इंदौर। इंसान के सपनों को पूरा करने में उसके हौसले भी उतने ही जरूरी होते हैं जितनी की मेहनत, यह साबित कर दिखाया है इंदौर के प्रदीप सिंह ने. प्रदीप ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एग्जाम में 93वीं रैंक हासिल की है. यूपीएससी एग्जाम की तैयारी के लिए प्रदीप के पिता को घर तक बेचना पड़ा.
यूपीएससी ने शुक्रवार को सिविल सेवा परीक्षा 2018 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया. जिसमें इंदौर के देवास रोड पर रहने प्रदीप सिंह ने परिवार के साथ-साथ शहर का भी नाम रोशन किया है. बता दें कि प्रदीप के पिता पिछले 25 सालों से इंदौर के देवास रोड स्थित पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरने का काम कर रहे हैं और इसी से अपने और अपने परिवार का गुजर-बसर करते हैं. वह मूलत: बिहार के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं.
प्रदीप ने बताया कि वे हमेशा से ही सिविल सेवा में जाना चाहते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. लेकिन उनकी मेहनत, हौसले और दृढ़ इच्छाशक्ति के आगे परिवार को झुकना पड़ा और बेटे प्रदीप को यूपीएससी एग्जाम की तैयारी कराने के लिए पिता ने अपना मकान भी बेच दिया और बेटे को दिल्ली भेजा. बता दें कि प्रदीप ने पहली बार में ही यह परीक्षा पास की है. इधर रिजल्ट घोषित होते ही प्रदीप के घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. परिजनों का कहना है कि प्रदीप ने उनके समर्पण का फल उन्हें दिया है और उन्हें उस पर बहुत गर्व है.