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अमेरिकी महिला को डॉक्टर बताकर लगाया गया था स्वास्थ्य शिविर, मामला खुला तो सब फरार

जबलपुर के बरेला में एक अमेरिकी महिला को डॉक्टर बताकर 20 दिनों से चल रहे स्वास्थ्य शिविर पर छापा मारा गया. लेकिन अमेरिकी महिला और उसके कर्मचारी भाग निकले. वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी कोई जानकारी ही नहीं थी.

American doctor absconded who were treating villagers
अमेरिका महिला को डॉक्टर बताकर लगाया गया था शिविर
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Published : Feb 16, 2020, 9:53 PM IST

Updated : Feb 16, 2020, 11:14 PM IST

जबलपुर। जबलपुर के उपनगरीय क्षेत्र बरेला में करीब 20 दिनों से एक अमेरिकी महिला को डॉक्टर बताकर स्वास्थ्य शिविर चलाया जा रहा था. हैरानी की बात ये है कि यहां के स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं थी. मीडिया के जानकारी देने के बाद बीएमओ ने वहां पहुंचकर छापा मारा गया. लेकिन इलाज करने वाली अमेरिकी महिला और उसके साथी भाग निकले.

अमेरिका महिला को डॉक्टर बताकर लगाया गया था शिविर

आयुर्वेद और होम्योपैथी का बताया गया था विशेषज्ञ

बरेला में अमेरिकी नागरिक बैनेजा आनंद को आयुर्वेद और होम्योपैथी की विशेषज्ञ बताकर लोगों का इलाज किया जा रहा था. शिविर में हर मरीज से 200 रूपए की फीस ली जा रही थी और सभी प्रकार के रोगों का इलाज एक चूर्ण से होने का दावा किया जा रहा था. बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के लंबे समय से चले आ रहे इस शिविर की स्वास्थ्य अधिकारियों को भनक तक नहीं थी. मीडिया ने जब लोगों से पूछताछ की तो संदेह हुआ जिसके बाद बरेला स्वास्थ्य केंद्र की बीएमओ डॉ. जया श्रीवास्तव को इसकी जानकारी दी.

बीएमओ पुलिस के साथ वहां पहुंचीं लेकिन तब तक अमेरिकी महिला बैनेजा आनंद वहां से फरार हो चुकी थी. वहीं लोगों को दवाई के नाम पर चूर्ण के पैकेट्स दिए जा रहे थे. जिन पर न तो किसी कंपनी का नाम लिखा था और न ही दवाइयों की कोई जानकारी दी गई थी.

जबलपुर। जबलपुर के उपनगरीय क्षेत्र बरेला में करीब 20 दिनों से एक अमेरिकी महिला को डॉक्टर बताकर स्वास्थ्य शिविर चलाया जा रहा था. हैरानी की बात ये है कि यहां के स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं थी. मीडिया के जानकारी देने के बाद बीएमओ ने वहां पहुंचकर छापा मारा गया. लेकिन इलाज करने वाली अमेरिकी महिला और उसके साथी भाग निकले.

अमेरिका महिला को डॉक्टर बताकर लगाया गया था शिविर

आयुर्वेद और होम्योपैथी का बताया गया था विशेषज्ञ

बरेला में अमेरिकी नागरिक बैनेजा आनंद को आयुर्वेद और होम्योपैथी की विशेषज्ञ बताकर लोगों का इलाज किया जा रहा था. शिविर में हर मरीज से 200 रूपए की फीस ली जा रही थी और सभी प्रकार के रोगों का इलाज एक चूर्ण से होने का दावा किया जा रहा था. बिना किसी प्रशासनिक अनुमति के लंबे समय से चले आ रहे इस शिविर की स्वास्थ्य अधिकारियों को भनक तक नहीं थी. मीडिया ने जब लोगों से पूछताछ की तो संदेह हुआ जिसके बाद बरेला स्वास्थ्य केंद्र की बीएमओ डॉ. जया श्रीवास्तव को इसकी जानकारी दी.

बीएमओ पुलिस के साथ वहां पहुंचीं लेकिन तब तक अमेरिकी महिला बैनेजा आनंद वहां से फरार हो चुकी थी. वहीं लोगों को दवाई के नाम पर चूर्ण के पैकेट्स दिए जा रहे थे. जिन पर न तो किसी कंपनी का नाम लिखा था और न ही दवाइयों की कोई जानकारी दी गई थी.

Last Updated : Feb 16, 2020, 11:14 PM IST
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