इंदौर। भाजपा की दूसरी लिस्ट में कैलाश विजयवर्गीय समेत नरेंद्र सिंह तोमर एवं अन्य वरिष्ठ नेताओं को चुनाव लड़ने के फैसले को बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस का भ्रम तोड़ने के लिए गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति बताया है. दूसरी सूची में उनके नाम की घोषणा होने के बाद विजयवर्गीय ने कहा ''मैं हालांकि चुनाव लड़ने से मना कर चुका था लेकिन मैं खुद भी दूसरी लिस्ट में अपने नाम की घोषणा से आश्चर्यचकित हूं, लेकिन पार्टी की अपेक्षा पर खरा उतरूंगा.
कांग्रेस का टूटा भ्रम: उन्होंने कहा ''कांग्रेस ने कहा था कि हम जीत रहे हैं, वह भ्रम अब टूटता नजर आ रहा है. क्योंकि भाजपा अब तीन चौथाई सेट की तरफ बढ़ रही है.'' उन्होंने चुनाव जीतने के बाद विधायक दल का नेता बनने की स्थिति में इतना ही कहा कि ''इसका निर्णय पार्टी के वरिष्ठ नेता करेंगे.'' वहीं बेटे आकाश विजयवर्गीय के तीन नंबर विधानसभा क्षेत्र से टिकट को लेकर कहा कि ''मैं नहीं चाहता की मेरी वजह से उसका राजनैतिक भविष्य खराब हो, लेकिन पार्टी का जो आदेश होगा उसे सभी मानेंगे.''
मोदी ही चुनाव का फेस: कैलाश विजयवर्गीय ने इस बार एक ही चेहरे पर चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि ''पार्टी में इस बार कलेक्टिव लीडरशिप है, इसलिए जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं वहां के पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही चुनाव का फेस हैं, अलग-अलग राज्यों में कोई चेहरा फिलहाल नहीं है. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतरने से चौंकाने वाले परिणाम आएंगे. जहां तक मेरा सवाल है एक नंबर विधानसभा से लेकर नीमच से गुना और भोपाल तक की सभी सीटों पर काम करूंगा.''
अपनी जिम्मेदारी करूंगा पूरी: अपनी विधानसभा सीट पर चुनाव को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने कहां ''वहां के कार्यकर्ता जामदार हैं जो खुद चुनाव लड़ते हैं. वहां जो जिस भाषा में सवाल करता है उसे कार्यकर्ता इसी भाषा में जवाब देते हैं. जहां तक मेरा सवाल है तो मैं विनम्रता के साथ विकास की राजनीति की है. एक नंबर विधानसभा में अवैध कॉलोनी हैं जहां लोगों को बेसिक सुविधा नहीं मिलती, जिसे पूरा करने का प्रयास किया जाएगा.''
विवेक तंखा पर साधा निशाना: उन्होंने कांग्रेस नेता विवेक तंखा के बयान पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ''उनके पास इंटेलिजेंस के कोई अधिकृत आंकड़े नहीं हैं, इसलिए 85 सीटों पर ही भाजपा की जीत पर उनके दावे का आधार क्या है. इस तरह के बयान कोई प्रामाणिक बयान नहीं हैं, भाजपा दो तिहाई से अधिक सीटों पर जीत की तरफ बढ़ रही है.''