग की सप्ताहिक सूची में हर जज के सामने 5 साल से 20 साल पुराने मामले सुनवाई के लिए रखे जाते हैं. जुलाई 2015 से साल 2018 तक हाई कोर्ट अपनी इस मुहिम से 30 हजार से ज्यादा पुराने मुकदमें निपटा चुका है. जबकि आगामी समर वेकेशन में भी पुराने मुकदमों पर सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच गठित की जा रही है.

Intro:जबलपुर
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट वर्षो से लंबित मुकदमों की पेंडेंसी घटाने के लिए 20 मई से करीब 1 माह के लिए शुरू हो रहे समर वेकेशन को वर्किंग वेकेशन बनाने जा रहा है।जबलपुर हाईकोर्ट की तीन खण्डपीठे गर्मी की छुट्टियों में जेल में सालों से बंद कैदियों की अपीलों पर सुनवाई करेगी इसके लिए विधिवत आदेश भी जारी कर दिए हैं। जिसके तहत जेल में बंद कैदियों की अपील पर सुनवाई हाईकोर्ट के समर वेकेशन के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी।


Body:मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में करीब 3,30,000 मुकदमे पेंडिंग है जिसमे से दो लाख से ज्यादा सिविल मामले जबकि 125000 आपराधिक मामले हैं। इनमें से करीब डेढ़ लाख मामले 5 साल से ज्यादा वक्त से पेंडिंग है जिन पर हाई कोर्ट के आगामी समर वेकेशन के दौरान सुनवाई की जाएगी। मुकदमों की पेंडेंसी घटाने के ही मकसद से हाईकोर्ट में पुराने मामलों को चिन्हित कर सूचीबद्ध किया जा रहा है और उन्हें समर वेकेशन के दौरान स्पेशल बेंच के सामने सुनवाई के लिए रोस्टर बनाया जा रहा है।


Conclusion:एमपी हाई कोर्ट ने अदालतों में सालों से लंबित मामलों को निपटाने के लिए 1 जुलाई 2015 से मुहिम शुरू की थी इसके तहत फाइनल हियरिंग की सप्ताहिक सूची में हर जज के सामने 5 साल से 20 साल पुराने मामलों की सुनवाई के लिए रखे जाते हैं। जुलाई 2015 से साल 2018 तक हाई कोर्ट अपनी इस मुहिम से 30,000 से ज्यादा पुराने मुकदमें निपटा चुका है जबकि आगामी समर वेकेशन में भी पुराने मुकदमा पर सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच गठित की जा रही है।
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