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जबलपुर को मिला सबसे घातक फाइटर प्लेन मिग-21! करीब से जान सकेंगे इसकी खूबियां

जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को सबसे घातक फाइटर प्लेन मिग-21 (Jabalpur Engineering College got fighter aircraft MiG-21 for Research of Students) मिल गया है, जिसे अब इंजीनियरिंग के छात्र करीब से देख सकेंगे. इसे कॉलेज में खड़ा करने का उद्देश्य छात्र-छात्राओं में देशभक्ति जगाना है और सेना के प्रति उनका रुझान बढ़ाना है.

Jabalpur Engineering College got fighter aircraft MiG-21 for Research of Students
जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को मिला फाइटर प्लेन मिग-21
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Published : Dec 9, 2021, 2:34 PM IST

Updated : Jan 10, 2022, 1:08 PM IST

जबलपुर। जिस मिग-21 फाइटर प्लेन ने द्वितीय विश्वयुद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे, उसी लड़ाकू विमान को मध्यप्रदेश के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों की विशेष मांग पर स्थापित (Jabalpur Engineering College got fighter aircraft MiG-21 for Research of Students) किया गया है, खास बात यह है कि एयर मार्शल विभाष पांडे भी कभी इसी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र रहे हैं, बहरहाल अब मिग-21 फाइटर प्लेन न सिर्फ छात्र, बल्कि मध्यप्रदेश वालों की आंखों का तारा होगा. आप भी जानें मिग-21 फाइटर प्लेन की खासियत क्या है.

जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को मिला फाइटर प्लेन मिग-21

मिग-21 के ऑपरेशन को पूरा कर फ्लाइंग ऑफिसर भावना कंठ ने रचा इतिहास

जबलपुर में स्थापित हुआ मिग-21

रक्षा संस्थानों के लिए मशहूर जबलपुर में अब छात्र देश के सबसे भरोसेमंद फाइटर प्लेन मिग-21 की तकनीक से भी रूबरू हो सकेगें, सेना के शौर्य और पराक्रम से नई पीढ़ी को करीब से बताने और मिग-21 की खूबियों के साथ इंजीनियरिंग के छात्रों का तकनीकी कौशल बढ़ाने के मकसद से मिग-21 को जबलपुर की धरती पर लाया गया है, देश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब तकनीकी संस्थान में किसी फाइटर प्लेन का स्थापित किया गया है, दुश्मन देशों का काल कहा जाने वाला वायुसेना का ये विमान साल 2018 में रिटायर हो गया था, वायुसेना के बेड़े से रिटायर होने के बाद मिग-21 लड़ाकू विमान दिल्ली में एयरफोर्स बेस स्टेशन पर खड़ा था, रक्षा मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद मिग-21 को दिल्ली से अलग-अलग टुकड़ों में जबलपुर लाया गया और यहां इंजीनियिरों की टीम ने पार्ट्स को जोड़कर मिग 21 को तैयार कर दिया है.

DRDO निदेशक की भूमिका अहम

फाइटर प्लेन मिग 21 को जबलपुर लाने में डीआरडीओ के डायरेक्टर सुधीर मिश्रा और एयर मार्शल विभाष पांडे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, डीआरडीओ के डायरेक्टर सुधीर मिश्रा जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र रहे हैं, जबलपुर आने के बाद मिग-21 लड़ाकू विमान को जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के परिसर में स्थापित किया गया है, जहां जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिग-21 के माध्यम से प्रैक्टिकल जानकारी भी दी जाएगी.

फाइटर प्लेन की खासियत जानेंगे छात्र

मिग-21 फाइटर प्लेन देख कॉलेज के छात्र-छात्राओं में लड़ाकू विमान को लेकर उत्सुकता इस कदर बढ़ गई है कि असली मिग-21 होने का पता चलते ही उत्साहित छात्र फाइटर प्लेन के साथ सेल्फी लेने से खुद को नहीं रोक पा रहे हैं, जहां इस मिग 21 विमान के आने से छात्रों का वायुसेना और आर्मी के प्रति जज्बा बढ़ेगा, वहीं तकनीकी ज्ञान से भी अवगत होंगे, साथ ही मिग 21 विमान को नया रंगरूप दिया जा रहा है, कॉलेज प्रबंधन की मानें तो मैकेनिकल में हवा में ध्वनि की गति भी पढ़ाई जाती है, मिग-21 भी अपनी रफ्तार प्रति घंटे/2230 किमी के कारण ही जाना जाता है, इसमें उपयोग किए जाने वाले तकनीकी यंत्रों की जानकारी के साथ विमान की कार्यप्रणाली आदि से छात्रों को अवगत कराया जाएगा.

अपनी श्रेणी का सर्वश्रेष्ठ फाइटर है मिग-21

मिग-21 सबसे पुराना लड़ाकू विमान है, जोकि अपने समय में सबसे तेज गति से उड़ान भरने वाला सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों में से एक है, इसकी तेज गति के कारण अमेरिका जैसे देश भी डरते थे, बालाकोट एयर स्ट्राइक में विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तान के सबसे आधुनिक एफ-16 विमान को इसी से मार गिराया था, एविएशन के इतिहास में सबसे अधिक संख्या में बनाया गया सुपर सोनिक फाइटर जेट है, यह अपनी श्रेणी का सर्वश्रेष्ठ फाइटर और इंटरसेप्टर लड़ाकू विमान माना जाता है.

