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बरगी बांध में रोज होता है 4 लाख का नुकसान, एक गलती सुधारने पर होंगे दो बड़े फायदे

बरगी बांध का पानी खेतों तक पहुंचाने के लिए बनाई गई कम क्षमता वाली नहर से एक दिन में करीब 4 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है. नहर के पानी से बनने वाली बिजली नष्ट हो रही है. आखिर ये नुकसान कैसे होता है, समझने के लिए पूरी खबर पढ़िए.

bargi dam of jabalpur
बरगी बांध में रोज होता है 4 लाख का नुकसान
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Published : Aug 3, 2020, 8:22 PM IST

जबलपुर। जबलपुर का बरगी बांध खेती के लिए पानी पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया था. इसमें कटनी, जबलपुर और नरसिंहपुर जिले की भूमि सिंचित करने के लिए नहरें बनाई गई हैं, लेकिन नरसिंहपुर की ओर जाने वाली नहर की वजह से रोज चार लाख का नुकसान हो रहा है.

Bargi Dam of jabalpur
बरगी बांध में रोज होता है 4 लाख का नुकसान

नुकसान किस तरह यहां समझिए

बरगी बांध के दोनों किनारों पर दो पावर हाउस बनाए गए हैं. बड़े पावर हाउस से 100 मेगावाट बिजली बनाई जाती है, जबकि छोटे पावर हाउस से 10 मेगावाट बिजली बनती है. इसी पावर हाउस में 5-5 मेगा वाट की दो यूनिट लगी हुई हैं. रवि और खरीफ के मौसम में यहां से पानी नहर के लिए छोड़ा जाता है और इस पानी की वजह से टरबाइन घूमने लगते हैं और बिजली बनने लगती है.

एक गलती सुधारने पर सरकार होंगे दो बड़े फायदे

नहर का छोटा होना नुकसान की वजह

ये एक किस्म से बिल्कुल मुफ्त की बिजली है, मात्र एक टरबाइन के घूमने से दिन भर में एक लाख यूनिट बिजली बनती है, जो बिजली कंपनी को लगभग चार लाख 50 हजार रुपए में बेची जाती है. एक औसत के अनुसार एक टरबाइन 1 दिन में चार लाख रुपए की बिजली बना देता है, लेकिन दोनों टरबाइन एक साथ नहीं चलाए जा सकते, क्योंकि बरगी बांध की नहर के निर्माण में लापरवाही बरती गई और इससे कम क्षमता का पानी ले जाने के उद्देश्य से बना दिया गया. दोनों टरबाइन चलाने के लिए नहर की क्षमता बढ़ानी पड़ेगी, अगर ऐसा होता है तो, रोज 4 लाख रुपए का होने वाला नुकसान लाभ में बदला जा सकेगा और ये बिजली जनता को सप्लाई की जाएगी, जिससे राजस्व भी बढे़गा.

Bargi Dam
बरगी बांध

समस्या कहां है ?

समस्या यहां है कि, अब यदि दोनों टरबाइन एक साथ चलते हैं, तो जितना पानी छोड़ा जाएगा, उससे नहर अपने तटबंध को तोड़ देगी और नष्ट हो जाएगी. इसलिए दोनों टरबाइन एक साथ नहीं चलाए जाते, बल्कि एक टरबाइन ही चलाया जाता है. ये कभी एक साथ टेस्ट भी नहीं हो पाए हैं.

सरकार को नहीं फिक्र

यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों ने अधिकारियों से कई बार नहर की क्षमता बढ़ाने के लिए पत्र लिखे हैं, लेकिन सरकार नुकसान झेलने के बाद भी इस मुद्दे पर कुछ नहीं कर रही है.

Bargi Dam of jabalpur
पावर हाउस

नहर की क्षमता बढ़ने से होंगे दो फायदे

यदि सरकार इस नहर की क्षमता बढ़ा दे, तो 2 बड़े फायदे होंगे, एक तो रोज चार लाख से ज्यादा की बिजली कम दामों में सरकार को मिलेगी. इससे बिजली कंपनी को भी फायदा है और सरकार को भी राजस्व मिलेगा. दूसरा फायदा किसानों को भरपूर पानी मिल सकेगा. जब ज्यादा पानी छूटेगा तो जाहिर सी बात है कि, बहुत सारे सूखे क्षेत्रों में भी पानी पहुंच पाएगा.

