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ग्वारीघाट पर होने वाली नर्मदा नदी की ये आरती है खास - जबलपुर न्यूज

जबलपुर के ग्वारीघाट पर होने वाली नर्मदा नदी की आरती आपने आप में खास है इसका धार्मिक महत्व तो यहां के लोग बखुबी जानते है साथ ही उन्हे ये भी पता है कि स्वच्छता का ख्याल कैसे रखा जाए इसी का एक उदाहरण है ये आरती.

ग्वारीघाट पर होने वाली नर्मदा नदी की आरती है खास
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Published : Nov 23, 2019, 12:32 AM IST

Updated : Nov 23, 2019, 3:55 PM IST

जबलपुर, संस्कारधानी के नाम से जाना वाला प्रदेश का ये जिला अपनी कई खात बातों की वजह से जाना जाता है. इसी के चलते जिले में नर्मदा नदी के ग्वारीघाट तट पर पिछले सात सालों नर्मदा आरती का आयोजन किया जा रहा है जो स्थानीय लोगों के साथ-साथ अब पर्यटकों के आकर्षण का भी केंद्र बन गई है. ग्वारीघाट पर रोज शाम सात बजे नर्मदा आरती की जाती है.

ग्वारीघाट पर होने वाली नर्मदा नदी की आरती है खास

यह आरती 2012 से अब तक लगातार की जा रही है. वही कैसी भी परिस्थितियों में ये आरती कभी भी बंद नहीं हुई. जब नर्मदा में तेज बाढ़ आई और पानी घाट की दुकानों तक भर गया तब भी आरती का सिलसिला बंद नहीं हुआ. इसी वजह से इस आरती में लोगों की श्रद्धा और बढ़ गई.

साधु संत मिलकर करते है ये आरती
ग्वारीघाट पर होने वाली नर्मदा नदी की आरती है खास

इसलिए खास है ये आरती
आरती का धार्मिक महत्व तो लोग अच्छी तरह समझते हैं लेकिन इसका सामाजिक सरोकार यह है कि इसकी वजह से पूरा घाट साफ सुथरा है और लोगों में नर्मदा नदी के प्रति सम्मान बढ़ रही है. इस आरती के पूरा होने के बाद भी घाट पर कही भी कचरा दिखाई नही देता है और लोग जागरूक होकर इस बात का खास ध्यान रखते है कि घाट पर स्वच्छता बनी रहे. इस आरती के प्रति लोगों की आस्था का पता इस बात से भी लगाया जा सकता है कि नर्मदा परिक्रमा करने वाले तीर्थयात्री भी इस आरती की वजह से जबलपुर में कुछ ज्यादा दिनों तक रुक जाते हैं.

महाआरती करते पुजारी
महाआरती करते पुजारी

साथ ही यहां की खास बात ये है की इस आरती है दौरान रोज आरती मे मौजूद लोगों के स्वच्छता की शपथ दिलाई जाती है. जबलपुर के ग्वारीघाट पर होने वाली इस आरती का महत्व और लोगों की इसके प्रति आस्था दिनों दिन और बढ़ती जा रही है. वही इस आरती के महत्व को और बढ़ाती है यहां के लोगों की स्वच्छता के प्रति जागरूकता.

हर रोज कई लोग होते है आरती में शामिल
ग्वारीघाट पर होने वाली नर्मदा नदी की आरती है खास

जबलपुर, संस्कारधानी के नाम से जाना वाला प्रदेश का ये जिला अपनी कई खात बातों की वजह से जाना जाता है. इसी के चलते जिले में नर्मदा नदी के ग्वारीघाट तट पर पिछले सात सालों नर्मदा आरती का आयोजन किया जा रहा है जो स्थानीय लोगों के साथ-साथ अब पर्यटकों के आकर्षण का भी केंद्र बन गई है. ग्वारीघाट पर रोज शाम सात बजे नर्मदा आरती की जाती है.

ग्वारीघाट पर होने वाली नर्मदा नदी की आरती है खास

यह आरती 2012 से अब तक लगातार की जा रही है. वही कैसी भी परिस्थितियों में ये आरती कभी भी बंद नहीं हुई. जब नर्मदा में तेज बाढ़ आई और पानी घाट की दुकानों तक भर गया तब भी आरती का सिलसिला बंद नहीं हुआ. इसी वजह से इस आरती में लोगों की श्रद्धा और बढ़ गई.

