इंदौर। नेपाली संस्कृति परिषद (अंतर्राष्ट्रीय) के इंडियन चैप्टर के सचिव शैलेश गुरुंग का कहना है कि हम चाहते हैं कि नेपाल में आदिवासियों द्वारा बनाई जाने वाली पारंपरिक राइस बीयर को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हेरिटेज शराब का दर्जा दिया जाए. जैसी कि राज्य की नई आबकारी नीति के तहत आदिवासी स्वयं सहायता समूहों द्वारा महुआ से बनाई गई शराब को दी गई थी. गुरुंग ने दावा किया कि नेपाल की पारंपरिक बीयर विदेशी शराब की तुलना में सस्ती और कम नशीला है.इसमें हर्बल जलसेक के कारण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है.
इंदौर सांसद लालवानी ने किया सीएम से आग्रह : उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में नेपाल की पारंपरिक बीयर की अनुमति से राज्य में बसे नेपाली मूल के करीब साढ़े तीन लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. इस बारे में इंदौर के बीजेपी सांसद शंकर लालावनी ने कहा है कि मैंने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से केवल आग्रह किया है कि संगठन के ज्ञापन का पालन किया जाना चाहिए और नियमों के अनुसार कदम उठाए जाने चाहिए. हालांकि, मैं हमेशा नशा मुक्ति के लिए समाज में जागरूकता फैलाने के पक्ष में रहा हूं. सांसद लालवानी ने इस मामले में बताया कि नेपाली समुदाय की प्रदेश में बड़ी संख्या में जिसके मद्देनजर यह मांग ज्ञापन के स्वरूप में आई थी जिसे विचार के लिए राज्य शासन को भेजा था.
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कांग्रेस ने बीजेपी पर तंज कसा : इस बीच, प्रदेश कांग्रेस सचिव नीलाभ शुक्ला ने भाजपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. शुक्ला ने कहा कि एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती राज्य में शराबबंदी की मांग को लेकर बयान दे रही हैं, वहीं दूसरी तरफ भाजपा सांसद लालवानी राज्य में नेपाली बीयर बनाने की सिफारिश कर रहे हैं.