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लोटस वैली में होती है गुलाबी कमल की खेती, यहां प्रकृति भी बिखेरती है अपनी छटा - Pink lotus cultivation in Gulavat village

इंदौर के गुलावट गांव में गुलाबी कमल की खेती होती है, यहां यशवंत सागर तालाब के बैक वाटर में दशकों से ये खेती की जा रही है. इसीलिए इंदौर जिला प्रशासन इस स्थान को विश्व प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने जा रहा है. देखिए इंदौर की लोटस वैली की सुंदरता...

इंदौर की लोटस वैली
इंदौर की लोटस वैली
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Published : Jan 16, 2020, 7:02 PM IST

इंदौर। प्राकृतिक संपदा से भरपूर मध्यप्रदेश में ऐसे कई स्थान हैं, जो अपनी खूबियों और नैसर्गिक सुंदरता के बावजूद लोकप्रियता के अभाव में उपेक्षित हैं. ऐसा ही एक स्थान है इंदौर का गुलावट गांव. यहां यशवंत सागर तालाब के बैक वाटर में दशकों से गुलाबी कमल की खेती हो रही है. इस गांव का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा है कि कश्मीर के फूलों की वादियां भी फीकी पड़ जाए. यही वजह है कि अब इंदौर जिला प्रशासन इस स्थान को विश्व प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने जा रहा है. इसके लिए एक योजना भी तैयार की गई है जो जल्द ही अमल में आएगी.

इंदौर की लोटस वैली को बनाया जाएगा विश्व पर्यटन स्थल

इंदौर से हातोद रोड पर महज 30 किलोमीटर दूरी पर मौजूद जिले में ये एकमात्र गांव है, जहां गुलाबी कमल की खेती तालाब के बैक वाटर में हो रही है. इस स्थान को अब लोटस वैली के रूप में जाना जाता है. प्रकृति की गोद में बसा यह इतना सुंदर इलाका है कि अपने नैसर्गिक वातावरण और सुंदरता के कारण ये सैकड़ों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है.

सोशल मीडिया या किसी माध्यम से जैसे भी लोगों को इस स्थान का पता चल रहा है, वो उत्सुकतावश यहां पहुंचकर, यहां की कमल की वादियों को देखकर रोमांचित हो जाते हैं. भविष्य में भी यहां का प्राकृतिक स्वरूप प्रभावित ना हो, इसके लिए ग्रीन टेक्नोलॉजी के आधार पर इसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी है.

हालांकि गुलावत के बारे में लोगों को पता चलते ही यहां गुलाबी कमल और स्थानीय स्तर के पर्यटन स्थलों पर रोजगार और आय के साधन विकसित होने लगे हैं. इसके बावजूद जो लोग यहां पहुंच रहे हैं, वह इस स्थान और इसकी सुंदरता को देखकर खासे खुश हैं.

इंदौर। प्राकृतिक संपदा से भरपूर मध्यप्रदेश में ऐसे कई स्थान हैं, जो अपनी खूबियों और नैसर्गिक सुंदरता के बावजूद लोकप्रियता के अभाव में उपेक्षित हैं. ऐसा ही एक स्थान है इंदौर का गुलावट गांव. यहां यशवंत सागर तालाब के बैक वाटर में दशकों से गुलाबी कमल की खेती हो रही है. इस गांव का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा है कि कश्मीर के फूलों की वादियां भी फीकी पड़ जाए. यही वजह है कि अब इंदौर जिला प्रशासन इस स्थान को विश्व प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने जा रहा है. इसके लिए एक योजना भी तैयार की गई है जो जल्द ही अमल में आएगी.

इंदौर की लोटस वैली को बनाया जाएगा विश्व पर्यटन स्थल

इंदौर से हातोद रोड पर महज 30 किलोमीटर दूरी पर मौजूद जिले में ये एकमात्र गांव है, जहां गुलाबी कमल की खेती तालाब के बैक वाटर में हो रही है. इस स्थान को अब लोटस वैली के रूप में जाना जाता है. प्रकृति की गोद में बसा यह इतना सुंदर इलाका है कि अपने नैसर्गिक वातावरण और सुंदरता के कारण ये सैकड़ों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है.

सोशल मीडिया या किसी माध्यम से जैसे भी लोगों को इस स्थान का पता चल रहा है, वो उत्सुकतावश यहां पहुंचकर, यहां की कमल की वादियों को देखकर रोमांचित हो जाते हैं. भविष्य में भी यहां का प्राकृतिक स्वरूप प्रभावित ना हो, इसके लिए ग्रीन टेक्नोलॉजी के आधार पर इसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी है.

हालांकि गुलावत के बारे में लोगों को पता चलते ही यहां गुलाबी कमल और स्थानीय स्तर के पर्यटन स्थलों पर रोजगार और आय के साधन विकसित होने लगे हैं. इसके बावजूद जो लोग यहां पहुंच रहे हैं, वह इस स्थान और इसकी सुंदरता को देखकर खासे खुश हैं.

Intro:प्राकृतिक संपदा से भरपूर मध्यप्रदेश में ऐसे दर्जनों स्थान हैं जो अपनी खूबियों और नैसर्गिक सुंदरता के बावजूद लोकप्रियता के अभाव में उपेक्षित हैं इंदौर में ऐसा ही स्थान है गुलावट जहां यशवंत सागर तालाब के बैक वाटर में दशकों से गुलाबी कमल की खेती हो रही है लिहाजा गांव के आसपास जितने भी दलित रोते हैं उनमें गुलाबी कमल अपनी अलग सुंदरता बिखरता है इतना ही नहीं गांव का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा है कि कश्मीर के फूलों की वादियां भी फीकी पड़ जाए यही वजह है कि अब इंदौर जिला प्रशासन इस स्थान को विश्व प्रसिद्ध टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकसित करने जा रहा है


Body:इंदौर से हातोद रोड पर महज 30 किलोमीटर दूरी पर मौजूद इंदौर जिले में संभवत यह एकमात्र गांव है जहां गुलाबी कमल की खेती तालाब के बैग वाटर में हो रही है इस स्थान को अब लोटस वैली के रूप में जाना जा रहा है प्रकृति की गोद में बसा यह इतना सुंदर इलाका है कि अपने नैसर्गिक वातावरण और सुंदरता के कारण अब सैकड़ों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है सोशल मीडिया और अन्य तरह के माध्यमों से जैसे भी इस स्थान का पता चल रहा है वह उत्सुकता वश यहां पहुंचकर गुला वट की कमल की वादियों को देखकर अभिभूत है भविष्य में भी यहां का प्राकृतिक स्वरूप प्रभावित ना हो इसके लिए ग्रीन टेक्नोलॉजी के आधार पर इसे विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तैयारी है इसके लिए एक योजना भी तैयार की गई है जो जल्द ही अमल में आएगी हालांकि गुलावत के बारे में लोगों को पता चलते ही यहां गुलाबी कमल और स्थानीय स्तर के पर्यटन स्थलों पर रोजगार और आय के साधन विकसित होने लगे हैं इसके बावजूद जो लोग यहां पहुंच रहे हैं वह इस स्थान और इसकी सुंदरता को देखकर खासे खुश हैं


Conclusion:बाइट डॉक्टर नीरज चौधरी पर्यटक भोपाल
बाइट लोकेश जाटव कलेक्टर इंदौर
p2c Siddhartha machhiwal, indore
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