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खुले में रखा किसानों का कई क्विंटल धान बर्बाद! प्रशासन पर गंभीर आरोप

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Published : Jun 21, 2021, 8:39 PM IST

जबलपुर के गोसलपुर क्षेत्र में ओपन कैंप बना हुआ है, जिसमें लाखों क्विंटल धान रखा है. बारिश के कारण कैंप में रखा धान बर्बादी की कगार पर है. जिसको लेकर किसानों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

paddy got rotten in gosalpur open camp
किसानों का कई क्विंटल धान बर्बाद

जबलपुर। मध्य प्रदेश में जबलपुर के गोसलपुर क्षेत्र में धान भंडारण के लिए ओपन कैंप बना हुआ है. लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर यहां सिर्फ खानापूर्ति की गई है. सही इंतजाम नहीं होने की वजह से ओपन कैंप में रखा करोड़ों रुपए का धान सड़ गया है. वहीं इस पूरे मामले में किसानों ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि अधिकारियों की अनदेखी की वजह से ओपन कैंप में रखा धान खराब हो गया. वहीं इस पूरे मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं.

25 एकड़ में बनाया था ओपन कैंप

गोसलपुर क्षेत्र में किसानों के धान के रख-रखाव के लिए विभाग ने करीब 25 एकड़ जमीन पर ओपन कैंप बनवाए. ओपन कैंप में साल 2018 से लेकर 2021 तक किसानों से समितियों के द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान को भंडारित किया गया. लेकिन इस दौरान धान के सुरक्षित भंडारण को लेकर काफी लापरवाही देखी गई. जिसके कारण कैंप में रखा हजारों बोरियां धान पूरी तरह सड़ गया. मौजूदा स्थिति यह है कि ओपन कैंप में रखा ज्यादातर धान लापरवाही के कारण खराब हो गया है.

paddy got rotten in gosalpur open camp
किसानों का कई क्विंटल धान बर्बाद

जानबूझकर धान खराब करने के आरोप

ऐसे आरोप भी हैं कि ओपन कैंप में रखे धान को जान बूझकर सड़ाया जा रहा है. क्योंकि भंडारण केंद्र में तिरपाल और दूसरी व्यवस्था भी हैं. लेकिन इसके बावजूद धान किसी ना किसी वजह से सड़ रहा है. किसान ओमप्रकाश पटेल ने अपनी मेहनत की फसल की इस दुर्दशा पर दुख जताया है. उन्होंने कहा, 'मेरे जैसे हजारों किसानों ने दिन-रात मेहनत कर फसल पैदा की, आज ये फसल प्रशासनिक लापरवाही के चलते खराब हो रही है.

भारतीय किसान यूनियन ने जिम्मेदारों पर लगाए आरोप

गोसलपुर ओपन कैंप में रखी हजारों टन धान विभागीय लापरवाही के चलते खराब हो गई है. मामले में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि इसकी गंभीरता से जांच कराई जाएगी. दूसरी तरफ खराब हुई धान को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने विभागीय अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. किसान यूनियन का कहना है कि अधिकारियों की अनदेखी की वजह से धान खराब हुई है.

प्रशासन पर गंभीर आरोप

करोड़ों के धान पर ये कैसी आफत! 73 हजार क्विंटल धान सड़ने की कगार पर, किसकी लापरवाही

पिछले साल खराब हुआ 6 हजार क्विंटल धान

सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, पिछले साल भी लगभग 6 हजार क्विंटल धान सड़कर खराब हो गई थी. जिसे बाद में शराब कंपनियों को ओने-पौने दाम में बेच दिया गया. वहीं इस साल भी काफी धान सड़ने की कगार पर है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि धान खराब होने के बाद दोबारा शराब कंपनियों को धान ओने-पौने दाम में बेच दी जाएगी.

paddy got rotten in gosalpur open camp
खुले में रखा किसानों का धान

भंडारण नीति का नहीं हो रहा पालन

ओपन कैंप में किसी भी उपज के भंडारण के 6 माह के अंदर उसका उठाव हो जाना चाहिए. लेकिन गोसलपुर ओपन कैंप में करीब 3 साल पहले खरीदी गई, धान अभी भी रखी हुई है. जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि मिलिंग के लिए सबसे पहले ओपन कैंप में रखी हुई धान का उठाव किया जाए.

