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जबलपुरः जिले में गेहूं की बंपर पैदावार, दूसरे जिलों को भेजी जा रही आवक

जबलपुर में इस बार गेहूं की बंपर पैदावार हुई है. शनिवार को समर्थन मूल्य पर खरीदी बंद होने तक 3 लाख 67 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया. निजी व सरकारी वेयरहाउस और सरकारी गोदामों के भर जाने के चलते गेहूं दूसरे जिलों को भेजा जा रहा है.

जिले में गेहूं की बम्फर पैदावार
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Published : May 30, 2019, 12:02 AM IST

Updated : May 30, 2019, 8:18 AM IST

जबलपुर। जिले में इस बार गेहूं की बंपर पैदावार हुई है जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने गेहूं की आवक को दूसरे जिलों में भेजने की तैयारी कर ली है. फिलहाल 1 लाख 40 हजार मिट्रिक टन गेहूं होशंगाबाद ओर छिंदवाड़ा को भेजा जा रहा है.

सीएस जादौन, फूड कंट्रोलर, जबलपुर

जिला आपूर्ति नियंत्रक सीएस जादौन ने बताया कि समर्थन मूल्य की गेहूं खरीदी शनिवार को बंद हो गई. जितने भी किसान शुक्रवार तक गेहूं लेकर केंद्र पहुंच गए थे उन्हें टोकन दिए गए, जिससे उन्हें गेहूं बेचने में परेशानी का सामना न करना पड़े. आखिरी दिन तक 3 लाख 67 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है.

अभी होशंगाबाद में एक लाख 20 हजार मीट्रिक टन और छिंदवाड़ा में 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने के बाद 10 से 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं ही बाकी रह गया है. अगर इतने गेहूं को दूसरे जिलों में नहीं भेजा जाता तो उसे साइलो कैप में ही रखना पड़ता क्योंकि सरकारी गोदाम पूरी तरह से भर हो चुके हैं और निजी व सरकारी वेयरहाउस में भी जगह नहीं बची है.

जबलपुर। जिले में इस बार गेहूं की बंपर पैदावार हुई है जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने गेहूं की आवक को दूसरे जिलों में भेजने की तैयारी कर ली है. फिलहाल 1 लाख 40 हजार मिट्रिक टन गेहूं होशंगाबाद ओर छिंदवाड़ा को भेजा जा रहा है.

सीएस जादौन, फूड कंट्रोलर, जबलपुर

जिला आपूर्ति नियंत्रक सीएस जादौन ने बताया कि समर्थन मूल्य की गेहूं खरीदी शनिवार को बंद हो गई. जितने भी किसान शुक्रवार तक गेहूं लेकर केंद्र पहुंच गए थे उन्हें टोकन दिए गए, जिससे उन्हें गेहूं बेचने में परेशानी का सामना न करना पड़े. आखिरी दिन तक 3 लाख 67 हजार मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है.

अभी होशंगाबाद में एक लाख 20 हजार मीट्रिक टन और छिंदवाड़ा में 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने के बाद 10 से 20 हजार मीट्रिक टन गेहूं ही बाकी रह गया है. अगर इतने गेहूं को दूसरे जिलों में नहीं भेजा जाता तो उसे साइलो कैप में ही रखना पड़ता क्योंकि सरकारी गोदाम पूरी तरह से भर हो चुके हैं और निजी व सरकारी वेयरहाउस में भी जगह नहीं बची है.

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Last Updated : May 30, 2019, 8:18 AM IST
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