इंदौर। जलवायु परिवर्तन के कारण लगातार हो रहे तापमान में बदलाव का असर आगामी गर्मियों में देखने को मिलेगा. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अप्रैल में सामान्य तौर पर प्रदेश के अन्य हिस्सों से ठंडा रहने वाले मालवा निमाड़ अंचल में गर्मी पड़ सकती है. बदलते मौसम और बढ़ते तापमान को समुद्र में ला निना का असर माना जा रहा है.
बीते 8 सालों में जनवरी का महीना सर्वाधिक गर्म होता है. इधर भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि प्रशांत महासागर में ला नीना के सक्रिय रहने से बन रही मौसमी स्थितियों के कारण विभिन्न राज्यों के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में लगातार बदलाव आएगा. इसका असर मध्य प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में ज्यादातर दिखाई देगा. यही स्थिति न्यूनतम तापमान को लेकर रहने वाली है. लिहाजा मौसम विज्ञानियों ने तापमान में बदलाव से जनजीवन पर भी असर पड़ने की आशंका जताई है. वहीं, आने वाले दिनों में गर्मी के अलावा मौसम में हो रहे बदलाव को लेकर सावधानियां रखने की सलाह दी है.
अधिकतम और न्यूनतम तापमान बढ़ेगा
प्रदेश के पश्चिमी हिस्से के पूर्वी और पश्चिमी निमाड़ इलाके में गर्मी में तापमान 48 से 50 डिग्री पहुंचता है, जिसके कारण इस बार गर्मी बढ़ने की आशंका है. इंदौर धार समेत अन्य जिलों में जो अधिकतम तापमान 45 डिग्री पहुंचता है वह भी 2 डिग्री तक बढ़ सकता है. यही स्थिति न्यूनतम तापमान को लेकर भी बनने की आशंका है, जिसका लोगों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ने की आशंका रहेगी.
गर्मियों के पहले ही छोटे रह गए फसलों के दाने
ला निना के कारण मौसम में बदलाव के चलते फसलों का जीवन चक्र प्रभावित हो गया है. इंदौर समेत आसपास के अंचल में जो फसलें 115 से 120 दिन में पकती थी वह 7 दिन पहले ही पक कर कटने के लिए तैयार हैं. इन फसलों को लेकर चौकाने वाली स्थिति यह है कि गेहूं समेत अन्य फसलों के दाने आकार में छोटे हैं. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक फसलों पर अन्य कोई असर नहीं है, लेकिन फिर भी उन पर जलवायु का असर हुआ है. लिहाजा कृषि विज्ञानियों ने आगामी गर्मी के मद्देनजर खेतों में फसलों को बचाने के लिए नमी बनाए रखने की सलाह किसानों को दी है.
गर्मी से बचाव के लिए यह करें
आगामी गर्मियों में मौसम के बदलाव और तापमान के उतार-चढ़ाव के चलते स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की भी आशंका रहेगी. यही वजह है कि आहार विशेषज्ञ ने भी स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी है. लिहाजा भीषण गर्मी की स्थिति में एंटीऑक्सीडेंट तत्व वाले खानपान के अलावा फलों और सब्जियों का उपयोग बढ़ाना होगा. इसके अलावा शरीर में हाइड्रेशन लेबल को बनाए रखने के लिए पानी पीना जरूरी बताया गया है. वहीं, प्रोटीन तत्व की पूर्ति के लिए आहार में दूध दही पनीर और दालों का उपयोग बढ़ाने की सलाह दी गई है.