जबलपुर। मध्य प्रदेश में जबलपुर के गोसलपुर क्षेत्र में धान भंडारण के लिए ओपन कैंप बना हुआ है. लेकिन व्यवस्थाओं के नाम पर यहां सिर्फ खानापूर्ति की गई है. सही इंतजाम नहीं होने की वजह से ओपन कैंप में रखा करोड़ों रुपए का धान सड़ गया है. वहीं इस पूरे मामले में किसानों ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. भारतीय किसान यूनियन का कहना है कि अधिकारियों की अनदेखी की वजह से ओपन कैंप में रखा धान खराब हो गया. वहीं इस पूरे मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं.

25 एकड़ में बनाया था ओपन कैंप

गोसलपुर क्षेत्र में किसानों के धान के रख-रखाव के लिए विभाग ने करीब 25 एकड़ जमीन पर ओपन कैंप बनवाए. ओपन कैंप में साल 2018 से लेकर 2021 तक किसानों से समितियों के द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान को भंडारित किया गया. लेकिन इस दौरान धान के सुरक्षित भंडारण को लेकर काफी लापरवाही देखी गई. जिसके कारण कैंप में रखा हजारों बोरियां धान पूरी तरह सड़ गया. मौजूदा स्थिति यह है कि ओपन कैंप में रखा ज्यादातर धान लापरवाही के कारण खराब हो गया है.

paddy got rotten in gosalpur open camp
किसानों का कई क्विंटल धान बर्बाद

जानबूझकर धान खराब करने के आरोप

ऐसे आरोप भी हैं कि ओपन कैंप में रखे धान को जान बूझकर सड़ाया जा रहा है. क्योंकि भंडारण केंद्र में तिरपाल और दूसरी व्यवस्था भी हैं. लेकिन इसके बावजूद धान किसी ना किसी वजह से सड़ रहा है. किसान ओमप्रकाश पटेल ने अपनी मेहनत की फसल की इस दुर्दशा पर दुख जताया है. उन्होंने कहा, 'मेरे जैसे हजारों किसानों ने दिन-रात मेहनत कर फसल पैदा की, आज ये फसल प्रशासनिक लापरवाही के चलते खराब हो रही है.

भारतीय किसान यूनियन ने जिम्मेदारों पर लगाए आरोप

गोसलपुर ओपन कैंप में रखी हजारों टन धान विभागीय लापरवाही के चलते खराब हो गई है. मामले में कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि इसकी गंभीरता से जांच कराई जाएगी. दूसरी तरफ खराब हुई धान को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने विभागीय अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. किसान यूनियन का कहना है कि अधिकारियों की अनदेखी की वजह से धान खराब हुई है.

प्रशासन पर गंभीर आरोप

करोड़ों के धान पर ये कैसी आफत! 73 हजार क्विंटल धान सड़ने की कगार पर, किसकी लापरवाही

पिछले साल खराब हुआ 6 हजार क्विंटल धान

सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, पिछले साल भी लगभग 6 हजार क्विंटल धान सड़कर खराब हो गई थी. जिसे बाद में शराब कंपनियों को ओने-पौने दाम में बेच दिया गया. वहीं इस साल भी काफी धान सड़ने की कगार पर है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि धान खराब होने के बाद दोबारा शराब कंपनियों को धान ओने-पौने दाम में बेच दी जाएगी.

paddy got rotten in gosalpur open camp
खुले में रखा किसानों का धान

भंडारण नीति का नहीं हो रहा पालन

ओपन कैंप में किसी भी उपज के भंडारण के 6 माह के अंदर उसका उठाव हो जाना चाहिए. लेकिन गोसलपुर ओपन कैंप में करीब 3 साल पहले खरीदी गई, धान अभी भी रखी हुई है. जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि मिलिंग के लिए सबसे पहले ओपन कैंप में रखी हुई धान का उठाव किया जाए.

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