ETV Bharat / health

डायबिटीज पेशेंट को दोपहर के खाने के बाद सोना क्यों नहीं चाहिए? विशेषज्ञों से जानिए इसके पीछे की वजह

डायबिटीज के मरीजों को दोपहर के समय में 10 मिनट से ज्यादा नहीं सोना चाहिए. जानिए इस खबर में शोध और विशेषज्ञों ने क्या कहा...

Why should diabetes patients not sleep after lunch?
डायबिटीज पेशेंट को दोपहर के खाने के बाद सोना क्यों नहीं चाहिए? (PEXELS)
author img

By ETV Bharat Health Team

Published : 3 hours ago

डायबिटीज पेशेंट की संख्या इन दिनों काफी तेजी से बढ़ रही है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है जो जब तक जिंदगी है तब तक साथ साथ रहती है. इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को विशेषकर अपने खानपान और रहन-सहन पर ध्यान देने की जरूरत होती है. यह एक ऐसी बीमारी जिसमें जरा सी भी लापरवाही कई अन्य बीमारियों को न्योता दे सकती है. इसलिए शुगर पेशेंट को सही लाइफस्टाइ, उचित खानपान, रेगुलर एक्सरसाइज और सही दिनचर्या का पालन करना चाहिए. शुगर जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों को अपने खाने-पीने और सोने का नियम जरूर बना लेना चाहिए. डायबिटीज मरीजों को पानी पीने पर खास ध्यान देने की जरूरत है.

लाइफस्टाइल में उचित बदलाव करना डायबिटीज को मैनेज करने और अलग-अलग कॉम्प्लिकेशन से बचने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है. डायबिटीज रोगियों के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना महत्वपूर्ण है. डायबिटीज आधुनिक शैली के पार्श्व प्रभावों में से एक है. एक समय था जब डायबिटीज को बुजुर्ग लोगों की बीमारी कहा जाता था, लेकिन आज ये बीमारी हर वर्ग और उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. आज इसके शिकार बच्चे-बूढ़े, अमीर-गरीब हर उम्र और वर्ग के लोग बन रहे है.

देर से सोना, देर से जागना, बेवक्त और अपौष्टिक भोजन ग्रहण करना, व्यायाम न करना मुख्य कारण है, जो इस असंयमित और अस्वस्थ जीवनशैली की देन है. ऐसे में यदि कोई रोगी डायबिटीज जैसी बीमारी से पीड़ित है, तो उसकी परेशानियां और बढ़ जाती हैं. सही इलाज और देखभाल के अभाव में यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है.

डायबिटीज मरीज दोपहर को न सोएं
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन और विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज मरीजों को कभी भी दोपहर के समय में नहीं सोना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि, दोपहर में खाना खाने के बाद सोने से डाइजेस्टिव फंक्शन स्लो हो जाता है और इसके कारण ब्लड शुगर लेवल अनकंट्रोल हो सकता है. इस वजह से, डायबिटीज पेशेंट को दोपहर में सोने से बचना चाहिए. अगर दोपहर में सोना काफी जरूरी हो, तो खाना खाने के बाद लेफ्ट करवट लेकर 10 मिनट तक आराम किया जा सकता है.

विशेषज्ञों के मुताबिक खाना खाने के बाद डायबिटीज मरीजों को कम से कम 10 मिनट टहलना चाहिए. विशेषज्ञों की यह भी सलाह है कि शुगर पेशेंट को अपना दोपहर का खाना लगभग 12 बजे तक कंप्लीट कर लेना चाहिए, वहीं रात का खाना 8 बजे तक खत्म कर लेना चाहिए. इसके साथ ही डायबिटीज के मरीजों को रात का खाना खत्म करने के तुरंत बाद नहीं सोना चाहिए कम एक से दो घंटे बाद ही सोना चाहिए. रात के खाने के बाद भी शुगर पेशेंट को कम से कम 30 मिनट वॉकिंग करना काफी जरूरी है.

वहीं, शुगर के मरीजों को ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीना चाहिए. ध्यान रहें कि पानी ज्यादा गर्म ना हो. ज्यादा गर्म पानी पीने से शुगर पेशेंट को कई तरह की समस्याएं भी हो सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज मरीजों को पानी ज्यादा पीने की सलाह दी जाती है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से डाइजेशन फंक्शन सही से काम करता है और कई तरह की बीमारियों का खतरा भी कम होता है. वहीं, डायबिटीज के मरीजों को एक्सरसाइज और योग करना भी बेहद जरूरी है.

