जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक दुर्घटना में एक मजदूर की मौत हो गई है और पांच मजदूर घायल हैं. यह दुर्घटना जबलपुर में बनने वाले 8 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर के मदन महल के हिस्से में हुई है. यहां सड़क किनारे एक नाला बनाया जा रहा था जो इस फ्लाईओवर का हिस्सा है. इस नाले में मिट्टी गिरने से यह दुर्घटना घटी. घायलों को एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. गौरतलब है कि इसी फ्लाईओवर के एक हिस्से का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने बीते दिनों किया था.
लापरवाही की वजह से गई मजदूर की जान: जबलपुर में लगभग 1100 करोड़ रुपए की लागत से एक फ्लाईओवर बनाए जा रहा है. इस फ्लाईओवर में मदन महल चौराहे पर एक नाले का निर्माण किया जा रहा था. इसी दौरान बहुत सी मिट्टी खोदी गई थी. यह मिट्टी नाले के ऊपर रखी हुई थी. इसी नाले के निर्माण में नीचे मजदूर सेंटरिंग का काम कर रहे थे, तब अचानक से ऊपर रखी हुई मिट्टी गिरना शुरू हो गई और इसके पहले की मजदूर निकाल पाते मिट्टी के ढ़ेर के नीचे छह मजदूर दब गए. जब तक बचाव कार्य शुरू होता तब तक एक मजदूर की मौत हो चुकी थी.
तीन मजदूर झारखंड के रहने वाले: जिस मजदूर की मौत हुई है उसका नाम देवेंद्र बताया जा रहा है. वह दमोह का रहने वाला था. बाकी जो मजदूर दबे थे उनमें तीन झारखंड के हैं और दो मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से यहां काम करने के लिए आए थे. तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए. इन घायल मजदूरों को तुरंत जबलपुर के नेशनल अस्पताल पहुंचाया गया वहां इनका इलाज चल रहा है.
लोक निर्माण विभाग के बजाय पुलिस मौके पर पहुंची: यह घटना ठीक मदन महल थाने के सामने की है. इसलिए घटना के तुरंत बाद ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और पुलिस ने सबसे पहले तमाशबीन भीड़ को अलग करवाया. इसके बाद जेसीबी के जरिए मिट्टी में दबे हुए मजदूरों को निकालने का काम शुरू किया गया.
एनसीसी की लापरवाही: यह फ्लाईओवर पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा बनवाया जा रहा है और इसे एनसीसी नाम की एक कंपनी बना रही है. एनसीसी कंपनी यह दावा करती रही है कि उनके काम में कभी कोई दुर्घटना नहीं होती. लेकिन इस मामले में एनसीसी की लापरवाही सबके सामने आ गई है. बल्कि एनसीसी की वजह से एक मजदूर को अपनी जान गंवानी पड़ी है. दूसरी ओर जब यह घटना घटी उसी वक्त पुलिस तो मौके पर मौजूद थी लेकिन लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे थे.
निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल: नाले में मिट्टी गिरने की वजह मिट्टी को नाले के बहुत पास स्टोर करना बताया जा रहा है. इसमें वे इंजीनियर भी दोषी हैं जो इस काम को मॉनिटर कर रहे थे. वहीं सबसे बड़ी लापरवाही लोक निर्माण विभाग की है, क्योंकि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कर्मचारी इस पूरे निर्माण कार्य में कहीं भी रेख देख नहीं कर रहे हैं. इसकी वजह से न केवल यह दुर्घटना घटी बल्कि कई जगहों पर निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.