जबलपुर। जिस मिग-21 फाइटर प्लेन ने द्वितीय विश्वयुद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे, उसी लड़ाकू विमान को मध्यप्रदेश के शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों की विशेष मांग पर स्थापित (Jabalpur Engineering College got fighter aircraft MiG-21 for Research of Students) किया गया है, खास बात यह है कि एयर मार्शल विभाष पांडे भी कभी इसी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र रहे हैं, बहरहाल अब मिग-21 फाइटर प्लेन न सिर्फ छात्र, बल्कि मध्यप्रदेश वालों की आंखों का तारा होगा. आप भी जानें मिग-21 फाइटर प्लेन की खासियत क्या है.

जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को मिला फाइटर प्लेन मिग-21

मिग-21 के ऑपरेशन को पूरा कर फ्लाइंग ऑफिसर भावना कंठ ने रचा इतिहास

जबलपुर में स्थापित हुआ मिग-21

रक्षा संस्थानों के लिए मशहूर जबलपुर में अब छात्र देश के सबसे भरोसेमंद फाइटर प्लेन मिग-21 की तकनीक से भी रूबरू हो सकेगें, सेना के शौर्य और पराक्रम से नई पीढ़ी को करीब से बताने और मिग-21 की खूबियों के साथ इंजीनियरिंग के छात्रों का तकनीकी कौशल बढ़ाने के मकसद से मिग-21 को जबलपुर की धरती पर लाया गया है, देश में ऐसा पहली बार हुआ है, जब तकनीकी संस्थान में किसी फाइटर प्लेन का स्थापित किया गया है, दुश्मन देशों का काल कहा जाने वाला वायुसेना का ये विमान साल 2018 में रिटायर हो गया था, वायुसेना के बेड़े से रिटायर होने के बाद मिग-21 लड़ाकू विमान दिल्ली में एयरफोर्स बेस स्टेशन पर खड़ा था, रक्षा मंत्रालय की हरी झंडी मिलने के बाद मिग-21 को दिल्ली से अलग-अलग टुकड़ों में जबलपुर लाया गया और यहां इंजीनियिरों की टीम ने पार्ट्स को जोड़कर मिग 21 को तैयार कर दिया है.

DRDO निदेशक की भूमिका अहम

फाइटर प्लेन मिग 21 को जबलपुर लाने में डीआरडीओ के डायरेक्टर सुधीर मिश्रा और एयर मार्शल विभाष पांडे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, डीआरडीओ के डायरेक्टर सुधीर मिश्रा जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र रहे हैं, जबलपुर आने के बाद मिग-21 लड़ाकू विमान को जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के परिसर में स्थापित किया गया है, जहां जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिग-21 के माध्यम से प्रैक्टिकल जानकारी भी दी जाएगी.

फाइटर प्लेन की खासियत जानेंगे छात्र

मिग-21 फाइटर प्लेन देख कॉलेज के छात्र-छात्राओं में लड़ाकू विमान को लेकर उत्सुकता इस कदर बढ़ गई है कि असली मिग-21 होने का पता चलते ही उत्साहित छात्र फाइटर प्लेन के साथ सेल्फी लेने से खुद को नहीं रोक पा रहे हैं, जहां इस मिग 21 विमान के आने से छात्रों का वायुसेना और आर्मी के प्रति जज्बा बढ़ेगा, वहीं तकनीकी ज्ञान से भी अवगत होंगे, साथ ही मिग 21 विमान को नया रंगरूप दिया जा रहा है, कॉलेज प्रबंधन की मानें तो मैकेनिकल में हवा में ध्वनि की गति भी पढ़ाई जाती है, मिग-21 भी अपनी रफ्तार प्रति घंटे/2230 किमी के कारण ही जाना जाता है, इसमें उपयोग किए जाने वाले तकनीकी यंत्रों की जानकारी के साथ विमान की कार्यप्रणाली आदि से छात्रों को अवगत कराया जाएगा.

अपनी श्रेणी का सर्वश्रेष्ठ फाइटर है मिग-21

मिग-21 सबसे पुराना लड़ाकू विमान है, जोकि अपने समय में सबसे तेज गति से उड़ान भरने वाला सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों में से एक है, इसकी तेज गति के कारण अमेरिका जैसे देश भी डरते थे, बालाकोट एयर स्ट्राइक में विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तान के सबसे आधुनिक एफ-16 विमान को इसी से मार गिराया था, एविएशन के इतिहास में सबसे अधिक संख्या में बनाया गया सुपर सोनिक फाइटर जेट है, यह अपनी श्रेणी का सर्वश्रेष्ठ फाइटर और इंटरसेप्टर लड़ाकू विमान माना जाता है.

Last Updated : Jan 10, 2022, 1:08 PM IST

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