जबलपुर। बुधवार को जबलपुर नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी ने अपना गुस्सा निकाला और पार्षदों के साथ एक विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल शहर में इस समय राजनीतिक तालमेल बिगड़ा हुआ है. शहर की 3 विधानसभा कांग्रेस के पास हैं और महापौर भी कांग्रेस से चुनकर आए हैं जबकि नगर निगम में आधे से ज्यादा पार्षद भारतीय जनता पार्टी के चुनकर आए हैं. अब विकास कार्यों में श्रेय की राजनीति शुरू हो गई है. भारतीय जनता पार्टी इन दिनों विकास यात्रा निकाल रही है तो उसकी कोशिश है कि जनता को यह समझ में आना चाहिए कि जबलपुर का विकास भारतीय जनता पार्टी करवा रही है और उसके पार्षद करवा रहे हैं. लेकिन भूमि पूजन और लोकार्पण कांग्रेस के विधायक और महापौर कर रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी की मांग: मुद्दा नाम की राजनीति का है लेकिन नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल का कहना है कि जबलपुर नगर निगम बर्बाद हो गया है. कांग्रेसी पार्षद पैसा कमाने में लगे हुए हैं. उन्हें शहर के विकास की चिंता नहीं है और मलाईदार विभागों में अपने चहेतों को कैसे ठेके दिए जाएं इसकी दौड़ चल रही है. दूसरी ओर जनता से जुड़ी हुई योजनाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसलिए यदि जल्द ही महापौर ने भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों से बातचीत नहीं की तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी को दूसरी तकलीफ यह है कि राज्य सरकार ने आदेश जारी किया था कि विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण विकास यात्रा के दौरान हो लेकिन जबलपुर नगर निगम में ऐसा नहीं हो रहा जो राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना है.
महापौर का आश्वासन: महापौर जगत बहादुर सिंह का कहना है कि वह इस विरोध का स्वागत करते हैं. लोकतंत्र के लिए विरोध जरूरी है. जहां तक लोकार्पण और भूमि पूजन के कार्यक्रमों में भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों को तवज्जो ना देने का मामला है उस पर विचार किया जाएगा. जगत बहादुर सिंह का कहना है कि बिजली पानी के मुद्दों पर नगर निगम की मौजूदा सत्ता काम करने के लिए तत्पर है और भारतीय जनता पार्टी के आरोप बेबुनियाद हैं.
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चुनाव का साल: यह चुनाव का साल है विधानसभा चुनाव सर पर है और दोनों ही पार्टियों की कोशिश है कि उनके जनप्रतिनिधि चुनकर आए इसलिए इस साल राजनैतिक सर्कस तेज रहेगी. गनीमत यह है कि अभी तक प्रदर्शन और विरोध संवैधानिक तरीके से हो रहे हैं. अभी राजनैतिक लड़ाई का आगाज सही ढंग से नहीं हुआ है. एक बार चुनाव की तारीखें तय हो जाएं सब नेताओं की तल्ख़ियां नए अंदाज में देखने को मिल सकती है.