साधु संत मिलकर करते है ये आरती
ग्वारीघाट पर होने वाली नर्मदा नदी की आरती है खास

इसलिए खास है ये आरती
आरती का धार्मिक महत्व तो लोग अच्छी तरह समझते हैं लेकिन इसका सामाजिक सरोकार यह है कि इसकी वजह से पूरा घाट साफ सुथरा है और लोगों में नर्मदा नदी के प्रति सम्मान बढ़ रही है. इस आरती के पूरा होने के बाद भी घाट पर कही भी कचरा दिखाई नही देता है और लोग जागरूक होकर इस बात का खास ध्यान रखते है कि घाट पर स्वच्छता बनी रहे. इस आरती के प्रति लोगों की आस्था का पता इस बात से भी लगाया जा सकता है कि नर्मदा परिक्रमा करने वाले तीर्थयात्री भी इस आरती की वजह से जबलपुर में कुछ ज्यादा दिनों तक रुक जाते हैं.

महाआरती करते पुजारी
महाआरती करते पुजारी

साथ ही यहां की खास बात ये है की इस आरती है दौरान रोज आरती मे मौजूद लोगों के स्वच्छता की शपथ दिलाई जाती है. जबलपुर के ग्वारीघाट पर होने वाली इस आरती का महत्व और लोगों की इसके प्रति आस्था दिनों दिन और बढ़ती जा रही है. वही इस आरती के महत्व को और बढ़ाती है यहां के लोगों की स्वच्छता के प्रति जागरूकता.

हर रोज कई लोग होते है आरती में शामिल
ग्वारीघाट पर होने वाली नर्मदा नदी की आरती है खास
Intro:नर्मदा नदी के ग्वारीघाट तट पर बीते 5 सालों से हो रही है सुंदर नर्मदा आरती स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटकों को भी कर रही है आकर्षित


Body:जबलपुर संस्कारधानी के नाम से भी जाना जाता है जबलपुर के ग्वारीघाट में रोज शाम 7:00 बजे नर्मदा आरती का आयोजन किया जाता है ग्वारीघाट में लगभग 100 मीटर लंबा नर्मदा का पक्का घाट है जो लाल पत्थरों से बनाया गया है जबलपुर मैं रहने वाले और घूमने आने वाले लोग शाम 7:00 बजे ग्वारीघाट में पहुंच जाते हैं और फिर एक व्यवस्थित और सुंदर आरती का आयोजन किया जाता है

यह आरती 2012 से अब तक लगातार चल रही है सर्दी गर्मी और बरसात विपरीत परिस्थितियों में भी कभी आरती बंद नहीं हुई जब नर्मदा में तेज बाढ़ आई और पानी ग्वारीघाट में दुकानों तक भर गया तब भी आरती का सिलसिला बंद नहीं हुआ बाकी दिनों में भी आरती का आयोजन लगातार जारी है इसी वजह से इस परंपरा लोगों की श्रद्धा बढ़ गई है

जबलपुर पहुंचने वाले लगभग सभी राजनेता यदि शाम जबलपुर में रुकते हैं तो इस आरती में सम्मिलित होने जरूर पहुंचते हैं इस आरती में भारतीय जनता पार्टी के अमित शाह से लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी भी शामिल हो चुके हैं इसके अलावा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जज और कई दूसरे कलाकार जो भी जबलपुर शाम में रुका है वह एक बार आरती में शामिल होने जरूर पहुंचा है और इसके साथ ही सभी ने नर्मदा के प्रदूषण को खत्म करने की शपथ भी ली है




Conclusion:आरती का धार्मिक महत्व लोग अच्छी तरह समझते हैं लेकिन इसका सामाजिक सरोकार यह है कि इसकी वजह से पूरा घाट साफ सुथरा है और लोगों में नर्मदा नदी के प्रति सम्मान बढ़ा है वही आरती की वजह से आने-जाने वाले लोगों ने स्थानीय व्यापार को भी तरक्की दी है जबलपुर में नर्मदा परिक्रमा करने वाले तीर्थयात्री इस आरती की वजह से जबलपुर में कुछ ज्यादा दिनों तक रुक जाते हैं
Last Updated : Nov 23, 2019, 3:55 PM IST
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