जबलपुर। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सालय (Nanaji Deshmukh Veterinary Hospital) में डॉक्टरों (Doctors) ने एक मादा लंगूर (female langur) को नया जीवन दिया है. दरअसल, एक मादा बंदर का नरसिंहपुर (Narsinghpur) में एक्सीडेंट (Accident) हो गया था और हादसे में उसके पैर की न सिर्फ हड्डी टूट गई, बल्कि हड्डी के 5 टुकड़े भी हो गए थे. ऐसी स्थिति में अगर घायल जानवर को समय से इलाज नहीं मिलता तो कुछ ही दिनों में उसकी मौत भी हो सकती थी.
अपने तरीके का पहला ऑपरेशन
नरसिंहपुर वन विभाग की टीम (Narsinghpur Forest Department team) ने घायल लंगूर को जबलपुर के स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ सेंटर (School Of Wildlife Forensic And Health) पर लाकर इलाज कराया. यहां डॉक्टरों ने पाया की हड्डी ज्यादा टूटी है और इसे जोड़ने के लिए राड और स्क्रू लगेंगे. सामान्य तौर पर इस तरह का ऑपरेशन (operation) मानव प्रजाति में किया जाता है, लेकिन पहली बार एक लंगूर का इस तरीके से ऑपरेशन (operation) किया गया.
ठीक होने में लगभग 1 महीने का समय
फिलहाल, डॉक्टरों (Doctors) का कहना है कि हड्डी (Bone) के अंदर इंटरलॉकिंग मिलिंग टेक्निक के जरिए स्क्रू और राड डाली गई हैं. अब यह जानवर आसानी से अपना जीवन यापन दोबारा कर पाएगा. हालांकि, अभी इसे ठीक होने में लगभग 1 महीने का समय लगेगा. यदि ऑपरेशन (operation) पूरी तरह से सफल रहा तो इस जानवर को नई जिंदगी मिल पाएगी. जबलपुर के स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ सेंटर में इसके पहले इस तरह के ऑपरेशन पालतू पशुओं पर आजमाए गए हैं. लेकिन पहली बार एक जंगली जानवर को भी यह सुविधा दी गई है.
वाइल्डलाइफ के मामले में एमपी सबसे आगे
मध्य प्रदेश वाइल्डलाइफ (Wildlife) के मामले में दुनिया की एक बेहतरीन डेस्टिनेशन है. यहां पर सैकड़ों प्रजातियों के जानवर पाए जाते हैं. यदि हम जानवरों के प्रति इतने ही संवेदनशील रहें तो यह हमारे पर्यावरण को बेहतर रखने में काफी मददगार साबित होंगे.