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'ऐसे तो कई दशक लग जाएंगे' : HC में सुनवाई - जबलपुर हाईकोर्ट

कछुए की चाल से रहे सीवर कार्य पर हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई. मामले में अगली सुनवाई पांच अप्रैल हो होगी.

demands time from court
कोर्ट से मांगी मोहलत
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Published : Mar 1, 2021, 10:00 PM IST

जबलपुर। शहर में चल रहे सीवर लाइन, साफ -सफाई और सड़कों की दुर्दशा के संबंध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ टैक्निकल एग्जामिनर की ओर से पेश रिपोर्ट में बताया गया था, कि सीवर लाइन के लिए नगर निगम ने 533 करोड़ रूपये की एपीआर भेजी है. युगलपीठ के समक्ष नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से कहा गया कि एपीआर में अमल किया गया है. भारत सरकार की एक योजना है, जिसके आने के बाद ही राशि स्वीकृति पर फैसला होगा. इसके लिये उन्हें कुछ और मोहलत दी जाए. इस पर युगलपीठ ने तीन दिन में हलफनामा देने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई पांच अप्रैल को निर्धारित की हैं

ऐसे तो कई दशक लग जाएंगे

शहर में कछुए की गति से होर रहे सीवर लाइन कार्य और कार्य के दौरान सड़कों को खोदे जाने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. इसी मुद्दे को लेकर सौरभ शर्मा की ओर से भी एक जनहित याचिका दायर की गई थी. मामले की पहले हुई सुनवाई पर युगलपीठ को बताया था, कि सीवर लाइन पर चार सौ करोड़ रूपये से अधिक का खर्च किया गया है. डेढ़ दशक बीते जाने के बावजूद निर्माण कार्य अधूरा है. ऐसी गति से कार्य जारी रहा तो सीवर लाइन कार्य में कई दशक लग जाएंगे.

मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र्य कानून 2020 की संवैधानिकता को HC में चुनौती

मामले में सोमवार को आगे हुई सुनवाई हुई. जवाब के बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई पांच अप्रैल तक के लिये टाल दी है.

जबलपुर। शहर में चल रहे सीवर लाइन, साफ -सफाई और सड़कों की दुर्दशा के संबंध में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ टैक्निकल एग्जामिनर की ओर से पेश रिपोर्ट में बताया गया था, कि सीवर लाइन के लिए नगर निगम ने 533 करोड़ रूपये की एपीआर भेजी है. युगलपीठ के समक्ष नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से कहा गया कि एपीआर में अमल किया गया है. भारत सरकार की एक योजना है, जिसके आने के बाद ही राशि स्वीकृति पर फैसला होगा. इसके लिये उन्हें कुछ और मोहलत दी जाए. इस पर युगलपीठ ने तीन दिन में हलफनामा देने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई पांच अप्रैल को निर्धारित की हैं

ऐसे तो कई दशक लग जाएंगे

शहर में कछुए की गति से होर रहे सीवर लाइन कार्य और कार्य के दौरान सड़कों को खोदे जाने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. इसी मुद्दे को लेकर सौरभ शर्मा की ओर से भी एक जनहित याचिका दायर की गई थी. मामले की पहले हुई सुनवाई पर युगलपीठ को बताया था, कि सीवर लाइन पर चार सौ करोड़ रूपये से अधिक का खर्च किया गया है. डेढ़ दशक बीते जाने के बावजूद निर्माण कार्य अधूरा है. ऐसी गति से कार्य जारी रहा तो सीवर लाइन कार्य में कई दशक लग जाएंगे.

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मामले में सोमवार को आगे हुई सुनवाई हुई. जवाब के बाद न्यायालय ने मामले की सुनवाई पांच अप्रैल तक के लिये टाल दी है.

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