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UPSC की परीक्षा में इंदौर के प्रदीप ने हासिल की 93वीं रैंक, घर बेचकर की थी एग्जाम की तैयारी

यूपीएससी ने शुक्रवार को सिविल सेवा परीक्षा 2018 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया, जिसमें इंदौर के प्रदीप ने 93वीं रैंक हासिल कर प्रदेश का नाम रोशन किया है. बता दें कि प्रदीप के पिता एक पेट्रोल पंप पर कर्मचारी हैं और उन्होंने बेटे को इस परीक्षा की तैयारी कराने के लिए अपना घर तक बेच दिया.

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Published : Apr 6, 2019, 5:20 PM IST

पेट्रोल पंप पर काम करने वाले के लड़के ने किया नाम रोशन

इंदौर। इंसान के सपनों को पूरा करने में उसके हौसले भी उतने ही जरूरी होते हैं जितनी की मेहनत, यह साबित कर दिखाया है इंदौर के प्रदीप सिंह ने. प्रदीप ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एग्जाम में 93वीं रैंक हासिल की है. यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए प्रदीप के पिता को घर तक बेचना पड़ा.

यूपीएससी ने शुक्रवार को सिविल सेवा परीक्षा 2018 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया. जिसमें इंदौर के देवास रोड पर रहने प्रदीप सिंह ने परिवार के साथ-साथ शहर का भी नाम रोशन किया है. बता दें कि प्रदीप के पिता पिछले 25 सालों से इंदौर के देवास रोड स्थित पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने का काम कर रहे हैं और इसी से अपने और अपने परिवार का गुजर-बसर करते हैं. वह मूलत: बिहार के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं.

पेट्रोल पंप पर काम करने वाले के लड़के ने किया नाम रोशन

प्रदीप ने बताया कि वे हमेशा से ही सिविल सेवा में जाना चाहते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. लेकिन उनकी मेहनत, हौसले और दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे परिवार को झुकना पड़ा और बेटे प्रदीप को यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कराने के लिए पिता ने अपना मकान भी बेच दिया और बेटे को दिल्ली भेजा. बता दें कि प्रदीप ने पहली बार में ही यह परीक्षा पास की है. इधर रिजल्ट घोषित होते ही प्रदीप के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. परिजनों का कहना है कि प्रदीप ने उनके समर्पण का फल उन्हें दिया है और उन्हें उस पर बहुत गर्व है.

इंदौर। इंसान के सपनों को पूरा करने में उसके हौसले भी उतने ही जरूरी होते हैं जितनी की मेहनत, यह साबित कर दिखाया है इंदौर के प्रदीप सिंह ने. प्रदीप ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एग्जाम में 93वीं रैंक हासिल की है. यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए प्रदीप के पिता को घर तक बेचना पड़ा.

यूपीएससी ने शुक्रवार को सिविल सेवा परीक्षा 2018 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया. जिसमें इंदौर के देवास रोड पर रहने प्रदीप सिंह ने परिवार के साथ-साथ शहर का भी नाम रोशन किया है. बता दें कि प्रदीप के पिता पिछले 25 सालों से इंदौर के देवास रोड स्थित पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने का काम कर रहे हैं और इसी से अपने और अपने परिवार का गुजर-बसर करते हैं. वह मूलत: बिहार के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं.

पेट्रोल पंप पर काम करने वाले के लड़के ने किया नाम रोशन

प्रदीप ने बताया कि वे हमेशा से ही सिविल सेवा में जाना चाहते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. लेकिन उनकी मेहनत, हौसले और दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे परिवार को झुकना पड़ा और बेटे प्रदीप को यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कराने के लिए पिता ने अपना मकान भी बेच दिया और बेटे को दिल्ली भेजा. बता दें कि प्रदीप ने पहली बार में ही यह परीक्षा पास की है. इधर रिजल्ट घोषित होते ही प्रदीप के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. परिजनों का कहना है कि प्रदीप ने उनके समर्पण का फल उन्हें दिया है और उन्हें उस पर बहुत गर्व है.

स्लग - indore_upsc_ranker
दिनांक- 06.04.19
खबर ftp की है
तुषार कंछल इंदौर 

एंकर - यदि इंसान कुछ करने की ठान ले तो वह उस मुकाम को हासिल कर लेता है और यह कारनामा किया इंदौर में रहने वाले एक पेट्रोल पंप कमर्चारी के लड़के ने  जिसने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एक्जाम 93 रेंक हासिल कर यह मुकाम पाया 
वीओ -    संघ लोक सेवा आयोग यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा- 2018 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया लेकिन यह रिजल्ट एक परिवार के लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आया  जी हां सिविल सेवा एक्जाम 2018 के जो रिजल्ट घोषित हुए उसमे इंदौर के देवास रोड पर रहने  वाले मनोज सिंह  के लड़के ने परिवार के साथ इंदौर का भी नाम रोशन किया  बताया जा रहा है कि मनोज सिंह के लड़के प्रदीप ने यूपीएससी की एक्जाम में 93 रेंक हासिल की  लेकिन जिस रेंक को हासिल किया वह उनके मनोज सिंह के लिए काफी मायने रखती है क्योंकि मनोज सिंह पिछले 25 सालों से इंदौर के देवास रोड स्थित पेट्रोल पंप पर रखकर पेट्रोल भरने का काम कर रहे है और इसी से अपने और अपने परिवार का गुजर बसर कर रहे है 
वीओ - मनोज सिंह के परिवार में दो लड़के है एक लड़का सन्दीप जिसने एमबीए किया और दूसरा लड़का प्रदीप शुरू से सिविल सेवा में जाना चाहता था लेकिन परिवार की हालत ठीक नही थी लेकिन प्रदीप की दृढ़ इक्छा के आगे परिवार को छुकना पड़ा और बेटे प्रदीप को यूपीएससी की एक्जाम की तैयारी के लिए अपना मकान भी बेच दिया और प्रदीप को तैयारी के लिए दिल्ली भेजा प्रदीप ने भी अपने परिवार के समपर्ण को देखते हुए उन्हें वह खुशी दे दी जिसकी दरकार मनोज के पूरे परिवार को काफी सालो से थी 
वीओ - प्रदीप का कल जैसे ही रिजल्ट आया और उसके सिलेक्शन की खबर जब परिवार और अन्य सदस्यों को लगी तो  बधाइयां देने का ताता घर पर लग गया फिलहल मनोज तकरीबन पच्चीस सालो से इंदौर के देवास रोड इस्थित पेट्रोल पंप पर काम कर रहे है  और वह मुलत बिहार के छोटे से गाँव के रहने वाले है फिलहल उन्हें खुशी है कि लड़के ने आज उनका नाम रोशन कर दिया वही दूसरे बच्चे जो यूपीएसी की तैयारी कर रहे है उनके लिए उनका कहना है कि  पढ़ाई पूरी निष्ठा के साथ करे  सफलता एक बार जरूर लगती है वही प्रदीप ने इससे पहले देवी अहिल्या  इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज से 2017 में बीकॉम ऑनर्स की पढ़ाई पूरी करने वाले प्रदीप ने फर्स्ट अटेंप्ट में ही यह परीक्षा पास की है

विज्वल - पिता काम करते हुए

बाइट - पिता मनोज सिंह
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