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Jabalpur News: जबलपुर में स्मार्ट मीटर बदलने गए अधिकारियों कर्मचारियों को महिलाओं ने भगाया, कहा- 'पहले बिजली का बिल कम करो'

जबलपुर शहर में स्मार्ट मीटर की कवायद शुरू हो गई है. बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी घरों के मीटर बदलने गये तो महिलाओं ने भगा दिया. महिलाओं का आरोप है कि हर महीने उन्हें 3,000 से 5,000 रुपये तक बिजली का बिल भरना पड़ रहा है. रोज कमाने खाने वाले लोग इतना बिल कैसे भरेंगे.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 26, 2023, 8:52 PM IST

जबलपुर। शताब्दीपुरम में स्मार्ट मीटर लगाने गए अधिकारियों को बैरन वापस लौटाया गया. महिलाओं का कहना है कि जब पुराने बिजली मीटर ठीक चल रहे हैं तो मीटर बदलने की जरूरत क्या है. जबलपुर में तीन लाख नए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. आम उपभोक्ताओं का कहना है कि सरकार को बिजली के दाम कम करना चाहिए. वहीं, उपभोक्ताओं की लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि "जो बिजली कंपनी एक फीट का वायर फ्री में नहीं देती. वह 7 हजार रुपये का मीटर फ्री में क्यों दे रही है. इसके पीछे कोई बड़ा घोटाला होने की संभावना नजर आ रही है."

जबलपुर में बदले जाने हैं 3 लाख बिजली मीटर: जबलपुर में विद्युत वितरण कंपनी स्मार्ट मीटर लगाने की योजना चला रही है. इसके तहत जबलपुर शहर में 3 लाख मीटर बदले जाने हैं. जबलपुर में शताब्दीपुरम के शहनाई गार्डन में बिजली कंपनी के कर्मचारी मीटर लगाने के लिए पहुंचे तो लोगों ने मीटर बदलवाने से मना कर दिया. यहां हंगामे की स्थिति बन गई. वहीं लोगों का कहना है कि उन्हें नए मीटर नहीं लगवाने हैं, उनके पास मोबाइल फोन नहीं है. ऐसे में वह स्मार्ट मीटर का क्या करेंगे और पहले जो मीटर लगा हुआ है वह जब ठीक चल रहा है, तो फिर नए मीटर लगाने की क्या जरूरत है.

स्मार्ट मीटर लगवाने को तैयार नहीं आम आदमी: बिजली कंपनी के अधिकारी ग्राहकों को समझ रहे हैं कि नया डिजिटल मीटर उनके फायदे का है. इसमें जो भी खपत आएगी उसे मोबाइल पर देखा जा सकता है. इससे ज्यादा खपत के दौरान बिजली बचाई जा सकती है. बिजली का बिल भी सीधे मोबाइल पर आ जाएगा. इसके बाद मीटर रीडर की जरूरत नहीं पड़ेगी. स्मार्ट मीटर में कुछ दिनों बाद रिचार्ज और प्रीपेड की सुविधा भी चालू करने की बात बिजली कंपनी द्वारा की गई थी. बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि "उन्होंने पहले लोगों को जानकारी दे दी थी उसके बाद ही वे मीटर बदलने के लिए आए लेकिन लोग उन्हें काम नहीं करने दे रहे."

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7,000 का मीटर फ्री में कैसे बदला जा रहा है: इस मौके पर जबलपुर में बिजली उपभोक्ताओं के लिए लड़ाई लड़ने वाले कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा भी पहुंच गए. सौरभ शर्मा का कहना है कि "पहले तो यह समझ में नहीं आ रहा है कि जब पुराने बिजली मीटर ठीक-ठाक चल रहे थे तो नहीं मीटर लगाने की जरूरत क्या है. फिर दूसरा सवाल उन्होंने यह खड़ा किया कि स्मार्ट मीटर की कीमत 7000 रुपये है. जबलपुर में 3 लाख से ज्यादा मीटर बदले जा रहे हैं. सरकार इनको फ्री में क्यों बदल रही है." सौरभ शर्मा का कहना है कि "बिजली कंपनी एक फीट का वायर फ्री में नहीं देती, ऐसे में 7000 का मीटर फ्री में क्यों बदला जा रहा है. इसमें 100% घोटाला हुआ है या फिर बाद में यह पैसा उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा."

