जबलपुर। नर्मदा नदी से लगे विसर्जन कुंड को स्मार्ट सिटी एक बार फिर नया रूप देने की तैयारी में जुटा हुआ है. स्मार्ट सिटी इस विसर्जन कुंड में ओपन थिएटर बना रहा है, जिसके लिए करीब 12 करोड़ रुपए नगर निगम खर्च करेगा, इस विसर्जन कुंड को धौलपुरी वाले लाल पत्थरों से सजाया भी जा रहा है. इतना ही नहीं करोड़ों रुपए की लागत से कीमती पौधे भी इस कुंड के आसपास लगाए जा रहे हैं. स्मार्ट सिटी सीईओ आशीष पाठक का कहना है कि दुर्गा और गणेश उत्सव पर प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान प्रदषूण को रोकने के लिए इस कुंड का निर्माण किया जा रहा है.
विसर्जन कुंड में 12 करोड़ रुपए का खर्च
यहां पर्यटकों को रिझाने के लिए खुला क्षेत्र भी विकसित किया जाएगा लेकिन इस ओपन थिएटर में गंदगी और सुरक्षा के लिहाज से कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं, नतीजन स्मार्ट सिटी का 12 करोड़ रुपए पूरी तरह से बर्बाद होने की कगार में दिख रहा है.
![Construction work on immersion pool](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8312709_gf.png)
'ओपन थिएटर नहीं, ओपन बार बना दिया'
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्मार्ट सिटी के अधिकारी बिना किसी तैयारी के विसर्जन कुंड में 12 करोड़ रूपए खर्च कर रहे हैं. इस पार्क के आसपास अवैध बस्ती है, जहां पर कि असामाजिक तत्व लोगों का जमावड़ा लगा रहता है, इतना ही नहीं रात होते ही यह विसर्जन कुंड शराब पीने वालों का ओपन बार बन जाता है. पार्क के चारों तरफ अवैध बस्ती बसी हुई है. इतना ही नहीं यहां पर अतिक्रमण का जाल इतना फैला हुआ है, लिहाजा यहां कोई पर्यटक आएगा ये कहना मुश्किल है.
![immersion pool](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8312709_fg.png)
विसर्जन कुंड के नाम पर करोड़ों का घोटाला
जबलपुर स्मार्ट सिटी द्वारा जिस मकसद को ध्यान में रखकर नर्मदा विसर्जन कुंड के बहाने 12 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. उसका उद्देश्य कामयाब होता नहीं दिख रहा है. करोड़ों रुपए की लागत से बनाए जा रहे इस पार्क में आमजनों के पहुंचने और सुकून के समय बिताने जैसा वातावरण ही नहीं है, कि पार्क में आने जाने वाले पर्यटक अपने आपको सुरक्षित महसूस करते हुए यहां रुक पाएंगे यह कहना मुश्किल है. इतना ही नहीं पार्क के पास बनी बस्ती की गंदगी जिस प्रकार से अभी यहां समा रही है, अगर इसी प्रकार से पार्क में आगे भी समाती रही तो उस गंदगी के कारण पर्यटक पार्क में ठहर ही नहीं पाएंगे.
आसपास गंदगी का जमावड़ा
नर्मदा ओपन एयर थिएटर में वह आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है जिन्हें देखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पर्यटक भटोली कुंड और यहां के पार्क में पहुंचकर मनोरंजन कर सकेंगे और छोटे-मोटे कार्यक्रम भी यहां होते रहेंगे. लेकिन पार्क में सीधे मोटी पाइप के माध्यम से जो बस्ती की गंदगी पहुंच रही है उससे लोग अपना कार्यक्रम कर पाएंगे या फिर दुर्गंध के बीच में पार्क में समय व्यतीत कर पाएंगे यह कहना काफी मुश्किल भरा लगता है.
विसर्जन कुंड में विसर्जित होंगे गजानन
नर्मदा किनारे स्थित भटोली कुंड के निर्माण पर इसलिए शहरवासियों की नजरें टिकी हैं क्योंकि नदी, तालाब में गणेश और दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन पर लगी रोक के बाद जिला प्रशासन द्वारा भटोली कुंड में भी प्रतिमाओं को विसर्जन कराया जाता है.
गणेश उत्सव पर्व के लिए अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं, कुंड में हर साल छोटी-बड़ी करीब 10,000 गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बड़ी प्रतिमाओं की स्थापना ना हो पर घरों पर विराजे गणपति कुंड में विसर्जित जरूर किए जाएंगे.
स्मार्ट सिटी के तहत विसर्जन कुंड को बनाने की योजना
⦁ कुंड के चारों तरफ धौलपुरी और कोटा के पत्थरों से फर्श व सीढ़ियां बनाई जा रही हैं.
⦁ सीढ़ियों में रेलिंग लगाई जा रही है, ताकि कोई दुर्घटना ना हो.
⦁ कुंड के चारों तरफ क्रंक्रीट और रिटेनिंग वॉल भी बनाई जा रही है.
अभी इतना काम हुआ है
⦁ ओपन थिएटर में लगभग 40% काम हो चुका है.
⦁ गार्डनिंग इलेक्ट्रिफिकेशन और मंच का काम अभी अधूरा पड़ा हुआ है.
अभी इतना काम है बाकी
⦁ सीढ़ियां और फर्श का काम अभी बाकी है.
⦁ विसर्जन कुंड के चारों तरफ लगाए जा रहे पत्थरों का भी काम अभी अधूरा है.
⦁ गार्डन में फिनिशिंग का काम भी अभी बाकी है.
ऐसा होगा ओपन थिएटर
⦁ ओपन एयर थिएटर में करीब 3 हजार दर्शकों की क्षमता होगी.
⦁ सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंच भी यहां बनेगा.
⦁ गार्डन में रंग बिरंगी लाइटिंग होगी.