इंदौर। शहर के रीगल चौराहे पर एक सामाजिक संगठन द्वारा तिरंगा अभियान के तहत विशाल और मानक स्तर का तिरंगा झंडा हर साल फहराया जाता है. इस गगन चूमते तिरंगे का ध्वजारोहण किसी शहीद परिवार के हाथों कराया जाता है. इस बार करगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता गिरधारीलाल बत्रा और मां कमलकांता बत्रा से ध्वजारोहण कराया गया.
शहीद विक्रम बत्रा के माता-पिता ने फहराया इंदौर का सबसे ऊंचा तिरंगा
इंदौर शहर के रीगल चौराहे पर विशाल तिरंगे का ध्वजारोहण कारगिल युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले देश के वीर सपूत शहीद मेजर विक्रम बत्रा के माता-पिता ने किया. इस दौरान उन्होंने अपने शहीद बेटे की यादों को ताजा करते हुए उनकी गौरव गाथा सुनाई.
कैप्टन विक्रम बत्रा के माता पिता ने रीगल तिराहे पर तिरंगा फहराया
इंदौर। शहर के रीगल चौराहे पर एक सामाजिक संगठन द्वारा तिरंगा अभियान के तहत विशाल और मानक स्तर का तिरंगा झंडा हर साल फहराया जाता है. इस गगन चूमते तिरंगे का ध्वजारोहण किसी शहीद परिवार के हाथों कराया जाता है. इस बार करगिल युद्ध में शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता गिरधारीलाल बत्रा और मां कमलकांता बत्रा से ध्वजारोहण कराया गया.
Intro:एंकर - कारगिल युद्ध में देश के लिए क़ुर्बानी देने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा के माता पिता ने आज स्वतंत्रता दिवस पर इंदौर के रीगल तिराहे पर तिरंगा फहराया। एक सामाजिक संगठन द्वारा कुछ साल पहले शुरू किये गए तिरंगा अभियान के तहत देश का विशाल और मानक स्तर का तिरंगा झंडा हर साल 15 अगस्त को किसी शहीद के परिवार के हाथों फहराया जाता है। आज इंदौर के रिगल तिराहे पर शाहिद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिता गिरधारीलाल बत्रा और माँ कमलकांता बत्रा ने तिरंगा झंडा फहराया। इस दौरान उनके विक्रम बत्रा के पिता ने शहीद विक्रम बत्रा की यादो को लोगो के साथ साझा किया और उनके गौरव की गाथा सुनाई। साथ ही यह भी बताया की विक्रम ने एक बार उनके मित्र से कारगिल में जाने से पहले कहा था की में जीत कर तिरंगा लहराकर आऊंगा या फिर उसी तिरंगे में लिपटकर आऊंगा। लेकिन आऊंगा जरूर।
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वीओ - दिल मांगे मोर का नारा देने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा ने कारगिल युद्ध में अपने शौर्य से करीब 5 चौकियों पर फतह हासिल करते हुए अपनी जान क़ुर्बान कर दी थी।
इंदौर के रीगल तिराहे के ध्वजा रोहन कार्यक्रम के आयोजक प्रकाश राठौर पिछले 10 वर्षो से यह आयोजन करते आ रहे है, और प्रत्येक वर्ष देशभक्ति की मिसाल, और अदम्य साहस का परिचय देने वाले लोग या उनके परिजनों को यहां आमंत्रित कर उनके द्वारा झंडा वंदन करवाते आ रहे है.. इस आयोजन के दौरान सेकड़ो की संख्या में शहरवासी भी इस क्षण के गवाह बने।
एक्शटेंशन - ध्वजा रोहन / सम्बोधन
बाइट - गिरधारी लाल बत्रा [ शहीद विक्रम बत्रा के पिता ]
बाइट - कमलकांता बत्रा [ शहीद विक्रम बत्रा की माँ ]
बाईट - प्रकाश राठौर [ आयोजक - तिरंगा अभियान ]Conclusion:वीओ - इंदौर के रीगल चौराहे पर इस तरह का बड़ा झंडा सालो एक संस्था के द्वारा फहराया जाता रहा है।
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वीओ - दिल मांगे मोर का नारा देने वाले कैप्टन विक्रम बत्रा ने कारगिल युद्ध में अपने शौर्य से करीब 5 चौकियों पर फतह हासिल करते हुए अपनी जान क़ुर्बान कर दी थी।
इंदौर के रीगल तिराहे के ध्वजा रोहन कार्यक्रम के आयोजक प्रकाश राठौर पिछले 10 वर्षो से यह आयोजन करते आ रहे है, और प्रत्येक वर्ष देशभक्ति की मिसाल, और अदम्य साहस का परिचय देने वाले लोग या उनके परिजनों को यहां आमंत्रित कर उनके द्वारा झंडा वंदन करवाते आ रहे है.. इस आयोजन के दौरान सेकड़ो की संख्या में शहरवासी भी इस क्षण के गवाह बने।
एक्शटेंशन - ध्वजा रोहन / सम्बोधन
बाइट - गिरधारी लाल बत्रा [ शहीद विक्रम बत्रा के पिता ]
बाइट - कमलकांता बत्रा [ शहीद विक्रम बत्रा की माँ ]
बाईट - प्रकाश राठौर [ आयोजक - तिरंगा अभियान ]Conclusion:वीओ - इंदौर के रीगल चौराहे पर इस तरह का बड़ा झंडा सालो एक संस्था के द्वारा फहराया जाता रहा है।