जबलपुर। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय ने रूस के नावोसिवृशक वेटरिनरी यूनिवर्सिटी के साथ स्टूडेंट एक्सचेंज एमओयू साइन किया है. इसके तहत भारत के छात्र और शिक्षक रूस की इस यूनिवर्सिटी में अध्ययन के लिए जाएंगे और वहां से छात्र और शिक्षक भारत में अध्ययन के लिए आएंगे. वेटरिनरी यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एसपी तिवारी ने बताया कि जबलपुर की वेटरनरी कॉलेज की स्थापना 1948 में हुई थी. लेकिन अपनी स्थापना के 75 साल बीत जाने के बाद भी अब तक जबलपुर की वेटरनरी विश्वविद्यालय के छात्र कभी इस तरह से स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत विदेश अध्ययन के लिए नहीं गए.
चारों टॉपर लड़कियां : इस कार्यक्रम के तहत माइक्रोबायोलॉजी, फार्मोकोलॉजी, मेडिसिन और सर्जरी के टॉपर छात्र-छात्राओं को यह मौका दिया जा रहा है, लेकिन वेटरनरी विश्वविद्यालय में इन चारों क्षेत्र में केवल लड़कियां ही टॉपर हैं. इसलिए चार छात्राओं को भेजा जा रहा है. इनके साथ एक एकेडमिक स्टाफ भी है. जबलपुर से रूस के विश्वविद्यालय तक आने जाने का खर्च विवि प्रशासन उठा रहा है. वहां रहने और अध्ययन करने की सुविधा रूस की तरफ से दी गई है. रूस कई मामलों में हमसे तकनीकी क्षेत्र में बहुत आगे है. खासतौर पर माइक्रोबायोलॉजी के मामले में. रूस का अध्ययन भारत से बहुत ज्यादा है.
ये खबरें भी पढ़ें... |
दूसरे कई देशों से चल रही है बात : वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति का कहना है कि हमारे छात्रों के साथ ही कुछ स्टाफ भी जा रहा है, जो वहां के इंफ्रास्ट्रक्चर और अध्ययन की पद्धति का प्रशिक्षण लगा ताकि इस ज्ञान को फिर हम अपने विश्वविद्यालय में बच्चों को दे सकें. रूस के अलावा ऑस्ट्रेलिया, पोलैंड, जर्मनी जैसे कई देशों से जबलपुर का नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय चर्चा कर रहा है, ताकि यहां भी छात्र-छात्राओं को अध्ययन के लिए भेजा जा सके. कुलपति का कहना है कि यूक्रेन से उनकी बात अंतिम स्तर पर थी. उनका स्टाफ भारत में आकर पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय का निरीक्षण करके चला गया था, लेकिन युद्ध की वजह से यूक्रेन से यह प्रक्रिया रुक गई.