इंदौर। दुनिया भर में भारतीय मछली की तेजी से बढ़ती मांग के मद्दे नजर अब देश के मछली उत्पादन सेक्टर में खासा उछाल देखा जा रहा है. स्थिति यह है कि बीते कुछ सालों में ही देश में मछली का उत्पादन पूर्व की तुलना में दुगना हो चुका है, जिसके फलस्वरुप अब हर साल विभिन्न देशों में भारत से 60,000 करोड रुपए की मछली का निर्यात किया जा रहा है.
मत्स्य पालन में देश को पहले नंबर पर लाने का संकल्प: इंदौर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कार्यक्रम का आयोजन हुआ. मत्स्य संप्रदाय योजना के 3 वर्ष पूर्ण होने पर देश के विभिन्न मछली पालकों ने मछली उत्पादन में दूसरे नंबर के स्थान पर अब पहले नंबर पर आने का संकल्प लिया. इस अवसर पर मौजूद केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने बताया कि ''बीते 9 वर्ष में देश में 8000 किलोमीटर में फैले कोस्टल एरिया में मछली का उत्पादन तेजी से बड़ा है. जिसके फलस्वरुप हर साल अब 60,000 करोड़ रुपए का मत्स्य उत्पादन विभिन्न देशों के लिए एक्सपोर्ट हो रहा है.''
मछली पालने के लिए मछुआरों को प्रमोट: पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने बताया कि ''इसके अलावा देश में तमाम नदियां, जल स्रोत एवं पोखर में भी मछलियों को पालने के लिए मछुआरों को प्रमोट किया जा रहा है. इतना ही नहीं मछलियों में बीमारी के खतरे को पूर्ण रूप से नियंत्रित करने के लिए अब फिश डिजीज रिपोर्ट अप भी तैयार किया गया है.'' वहीं, देश भर में मछुआरे विभिन्न तकनीकी से मत्स्य उत्पादन करके अपनी आमदनी बढ़ा सके इसके लिए भी भारत सरकार तरह-तरह की सौगात मछली पालकों को देने जा रही है.
मछली उत्पादन की आधुनिक तकनीकी: पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने बताया कि ''देश में फिलहाल 31 तरह की गतिविधियों के जरिए मछली पालन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इसके अलावा मछली उत्पादन की आधुनिक तकनीकी के अलावा मछली उत्पादक समूह एवं मछुआरों को सामाजिक सुरक्षा एवं उनकी आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. यह सब मत्स्य उद्योग के लिए भारत सरकार द्वारा दी जा रही सौगातों के फल स्वरुप संभव हो सका है.'' इस अवसर पर मत्स्य उत्पादन राज्य मंत्री एस मुरूगन, मध्य प्रदेश के मछली पालन मंत्री तुलसी सिलावट, प्रमुख सचिव कल्पना श्रीवास्तव समेत मछली उत्पादन विभाग से जुड़े तमाम अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे.