मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर 6 दिसंबर को स्थानीय अवकाश घोषित किया है. इस दिन राज्य सरकार के अधीन कार्यलयों, संस्थानों और स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी रहेगी.
भीमराव अंबेडकर का 6 दिसंबर 1956 को देहांत हुआ था. उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है.
Maharashtra government declares 6th December as a local holiday on the occasion of Mahaparinirwana Diwas of Dr BR Ambedkar. pic.twitter.com/KJnAwv0PvT
— ANI (@ANI) December 4, 2024
महापरिनिर्वाण का अर्थ
परिनिर्वाण बौद्ध धर्म की मूलभूत अवधारणाओं में से एक है. मृत्यु के बाद निर्वाण प्राप्त करना, या मृत्यु के बाद शरीर से आत्मा की मुक्ति को संस्कृत में परिनिर्वाण कहा जाता है. बौद्ध ग्रंथ महापरिनिर्वाण सुत्त के अनुसार, 80 वर्ष की आयु में भगवान बुद्ध की मृत्यु को प्रथम महापरिनिर्वाण माना जाता है.
हिंदू परिवार में पैदा हुए बाबासाहेब अंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपनाया. उन्होंने घोषणा की थी कि "मैं हिंदू के रूप में नहीं मरूंगा" और बौद्ध धर्म अपनाने के दो महीने से भी कम समय बाद 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया था.
बाबासाहेब अंबेडकर की पुण्यतिथि को एक श्रद्धेय बौद्ध नेता के रूप में उनके कद के कारण महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में जाना जाता है और इस दिन समाज में उनके अतुलनीय योगदान का सम्मान किया जाता है.
14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में डॉ. अंबेडकर ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में करीब 5 लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म को अपनाया था. इस स्थल को 'दीक्षाभूमि' कहा जाता है. कुछ महीने बाद 6 दिसंबर 1956 को दिल्ली स्थित आवास पर उनका निधन हो गया था. उनका अंतिम संस्कार मुंबई के दादर में किया गया था, जहां उनका समाधिस्थल बना है, जिसे 'चैत्य भूमि' के नाम से जाना जाता है.
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