जबलपुर। जबलपुर का बरगी बांध खेती के लिए पानी पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया था. इसमें कटनी, जबलपुर और नरसिंहपुर जिले की भूमि सिंचित करने के लिए नहरें बनाई गई हैं, लेकिन नरसिंहपुर की ओर जाने वाली नहर की वजह से रोज चार लाख का नुकसान हो रहा है.

Bargi Dam of jabalpur
बरगी बांध में रोज होता है 4 लाख का नुकसान

नुकसान किस तरह यहां समझिए

बरगी बांध के दोनों किनारों पर दो पावर हाउस बनाए गए हैं. बड़े पावर हाउस से 100 मेगावाट बिजली बनाई जाती है, जबकि छोटे पावर हाउस से 10 मेगावाट बिजली बनती है. इसी पावर हाउस में 5-5 मेगा वाट की दो यूनिट लगी हुई हैं. रवि और खरीफ के मौसम में यहां से पानी नहर के लिए छोड़ा जाता है और इस पानी की वजह से टरबाइन घूमने लगते हैं और बिजली बनने लगती है.

एक गलती सुधारने पर सरकार होंगे दो बड़े फायदे

नहर का छोटा होना नुकसान की वजह

ये एक किस्म से बिल्कुल मुफ्त की बिजली है, मात्र एक टरबाइन के घूमने से दिन भर में एक लाख यूनिट बिजली बनती है, जो बिजली कंपनी को लगभग चार लाख 50 हजार रुपए में बेची जाती है. एक औसत के अनुसार एक टरबाइन 1 दिन में चार लाख रुपए की बिजली बना देता है, लेकिन दोनों टरबाइन एक साथ नहीं चलाए जा सकते, क्योंकि बरगी बांध की नहर के निर्माण में लापरवाही बरती गई और इससे कम क्षमता का पानी ले जाने के उद्देश्य से बना दिया गया. दोनों टरबाइन चलाने के लिए नहर की क्षमता बढ़ानी पड़ेगी, अगर ऐसा होता है तो, रोज 4 लाख रुपए का होने वाला नुकसान लाभ में बदला जा सकेगा और ये बिजली जनता को सप्लाई की जाएगी, जिससे राजस्व भी बढे़गा.

Bargi Dam
बरगी बांध

समस्या कहां है ?

समस्या यहां है कि, अब यदि दोनों टरबाइन एक साथ चलते हैं, तो जितना पानी छोड़ा जाएगा, उससे नहर अपने तटबंध को तोड़ देगी और नष्ट हो जाएगी. इसलिए दोनों टरबाइन एक साथ नहीं चलाए जाते, बल्कि एक टरबाइन ही चलाया जाता है. ये कभी एक साथ टेस्ट भी नहीं हो पाए हैं.

सरकार को नहीं फिक्र

यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों ने अधिकारियों से कई बार नहर की क्षमता बढ़ाने के लिए पत्र लिखे हैं, लेकिन सरकार नुकसान झेलने के बाद भी इस मुद्दे पर कुछ नहीं कर रही है.

Bargi Dam of jabalpur
पावर हाउस

नहर की क्षमता बढ़ने से होंगे दो फायदे

यदि सरकार इस नहर की क्षमता बढ़ा दे, तो 2 बड़े फायदे होंगे, एक तो रोज चार लाख से ज्यादा की बिजली कम दामों में सरकार को मिलेगी. इससे बिजली कंपनी को भी फायदा है और सरकार को भी राजस्व मिलेगा. दूसरा फायदा किसानों को भरपूर पानी मिल सकेगा. जब ज्यादा पानी छूटेगा तो जाहिर सी बात है कि, बहुत सारे सूखे क्षेत्रों में भी पानी पहुंच पाएगा.

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