जबलपुर। शताब्दीपुरम में स्मार्ट मीटर लगाने गए अधिकारियों को बैरन वापस लौटाया गया. महिलाओं का कहना है कि जब पुराने बिजली मीटर ठीक चल रहे हैं तो मीटर बदलने की जरूरत क्या है. जबलपुर में तीन लाख नए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं. आम उपभोक्ताओं का कहना है कि सरकार को बिजली के दाम कम करना चाहिए. वहीं, उपभोक्ताओं की लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि "जो बिजली कंपनी एक फीट का वायर फ्री में नहीं देती. वह 7 हजार रुपये का मीटर फ्री में क्यों दे रही है. इसके पीछे कोई बड़ा घोटाला होने की संभावना नजर आ रही है."

जबलपुर में बदले जाने हैं 3 लाख बिजली मीटर: जबलपुर में विद्युत वितरण कंपनी स्मार्ट मीटर लगाने की योजना चला रही है. इसके तहत जबलपुर शहर में 3 लाख मीटर बदले जाने हैं. जबलपुर में शताब्दीपुरम के शहनाई गार्डन में बिजली कंपनी के कर्मचारी मीटर लगाने के लिए पहुंचे तो लोगों ने मीटर बदलवाने से मना कर दिया. यहां हंगामे की स्थिति बन गई. वहीं लोगों का कहना है कि उन्हें नए मीटर नहीं लगवाने हैं, उनके पास मोबाइल फोन नहीं है. ऐसे में वह स्मार्ट मीटर का क्या करेंगे और पहले जो मीटर लगा हुआ है वह जब ठीक चल रहा है, तो फिर नए मीटर लगाने की क्या जरूरत है.

स्मार्ट मीटर लगवाने को तैयार नहीं आम आदमी: बिजली कंपनी के अधिकारी ग्राहकों को समझ रहे हैं कि नया डिजिटल मीटर उनके फायदे का है. इसमें जो भी खपत आएगी उसे मोबाइल पर देखा जा सकता है. इससे ज्यादा खपत के दौरान बिजली बचाई जा सकती है. बिजली का बिल भी सीधे मोबाइल पर आ जाएगा. इसके बाद मीटर रीडर की जरूरत नहीं पड़ेगी. स्मार्ट मीटर में कुछ दिनों बाद रिचार्ज और प्रीपेड की सुविधा भी चालू करने की बात बिजली कंपनी द्वारा की गई थी. बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि "उन्होंने पहले लोगों को जानकारी दे दी थी उसके बाद ही वे मीटर बदलने के लिए आए लेकिन लोग उन्हें काम नहीं करने दे रहे."

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7,000 का मीटर फ्री में कैसे बदला जा रहा है: इस मौके पर जबलपुर में बिजली उपभोक्ताओं के लिए लड़ाई लड़ने वाले कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा भी पहुंच गए. सौरभ शर्मा का कहना है कि "पहले तो यह समझ में नहीं आ रहा है कि जब पुराने बिजली मीटर ठीक-ठाक चल रहे थे तो नहीं मीटर लगाने की जरूरत क्या है. फिर दूसरा सवाल उन्होंने यह खड़ा किया कि स्मार्ट मीटर की कीमत 7000 रुपये है. जबलपुर में 3 लाख से ज्यादा मीटर बदले जा रहे हैं. सरकार इनको फ्री में क्यों बदल रही है." सौरभ शर्मा का कहना है कि "बिजली कंपनी एक फीट का वायर फ्री में नहीं देती, ऐसे में 7000 का मीटर फ्री में क्यों बदला जा रहा है. इसमें 100% घोटाला हुआ है या फिर बाद में यह पैसा उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा."

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