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

ये भी पढ़ें-

डायबिटीज पेशेंट की संख्या इन दिनों काफी तेजी से बढ़ रही है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि डायबिटीज एक लाइलाज बीमारी है जो जब तक जिंदगी है तब तक साथ साथ रहती है. इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को विशेषकर अपने खानपान और रहन-सहन पर ध्यान देने की जरूरत होती है. यह एक ऐसी बीमारी जिसमें जरा सी भी लापरवाही कई अन्य बीमारियों को न्योता दे सकती है. इसलिए शुगर पेशेंट को सही लाइफस्टाइ, उचित खानपान, रेगुलर एक्सरसाइज और सही दिनचर्या का पालन करना चाहिए. शुगर जैसी बीमारी से पीड़ित लोगों को अपने खाने-पीने और सोने का नियम जरूर बना लेना चाहिए. डायबिटीज मरीजों को पानी पीने पर खास ध्यान देने की जरूरत है.

लाइफस्टाइल में उचित बदलाव करना डायबिटीज को मैनेज करने और अलग-अलग कॉम्प्लिकेशन से बचने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है. डायबिटीज रोगियों के लिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना महत्वपूर्ण है. डायबिटीज आधुनिक शैली के पार्श्व प्रभावों में से एक है. एक समय था जब डायबिटीज को बुजुर्ग लोगों की बीमारी कहा जाता था, लेकिन आज ये बीमारी हर वर्ग और उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. आज इसके शिकार बच्चे-बूढ़े, अमीर-गरीब हर उम्र और वर्ग के लोग बन रहे है.

देर से सोना, देर से जागना, बेवक्त और अपौष्टिक भोजन ग्रहण करना, व्यायाम न करना मुख्य कारण है, जो इस असंयमित और अस्वस्थ जीवनशैली की देन है. ऐसे में यदि कोई रोगी डायबिटीज जैसी बीमारी से पीड़ित है, तो उसकी परेशानियां और बढ़ जाती हैं. सही इलाज और देखभाल के अभाव में यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है.

डायबिटीज मरीज दोपहर को न सोएं
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन और विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज मरीजों को कभी भी दोपहर के समय में नहीं सोना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि, दोपहर में खाना खाने के बाद सोने से डाइजेस्टिव फंक्शन स्लो हो जाता है और इसके कारण ब्लड शुगर लेवल अनकंट्रोल हो सकता है. इस वजह से, डायबिटीज पेशेंट को दोपहर में सोने से बचना चाहिए. अगर दोपहर में सोना काफी जरूरी हो, तो खाना खाने के बाद लेफ्ट करवट लेकर 10 मिनट तक आराम किया जा सकता है.

विशेषज्ञों के मुताबिक खाना खाने के बाद डायबिटीज मरीजों को कम से कम 10 मिनट टहलना चाहिए. विशेषज्ञों की यह भी सलाह है कि शुगर पेशेंट को अपना दोपहर का खाना लगभग 12 बजे तक कंप्लीट कर लेना चाहिए, वहीं रात का खाना 8 बजे तक खत्म कर लेना चाहिए. इसके साथ ही डायबिटीज के मरीजों को रात का खाना खत्म करने के तुरंत बाद नहीं सोना चाहिए कम एक से दो घंटे बाद ही सोना चाहिए. रात के खाने के बाद भी शुगर पेशेंट को कम से कम 30 मिनट वॉकिंग करना काफी जरूरी है.

वहीं, शुगर के मरीजों को ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीना चाहिए. ध्यान रहें कि पानी ज्यादा गर्म ना हो. ज्यादा गर्म पानी पीने से शुगर पेशेंट को कई तरह की समस्याएं भी हो सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक डायबिटीज मरीजों को पानी ज्यादा पीने की सलाह दी जाती है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से डाइजेशन फंक्शन सही से काम करता है और कई तरह की बीमारियों का खतरा भी कम होता है. वहीं, डायबिटीज के मरीजों को एक्सरसाइज और योग करना भी बेहद जरूरी है.

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.