इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के नाम की तीन ट्रांसस्क्रिप्ट फर्जी वेब साइट बनाने वाला आरोपी राज्य साइबर सेल की गिरफ्त में आ गया है. पकड़ा गया आरोपी फर्जी वेबसाइट के जरिये विदेश में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को ट्रांसक्रिप्ट भेजता था. यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों की मिली भगत से ही ट्रांसक्रिप्ट का यह गोरखधंधा चलाया जा रहा था.जिसमें सौ से अधिक छात्र-छात्राओं को तय शुल्क से अधिक राशि आरोपी द्वारा ली जा रही थी.
डीएवीवी प्रबंधन ने राज्य साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई थी कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के नाम से तीन फर्जी वेबसाइट बनाने व छात्र व छात्राओं से ट्रांसस्क्रिप्ट के एवज में अधिक शुल्क लिया जा रहा है. शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुणे निवासी सत्येन्द्र जोशी को को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी ने पूछताछ में फर्जी वेबसाइट संचालित करने में एक युवती की भूमिका भी संदिग्ध बताई गई है.आरोपी के पास से मोबाइल फोन,सिम व क्रेडिट कार्ड जब्त किए गए हैं.
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में पढ़ाई पूरी कर चूके छात्र-छात्राओं को विदेश में जाकर पढ़ाई करने के लिए वहां की यूनिवर्सिटी में ट्रांसस्क्रिप्ट डाक्युमेंट जमा करने होते हैं. शातिर उसी फायदा उठाकर लोगों को चूना लगा रहा था. पूरे मामले में कहीं ना कहीं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत से आरोपी सत्यम व उसके साथी ट्रांसस्क्रिप्ट डाक्युमेंट आसानी से तैयार करवाकर विदेश में यूनिवर्सिटी को पोस्ट डाक के माध्यम से भेज दिया करते थे, जिसकी जांच की जा रही है. वहीं पूरे मामले में आरोपी सत्येन्द्र जोशी से पूछताछ के बाद और भी कई आरोपी सामने आने की साइबर पुलिस ने उम्मीद जताई है.