जबलपुर। मूंग खरीदी के नाम पर राज्य सरकार को लगभग 6 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है. दरअसल, अमर लता एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर कंपनी ने मूंग खरीदी ही नहीं की और फर्जी भुगतान करवा दिया. वहीं, जो मूंग खरीदी भी उसमें मूंग की जगह रेत मिलाकर रख दी. फिलहाल एसडीएम ने सियाराम वेयरहाउस पर छापा मारकर एक प्रतिवेदन तैयार किया है. एसडीएम की कार्रवाई के बाद पुलिस ने वेयरहाउस प्रबंधक घनश्याम पटेल, ऑपरेटर दीपक पटेल और सर्वेयर आकाश विठ्ठले के खिलाफ धोखाधड़ी और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.
8 हजार क्विंटल मूंग मिली कमः जानकारी के अनुसार मझौली इलाके में अमर लता एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर कंपनी को मूंग खरीदी करने का काम राज्य शासन की ओर से दिया गया था. इसमें अमर लता एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर कंपनी किसानों से मूंग खरीद रही थी और इसका भुगतान राज्य शासन के माध्यम से हो रहा था, यह पूरा स्टॉक सियाराम वेयरहाउस में रखा था. अमर लता एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर कंपनी ने लगभग 40,000 क्विंटल मूंग की खरीदी की, लेकिन जब एसडीएम धीरेंद्र सिंह की टीम सियाराम वेयरहाउस पर पहुंची और उन्होंने स्टॉक चेक किया तो यह लगभग 8,000 क्विंटल मूंग कम पाई गई, जबकि भुगतान 40,000 क्विंटल का हुआ था और मौके पर केवल 32,000 क्विंटल मूंग पाई गई.
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गुणवत्ता विहीन है मूंगः इस मामले को लेकर एसडीएम धीरेंद्र सिंह का कहना है कि, ''8,000 क्विंटल मूंग की कीमत ₹8000 प्रति क्विंटल के हिसाब से लगाई जाए तो यह लगभग 6 करोड़ 40 लाख की होती है. पहले तो यही भुगतान गलत हुआ है. दूसरा जो मूंग स्टॉक में रखी है उसमें भी मूंग से ज्यादा उसमें कंकड़ और पत्थर हैं. मतलब जो 32,223 क्विंटल मूंग वहां स्टॉक में है वह भी गुणवत्ता विहीन है. उन्होंने कहा, ''इस मामले में वेयरहाउस मलिक के अलावा दो छोटे कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है''