जबलपुर। कोरोना संक्रमण काल और फिर मौसम की मार से फल उत्पादक और विक्रेता पूरी तरह से रोड पर आ गए हैं. वर्तमान समय में बदलते मौसम के चलते इन फल विक्रेताओं की स्थिति दयनीय हो गई है. आलम यह है कि आम दिनों में जो फल 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिका करते थे, उनकी कीमत 10 से 20 रुपये किलो हो गई है. इधर उद्यानिकी विभाग का फलों की कीमतों में आई गिरावट पर कहना है कि मौसम परिवर्तन और अधिक उत्पादन के चलते यह स्थिति बनी है, जो कुछ दिनों बाद सामान्य हो जाएगी.
संतरा 10 से 20 रुपये किलो, तो अंगूर बिक रहे 40 से 50 रुपये किलो
तापमान में आई गिरावट के चलते फलों के दाम भी धड़ाम से नीचे गिर गए हैं. जैसे-जैसे मौसम ठंडा हुआ, वैसे-वैसे फलों के दाम में कमी आना शुरू हो गई. ठंड में लोगों ने फल खाना भी बंद कर दिया, जिसके चलते जो संतरा 50 से 70 रुपये किलो तक बिकता था, उसे 10 से 20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी लोग खरीदने को तैयार नहीं है. यही आलम अंगूर का भी है. फल व्यापारियों की मानें, तो कोरोना संक्रमण काल और फिर मौसम की मार ने हमें सड़कों पर ला दिया है.
विक्रेताओं पर पड़ी मौसम की मार, कम दाम के बाद भी नहीं बिक रहे फल
जबलपुर शहर में कोरोना संक्रमण और फिर मौसम की मार से फल विक्रेताओं को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. कम दाम होने के बावजूद भी ग्राहक फल नहीं खरीद रहे है.
जबलपुर। कोरोना संक्रमण काल और फिर मौसम की मार से फल उत्पादक और विक्रेता पूरी तरह से रोड पर आ गए हैं. वर्तमान समय में बदलते मौसम के चलते इन फल विक्रेताओं की स्थिति दयनीय हो गई है. आलम यह है कि आम दिनों में जो फल 40 से 50 रुपये प्रति किलो बिका करते थे, उनकी कीमत 10 से 20 रुपये किलो हो गई है. इधर उद्यानिकी विभाग का फलों की कीमतों में आई गिरावट पर कहना है कि मौसम परिवर्तन और अधिक उत्पादन के चलते यह स्थिति बनी है, जो कुछ दिनों बाद सामान्य हो जाएगी.
संतरा 10 से 20 रुपये किलो, तो अंगूर बिक रहे 40 से 50 रुपये किलो
तापमान में आई गिरावट के चलते फलों के दाम भी धड़ाम से नीचे गिर गए हैं. जैसे-जैसे मौसम ठंडा हुआ, वैसे-वैसे फलों के दाम में कमी आना शुरू हो गई. ठंड में लोगों ने फल खाना भी बंद कर दिया, जिसके चलते जो संतरा 50 से 70 रुपये किलो तक बिकता था, उसे 10 से 20 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी लोग खरीदने को तैयार नहीं है. यही आलम अंगूर का भी है. फल व्यापारियों की मानें, तो कोरोना संक्रमण काल और फिर मौसम की मार ने हमें सड़कों पर ला दिया है.