इंदौर। पूरे प्रदेश में पेयजल संकट से हाहाकार मचा हुआ है. ग्रामीण इलाकों में भीषण जल संकट की स्थिति के बावजूद प्रदेश के जिम्मेदार मंत्री कितने संवेदनशील हैं, इसकी बानगी खुद ही देख लीजिए. जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट से जब डिंडोरी में गहराते जल संकट पर बात की गई वह भाग खड़े हुए.
डिंडोरी जिले के एक गांव में अजीब मुनादी : गौरतलब है नर्मदा किनारे बसे डिंडोरी जिले के गांव अजवार में मुनादी की जा रही है कि बस स्टैंड के पास जो हैंडपंप है, वहां से सिर्फ दो मटके ही पानी लिया जा सकता है. तीसरा मटका भरने पर पानी के लिए तरसते लोगों पर कार्रवाई होगी. डिंडोरी समेत ग्रामीण इलाकों में यह स्थिति तब है जब प्रदेश की शिवराज सरकार पानी की गांव-गांव में आपूर्ति के बड़े-बड़े दावे कर रही है. दरअसल, डिंडोरी के अलावा कई जिले ऐसे हैं, जहां इन दिनों पानी की भीषण किल्लत हो रही है.
पानी के लिए हाहाकार, सरकार के दावे फेल : भीषण गर्मी के इस दौर में मध्यप्रदेश के ग्रामीण अंचलों में सबसे ज्यादा दिक्कत पानी की है. महाकौशल अंचल के आदिवासी क्षेत्र में इन दिनों पानी की भीषण समस्या देखने को मिल रही है. पानी की कमी को लेकर डिंडौरी जिले के एक गांव में ऐसा फरमान सुनाया गया है, जिससे आप इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां की पानी की कितनी कमी हो गई है. प्रदेश के अधिकांश गांवों में कई सालों से पानी का संकट बना हुआ है. अब जबकि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति को लेकर करोड़ों रुपए खर्च करने के दावे कर रही हैं, तब भी गर्मी के हालातों में लोगों को पेयजल तक नसीब नहीं हो पा रहा है. यह बात और है कि राज्य के जिम्मेदार विभाग और विभागीय मंत्री स्थिति का सामना करने की बजाए मुद्दे से ही किनारा करते नजर आ रहे हैं. (Water Resources Minister Tulsi Silavat) ( (on water crisis Minister Tulsi Silavat ran away) (Drinking water crisis in MP)